विदेशी मुद्रा हेजिंग रणनीति

विदेशी मुद्रा लेख 2023

विदेशी मुद्रा लेख 2023

सिंह वित्त राशिफल 2023

करियर के मामले में यह वर्ष सिंह राशि वालों के लिए बेहतरीन रहने वाला है। आय के नए अवसर प्राप्त होंगे। आय में वृद्धि होगी। आपका कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान बढ़ेगा। 7 जुलाई तक समय बेहतरीन रहेगा। आय में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होगी। विदेश से संबंध स्थापित होंगे। जो लोग नौकरी में परिवर्तन चाहते हैं, उनके लिए मई का महीना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। यह परिवर्तन उनके लिए काफी लाभदायक भी रहेगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। अपने कारोबार से संबंधित बड़े-बड़े लोगों से संबंध स्थापित होंगे। 7 जुलाई के बाद का समय स्थिर रहेगा। कारोबार जैसा चल रहा है, वैसा ही चलता रहेगा। ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिलेंगे। कुल मिला कर यह समय भी पॉजिटिव ही रहेगा।

22 जनवरी को शुक्र आपके कार्यक्षेत्र और पराक्रम-क्षेत्र के मालिक हो कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। क्योंकि उनकी युति इनके मित्र शनि के साथ, शनि की राशि में ही होगी। जिसके फलस्वरूप यह बेहद शुभ परिणाम देने वाले हैं। इस अवधि में आपकी आय में बढ़ोतरी होगी तथा यह बढ़ोतरी स्थिर रहेगी। शुक्र यहां पर 22 जनवरी से 15 फरवरी तक विराजमान रहेंगे। जिसके फलस्वरूप इन 24 दिनों में आपको इतने शुभ विदेशी मुद्रा लेख 2023 फल प्राप्त होंगे। जितने इस पूरे वर्ष में नहीं होंगे। जो जातक व्यापार करते हैं, उन्हें इस अवधि में कुछ बड़े आर्डर मिल सकते हैं। जिनमें उन्हें अधिक मात्रा में धन लाभ विदेशी मुद्रा लेख 2023 होगा। जो जातक नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में ऐसी नौकरी प्राप्त होगी, जो लंबे समय के लिए उनको आमदनी देती रहेगी। इस नौकरी में आपको तनख्वाह भी संतुष्टि जनक मिलेगी।

15 फरवरी से 12 मार्च तक का समय उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी रहेगा, जो ज्योतिष, रहस्यवाद, शोध तथा विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। ऐसे जातकों को नौकरी हेतु विदेश यात्रा का अवसर प्राप्त हो सकता है तथा यह यात्रा उनके लिए लाभकारी रहेगी। इसमें धन वृद्धि के साथ-साथ मान सम्मान में वृद्धि के भी योग बनेंगे। 12 मार्च से 6 अप्रैल तक शुक्र आपके नवम भाव में गोचर करेंगे। जहां उनकी युति राहु से रहेगी। इस समय में आप स्वार्थी हो सकते हैं, जिस वजह से आप अपना कार्य को सिद्ध कर लेंगे, परंतु आप के मान-सम्मान में हानि होगी। इस समय में आप कुछ अनुचित निर्णय भी ले सकते हैं, किसी को धोखा देने की स्थिति बन सकती है। 6 अप्रैल से 2 मई तक शुक्र आपके दशम भाव में गोचर करेंगे। जिसके फलस्वरूप आपकी आय के नए स्तोत्र बनेंगे तथा आमदनी में वृद्धि होगी। जो जातक नौकरी तलाश रहे हैं, उन्हें इस अवधि में उनकी योग्यता अनुसार नौकरी प्राप्त होगी। इस अवधि में मेहनत थोड़ी ज्यादा करनी पड़ सकती है ,परंतु आने वाले समय में आपको इस मेहनत का फल अवश्य मिलेगा। आपके उच्च अधिकारी आपके कार्य शैली से प्रसन्न होंगे तथा आपकी सराहना करेंगे। आपको किसी पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा सकता है। 2 मई से 30 मई के समय में जो जातक अपनी नौकरी में परिवर्तन चाहते हैं, उन्हें इस समय में नई नौकरी मिलेगी तथा तनख्वाह में अत्यधिक बढ़ोतरी मिलेगी। जो लोग नौकरी हेतु राज्य या देश बदलना चाहते हैं, उनके लिए यह समय श्रेयस्कर रहेगा।

जो जातक विदेश में व्यापार करते हैं या विदेशी मुद्रा में व्यापार करते हैं, उनके लिए यह समय अत्यधिक आर्थिक लाभ लेकर आया है। उनके संबंध कुछ ऐसे लोगों से बन सकते हैं, जो उनके व्यापार को बढ़ाने में उनकी मदद करेंगे तथा यह समय विदेश में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए भी श्रेष्ठ रहेगा। 30 मई से 3 नवंबर तक शुक्र आपके द्वादश और लग्न भाव में गोचर करेंगे जिसके फलस्वरूप आपका अपने ऐशो आराम पर खर्च बढ़ सकता है। जो जातक ऑनलाइन व्यापार करते हैं, उनके लिए यह समय आय में वृद्धि का रहेगा। इस समय में आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा तथा प्रतिष्ठित लोगों में आपकी जान पहचान बढ़ेगी, जिसके फलस्वरूप आने वाले समय में आपको अत्यधिक धन लाभ होगा। आप अपने संस्थान या कंपनी को विख्यात करने में कामयाब होंगे। 3 नवंबर से वर्ष के अंत तक आपको धन लाभ तो होगा, परंतु साथ ही आपको कुछ लोगों की आलोचना का शिकार भी होना पड़ेगा। जरूरत से ज्यादा स्वाभिमान, अभिमान को जन्म देता है। इस समय में आपको अपने स्वाभिमान के कारण शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।

गुजरात के मुख्यमंत्री को हटाने का संकेत देने वाले लेख के लिए अख़बार के संपादक और मालिक पर केस

गुजरात के राजकोट से प्रकाशित ‘सौराष्ट्र हेडलाइन’ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कामकाज से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नाराज़गी का ज़िक्र करते हुए उनके ख़िलाफ़ यह संभावित क़दम उठाए जाने का संकेत दिया गया था. साल 2020 में एक गुजराती समाचार पोर्टल के संपादक पर कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव देने वाली रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था. The post गुजरात के मुख्यमंत्री को हटाने का संकेत देने वाले लेख के लिए विदेशी मुद्रा लेख 2023 अख़बार के संपादक और मालिक पर केस appeared first on The Wire - Hindi.

गुजरात के राजकोट से प्रकाशित ‘सौराष्ट्र हेडलाइन’ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कामकाज से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नाराज़गी का ज़िक्र करते हुए उनके ख़िलाफ़ यह संभावित क़दम उठाए जाने का संकेत दिया गया था. साल 2020 में एक गुजराती समाचार पोर्टल के संपादक पर कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव देने वाली रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था.

सांध्य दैनिक ‘सौराष्ट्र हेडलाइन’ में ‘गुडबाय भूपेंद्रजी, वेलकम रूपाला’ शीर्षक से 22 अगस्त को प्रकाशित रिपोर्ट. (फोटो साभार: फेसबुक)

राजकोट: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पद से संभवत: हटाए जाने का संकेत देने वाला एक रिपोर्ट प्रकाशित करने विदेशी मुद्रा लेख 2023 को लेकर राजकोट शहर के एक सांध्य दैनिक के संपादक और इसका स्वामित्व रखने वाली उनकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.

पुलिस ने बताया कि एफआईआर दो दिन पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505 (1बी) (सरकार या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध के लिए किसी व्यक्ति को उकसाने वाली हरकत) और धारा 505 (2) (वैमनस्य, नफरत या दुर्भावना की भावना पैदा करने के इरादे से अफवाह या सनसनी फैलाने वाली रिपोर्ट प्रसारित या प्रकाशित करना) के तहत दर्ज की गई.

‘सौराष्ट्र हेडलाइन’ में प्रकाशित आलेख (Report) में मुख्यमंत्री पटेल के कामकाज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी का जिक्र करते हुए उनके (पटेल के) खिलाफ यह संभावित कदम उठाए जाने का संकेत दिया गया था.

राजकोट सिटी ए-डिवीजन पुलिस थाना के निरीक्षक सीजी जोशी ने कहा कि ‘गुडबाय भूपेंद्रजी, वेलकम रूपाला’ शीर्षक से एक आलेख समाचार पत्र में 22 अगस्त को प्रकाशित किया गया था, जिसके बाद समाचार पत्र के संपादक अनिरूद्ध नाकुम और उनकी पत्नी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई.

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट संपादक ने लिखी थी, जबकि समाचार विदेशी मुद्रा लेख 2023 पत्र का स्वामित्व उनकी पत्नी के पास है.

जोशी ने कहा कि दोनों आरोपियों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है.

बाबूभाई वाघेरा नाम के व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, ‘आलेख दावे का समर्थन करने वाले किसी सूचना के बगैर अफवाह फैलाने और भाजपा समर्थकों के बीच विदेशी मुद्रा लेख 2023 दहशत फैलाने तथा विभिन्न राजनीतिक समर्थकों के बीच नफरत पैदा करने के इरादे के साथ लिखा गया, ताकि शांति व्यवस्था में खलल डाला जा सके.’

एफआईआर के अनुसार, समाचार पत्र के आलेख में इस बारे में चर्चा की गई है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से कैसे नाखुश है. साथ ही पार्टी नेतृत्व उनकी जगह किसी और को इस पद पर आसीन करने पर विचार कर रहा है तथा केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया इस पद की दौड़ में आगे हैं.

मालूम हो कि दो साल पहले गुजराती समाचार पोर्टल ‘फेस ऑफ नेशन’ के संपादक धवल पटेल पर राज्य में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों की आलोचना के कारण गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव देने वाली एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए 11 मई 2020 को राजद्रोह का केस दर्ज कर 15 दिन की हिरासत में भेज दिया गया था.

इस लेख में कथित तौर पर दावा किया गया था कि राज्य में कोरोना वायरस महामारी से निपटने को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पद से हटाया जा सकता है.

पटेल को अहमदाबाद स्थित उनके आवास से क्राइम ब्रांच की अहमदाबाद डिटेक्शन टीम ने हिरासत में लिया था. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 54 (झूठी चेतावनी के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

सत्र अदालत ने ने पुलिस द्वारा पेश किए गए दस्तावेज और एफआईआर का संज्ञान लेते हुए कहा था कि पत्रकार धवल पटेल को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने के लिए यह कोई आरोप स्थापित नहीं करते हैं और 26 मई 2020 को उन्हें जमानत मिल गई थी.

इसके बाद नवंबर 2020 में गुजरात हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट के लिए बिना शर्त माफी मांगने पर एक पत्रकार धवल पटेल के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले को रद्द कर दिया था.

2 On-Campus Diploma प्रोग्राम्स में पत्रकारिता और जन संचार में सिंगापुर, सिंगपुर 2023

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खाड़ी देशों में बसे भारतीयों को लौटना पड़ा, तो कितना नुकसान होगा?

कुवैत में प्रवासी कोटा बिल मंज़ूर होने के बाद लाखों भारतीयों को लौटना पड़ सकता है. फाइल फोटो

Kuwait की करीब 48 लाख की आबादी में 14 लाख Indian Origin के ​हैं. Covid-19 के सदमे से उबरने के लिए बने कानूनों के चलते अगर इनमें से 7 से 8 लाख को भारत लौटना पड़ सकता है. पूरे Gulf States में कठिन स्थितियों में घिरे भारतीयों के बारे में जानने के साथ ही समझें कि क्या दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी पलायन नज़र आने वाला है.

  • News18India
  • Last Updated : July 06, 2020, 17:57 IST

Corona Virus के कहर विदेशी मुद्रा लेख 2023 के बाद Economy को संभालने के लिए खाड़ी देशों में Employment को लेकर बहुत बड़ा बदलाव देखा जाने वाला है. जून में हज़ारों प्रवासी इन देशों से इसलिए अपने घरों को लौटे थे क्योंकि श्रम के बाज़ार (Labor Market) में रोज़गार के लिए स्वदेशियों को तरजीह दिए जाने वाले प्रावधान बनाए गए. ताज़ा घटनाक्रम में कुवैत ने प्रवासी कोटा बिल (Expat Quota Bill) मंज़ूर किया है, जिसके बाद संभावना है कि करीब 8 लाख भारतीयों (Migrant Indians) को वहां से लौटना होगा.

कुवैत, कतर, बहरीन, UAE और सऊदी अरब जैसे देशों में बाहरी आबादी अत्यधिक रही है. इंटरनेशनल लेबर संस्था ILO के मुताबिक सऊदी की कुल आबादी करीब साढ़े तीन करोड़ है जिसमें में साढ़े दस करोड़ विदेशी हैं. सऊदी अरब और यूएई में विदेशी प्रवासियों की आबादी दुनिया में तीसरी और पांचवी सबसे बड़ी प्रवासी आबादी है. और ये माइग्रेंट गल्फ देशों के साथ ही अपने देशों के लिए अर्थव्यवस्था के अहम हिस्से रहे हैं. जानें खाड़ी देशों में भारतीय समुदाय का सामाजिक और आर्थिक महत्व क्या रहा है.

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1990 के बाद और बड़ी तादाद में कुवैत से भारतीयों की देश वापसी हो सकती है.

एक चौथाई प्रवासी भारतीय खाड़ी में
एक अनुमान के मुताबिक भारतीय समुदाय के तीन करोड़ दस लाख से ज़्यादा लोग दुनिया के 134 देशों में बसे हुए हैं. इनमें से 80 लाख से ज़्यादा भारतीय खाड़ी देशों में हैं. इतनी बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में बसे भारतीयों के कारण भारत के खाड़ी देशों से बेहतर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रिश्ते ज़रूरत रहे हैं और समय के साथ मज़बूत होते गए हैं.

विदेश नीति में इन भारतीयों की ताकत
प्रवासी भारतीयों की खाड़ी में इतनी तादाद को भारत के राजनीतिक दर्शन में तो जगह हासिल है ही, भारत की विदेश नीति में भी इन प्रवासियों को सॉफ्ट पावर के तौर पर देखा जाता है. हालांकि 1950 और 1960 के दशक में ऐसा नहीं था, लेकिन 1970 के दशक से बदलाव शुरू हुआ. अब तो भारत नीतिगत तौर पर अपने मूल के लोगों के प्रवासियों को लेकर एक्टिव रहता है. इन प्रवासी भारतीयों को भारत में वोट करने तक के अधिकार दिए जा चुके हैं. इसका सबसे बड़ा कारण इस समुदाय से जुड़ी भारी अर्थव्यवस्था है.

यहीं से आता है विदेशी मुद्रा का खज़ाना
भारत सहित कई विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में विदेशी मुद्रा का काफी महत्व है क्योंकि इससे जीडीपी विकास दर सीधे तौर पर जुड़ी हुई है. साल 2018 में दुनिया के जिस देश को विदेशों से भेजा गया धन सबसे ज़्यादा मिला, 79 अरब डॉलर के साथ वह देश भारत ही था. खाड़ी देशों से भारत को कितनी विदेशी मुद्रा मिली? सऊदी अरब से 11.2 अरब डॉलर, कुवैत से 4.6, कतर से 4.1, ओमान से 3.3 और यूएई से 13.8 अरब डॉलर भारत भेजे गए थे.

इसके अलावा और भी फायदे भारत को हुए. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर अनीसुर्रहमान के लेख के मुताबिक धन के साथ ही ये प्रवासी नए आइडिया, वर्क कल्चर, अनुशासन, नॉलेज, वैज्ञानिक नज़रिये, नए कौशल आदि भी भारत भेजते हैं, जो देश की तरक्की से सीधे तौर पर जुड़ता है. इसलिए इन समुदायों के हितों को ध्यान में रखना भारत का फर्ज़ भी बन जाता है.

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1990 में खाड़ी युद्ध के समय भारतीयों को एयरलिफ्ट के ज़रिये कुवैत से भारत लाया गया था.

कुछ कानून बने, कुछ की ज़रूरत
खाड़ी में प्रवासी भारतीयों के हितों की रक्षा के लिए भारत ने समय समय पर कई खाड़ी देशों के साथ कई तरह के एमओयू साइन किए और सुनिश्चित किया कि प्रवासी भारतीयों के मानवाधिकारों का हनन न हो. इसके बावजूद श्रम के क्षेत्र में वर्करों के शोषण, उत्पीड़न और अन्याय से जुड़े मामले सामने आने के बाद विशेषज्ञ अभी और मज़बूत व्यवस्थाओं की ज़रूरत बताते रहे हैं.

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खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्था का क्या होगा?
अपने देश के लोगों को रोज़गार और बेहतर आर्थिक अवसर मुहैया कराने के लिए खाड़ी विदेशी मुद्रा लेख 2023 देशों में विदेशियों की संख्या कम किए जाने संबंधी कानूनों को लेकर कहा जा रहा है कि इससे इन देशों में रोज़गार में गिरावट आएगी. ऑक्सफोर्ड इको​नॉमिक्स की एक रिसर्च में कहा गया कि प्रवासियों के इतनी बड़ी तादाद में खाड़ी देशों से जाने पर 13 फीसदी रोज़गार गिरावट होगी, इसका मतलब होगा कि सऊदी अरब में ही करीब 17 लाख रोज़गार कम होंगे.

अरब के खाड़ी देशों में बहुसंख्या में रहने वाले भारतीय, पाकिस्तानी, मिस्री और फिलीपीनी प्रवासी तेज़ी से अपने घरों को लौट रहे हैं. एक इन्वेस्टमेंट कंपनी का अनुमान है कि इस विदेशी मुद्रा लेख 2023 साल सऊदी अरब से ही करीब 12 लाख विदेशी वर्कर चले जाएंगे. अब हालात ये हैं कि कुवैत स​मेत खाड़ी देशों के कानूनी हालात पर भारतीय दूतावास लगातार नज़र रखे हैं और बातचीत चल रही है. हालांकि इस स्थिति पर भारत की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है.

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करेंट अफेयर्स – 23 दिसंबर 2021

हाल ही में दिनांक 20 दिसंबर, 2021 को संयुक्त राष्ट्र खाद्य कार्यक्रम के साथ नीति आयोग ने आशय घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस आशय घोषणा पत्र के तहत मोटे अनाज पर विशेष ध्यान, ज्ञान के आदान-प्रदान में भारत को विश्व का नेतृत्व करने में समर्थन और इसके अलावा नीति आयोग व विश्व खाद्य कार्यक्रम के बीच रणनीतिक तथा तकनीकी सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस साझेदारी का मुख्य लक्ष्य छोटी जोत के किसानों के लिए सतत आजीविका के अवसर बनाने के साथ ही जलवायु परिवर्तन को देखते हुए क्षमताओं को अपनाना और खाद्य प्रणाली में बदलाव लाना है।

भारत सरकार ने कदन्न फसलों के महत्त्व को पहचान कर वर्ष 2018 को ‘कदन्न वर्ष’ के रूप में मनाया गया, जिसका उद्देश्य मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहन देना था। सरकार की इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र आमसभा में वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव का नेतृत्व किया। कदन्न फसलों में आने वाले मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी, मड़ुवा, सावां, कोदों, कुटकी, कंगनी, चीना आदि हैं।

स्पाइस स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस 2021 पुस्तक का विमोचन –

हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सुपारी और मसाला विकास निदेशालय द्वारा प्रकाशित “स्पाइस स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस 2021” पुस्तक का विमोचन किया। देश में उत्पादित सभी तरह के मसालों के आंकड़ें, क्षेत्र, उत्पादन-उत्पादकता, निर्यात-आयात, मूल्य व महत्व का विशेष संग्रह इस पुस्तक में सम्मिलित है। यह पुस्तक राष्ट्रीय स्तर पर मसालों के क्षेत्र व उत्पादन अनुमानों के संग्रह और संकलन की नोडल एजेंसी, सुपारी और मसाला विकास निदेशालय, केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित की गई है।

इस अवसर पर बताया कि देश में मसाला उत्पादन वर्ष 2014-15 के 67.64 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 60% वृद्धि के साथ करीब 107 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया है। मिर्च, अदरक, हल्दी, जीरा आदि प्रमुख मसालों के उत्पादन में शानदार वृद्धि से विदेशी मुद्रा आय 2014-15 के 14899 करोड़ रू. से लगभग दो गुना बढ़कर 2020-21 में 29535 करोड़ रु. मिली है।

DRDO ने किया ‘प्रलय (Pralay)’ मिसाइल का पहला सफलतापूर्वक परीक्षण –

हाल ही में दिनांक 22 दिसंबर, 2021 को डीआरडीओ ने पूर्ण रूप से स्वदेश में विकसित नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल ‘प्रलय (Pralay)’ का पहला सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण ओडिशा तट पर डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। इसमें मिसाइल ने अपने पहले परीक्षण के दौरान सभी उद्देश्यों को पूरा करते हुए वांछित अर्ध बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र का अनुसरण किया और नियंत्रण, मार्गदर्शन तथा मिशन एल्गोरिदम को प्रमाणित करते हुए पूर्ण सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य को हासिल किया और सभी उप-प्रणालियों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा।

Pralay missile के बारे में:

  • ‘प्रलय मिसाइल’ ठोस प्रॉपेलेंट रॉकेट मोटर और नई तकनीकों से संचालित होती है।
  • इसकी रेंज क्षमता 150-500 किलोमीटर है और इसे मोबाइल लॉन्चर के माध्यम से लॉन्च किया जा सकता है।
  • अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स सिस्टम, प्रलय मिसाइल की गाइडेंस प्रणाली में शामिल है।

राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers’ Day) –

देश में राष्ट्रीय किसान दिवस प्रतिवर्ष 23 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन कृषि क्षेत्र की नवीनतम सीखों के साथ समाज के किसानों को सशक्त बनाने के विचारों पर जोर देता है। इस दिन का गठन देश के किसानों को प्रोत्साहित करने और देश में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए किया गया है। भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री के रूप में चौधरी चरण सिंह का कार्यकाल 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक रहा।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और वे शुरू से ही किसानों के प्रति हितेषी रहे हैं। उन्होंने दिनांक 23 दिसंबर, 1978 को किसान ट्रस्ट बनाया था। उन्हें किसानों के मसीहा के तौर पर भी जाना जाता है। इसलिए भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस पर विदेशी मुद्रा लेख 2023 प्रतिवर्ष किसान दिवस मनाने का निर्णय लिया। इस दिवस पर आयोजित किए जाने वाले समारोह लोगों को किसानों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों के बारे में शिक्षित करने का कार्य करते हैं।

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