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शॉर्ट टर्म ऑप्शंस में ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं

शॉर्ट टर्म ऑप्शंस में ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं
Zee News Desk | Updated: Aug 27, 2021, 03:18 PM IST

बाजार में लौटा खरीदारी का जोश, शिवांगी सरडा से जानें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में शानदार कमाई के टिप्स

आज दोपहर 12 बजे के दौरान बैंक निफ्टी में 38500, 38600 और 38700 के लेवल पर सबसे ज्यादा पुट राइटर्स एक्टिव नजर आये

मोतीलाल ओसवाल की शिवांगी सरडा ने बाजार पर बुलिश नजरिया अपनाते हुए आज निफ्टी में बाय ऑन डिक्लाइन की सलाह दी है

कल की तेज गिरावट के बाद बाजार में आज खरीदारी का मूड है। निफ्टी 17500 के ऊपर निकल गया है। बैंक निफ्टी में तेजी ज्यादा दिख रही है। सीएनबीसी-आवाज़ के फ्यूचर एक्सप्रेस में आज की हमारी एक्सपर्ट मोतीलाल ओसवाल की शिवांगी सरडा हैं। शिवांगी ने आज के बाजार पर अपनी ट्रेडिंग रणनीति बताई। इसके साथ उन्होंने शेयरों पर अपने दमदार ट्रेड्स के साथ एक सस्ता ऑप्शन भी दिया।

NIFTY में राइटर्स की आज की रेंज

आज दोपहर 12 बजे के दौरान निफ्टी में सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स 17600, 17700 और 17800 के लेवल पर एक्टिव नजर आये

Investment Tips: अमीर बनने के लिए शॉर्ट टर्म ऑप्शंस में ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं यहां करना होता है निवेश, बेहतरीन रिटर्न के साथ टैक्स में मिलती है छूट!

अगर आप भी अपनी मेहनत की कमाई को निवेश कर बेहतर रिटर्न पाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. आज हम आपको 7 ऐसे तरीके बताएंगे जहां आप लॉन्ग या शॉर्ट टर्म के लिए इनवेस्ट कर सकते हैं.

Investment Tips: अमीर बनने के लिए यहां करना होता है निवेश, बेहतरीन रिटर्न के साथ टैक्स में मिलती है छूट!

Zee News Desk

Zee News Desk | Updated: Aug 27, 2021, 03:18 PM IST

  • आम आदमी भी यहां इन्वेस्ट कर बेहतर रिटर्न पा सकते हैं
  • गोल्ड और पोस्ट ऑफिस में निवेश है रिस्क फ्री
  • म्यूचुअल फंड या शेयर में निवेश से रातोंरात बन सकते हैं लखपति

नई दिल्ली: अगर आप भी अपने पैसों को अलग-अलग जगह इन्वेस्ट कर जल्दी अमीर बनने का सपना देख रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. आज हम आपको उन तरीकों के बारे में बताएंगे जहां निवेश करने से आपका अमीर बनने का सपना पूरा हो जाएगा. इससे न सिर्फ आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा बल्कि टैक्स भी छूट मिलेगी. चलिए जानते हैं क्या हैं वो तरीके.

म्यूचुअल फंड में निवेश

SBI Mutual Fund देश की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है. ये करीब 100 से ज्यादा म्चूचुअल फंड स्कीमें चलाती है. इन दिनों लोग बड़ी तादाद में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में एंट्री कर रहे हैं. इसके जरिए आप सिर्फ शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं. अगर आपको पांच, सात या दस साल या इससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए दूसरे म्यूचुअल फंड होंगे. अगर आप छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आप डेट फंड या लिक्विड फंड चुन सकते हैं. लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड सही रहेंगे.

Gold में भी करें इन्वेस्टमेंट

भारत में निवेश के लिए सोना (Gold) एक भरोसेमंद विकल्प होता है. सालों से लोग अपनी बचत को सोने में निवेश करते हैं. सोने में निवेश करने वाले पेपर गोल्ड, गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड को बेहतर विकल्प के तौर पर चुन रहे हैं. इन माध्यमों से सोने में निवेश करने पर सोने को खरीदना और बेचना आसान होता है. वहीं आपको सोने की सुरक्षा की भी चिंता नहीं होती है. आपको निवेश पर बेहतर रिटर्न भी मिलता है.

पोस्ट आफिस मंथली इनकम स्कीम

पोस्ट आफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) आम आदमी के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है. इससे मंथली कमाई का मौका मिलता है. साथ ही रिटर्न की गारंटी होती है, और तय ब्याज के हिसाब से आपका पैसा बढ़ता है. जानकारी के अनुसार, इसमें 6.6 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. अगर आप इस योजना में निवेश करना चाहते हैं तो 1500 से 4.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. वहीं अगर आप ज्वॉइंट अकाउंट के तहत निवेश की योजना बना रहे हैं तो इसकी लिमिट 9 लाख रुपये है.

नेशनल पेंशन सिस्टम

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) मैनेज करती है. यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बेहतर विकल्प है, जिसमें निवेश के जरिए आप अपनी मंथली पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं. इसके साथ ही एकमुश्त फंड भी मिलता है. यहां आपके निवेश को एफडी, इक्विटी, कॉरपोरेट बांड, गवर्नमेंट फंड और लिक्विड फंड में लगाया जाता है. इसमें किए गए निवेश से इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

पब्लिक प्रोविडें फंड (PPF) एक लंबी अवधि का निवेश है. भारत में इसे इन्वेस्टमेंट का सबसे लोकप्रिय साधन माना जाता है. आप अपने नजदीकी बैंक या डाकघर में जाकर PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं. इसमें मेच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है. यह अकाउंट 500 रुपये से खोला जा सकता है और इसमें एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. इसे आगे भी 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. PPF अकाउंट पर अभी 7.9 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. खास बात है कि PPF 100 परसेंट डेट इंस्ट्रमेंट है, यानी इसका पूरा पैसा बॉन्ड्स वगैरह में लगता है. इसलिए ये पूरी तरह से सेफ है.

फिक्सड डिपॉजिट

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारत में निवेश का बेहद लोकप्रिय माध्यम है. क्योंकि इसमें आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है साथ ही टैक्स की बचत भी होती है. एफडी अकाउंट किसी भी बैंक या डाकघर में खुलवाया जा सकता है. इसमें 7 दिन से 10 साल तक निवेश का विकल्प होता है. इसमें एक तय ब्याज पर आपका पैसा जमा हो जाता है. इसे लो रिस्क इन्वेस्टमेंट कटेगिरी में रखा गया है, जहां रिस्क बेहद कम होता है. ज्यादातर बैंक 5 साल की एफडी पर 6-8 प्रतिशत के बीच ब्याज दे रहे हैं. इतना ही नहीं, PPF खाते में पैसा कब जमा करना है इसकी कोई तय तारीख नहीं है. आप मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना तौर पर PPF में पैसा जमा कर सकते हैं.

शेयरों में करें इन्वेस्ट

शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है. हालांकि शेयरों में सीधे निवेश करना आसान नहीं है. सिर्फ ऑनलाइन निवेशक खुद ट्रेडिंग कर सकते हैं. जबकि, ऑफलाइन में ब्रोकर की सेवाएं लेनी पड़ेंगी. डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं. इसमें रिटर्न की कोई गारंटी भी नहीं है. सही शेयरों का चुनाव मुश्किल काम है. इसके साथ ही शेयर की सही समय पर खरीदारी और सटीक वक्त पर निकलना महत्वपूर्ण है.

F&O की कवर्ड कॉल स्ट्रैटेजी क्या है, कैसे मिलता है घर बैठे हर महीने कमाई का मौका

आपके डीमैट अकाउंट में किसी कंपनी के शेयर हैं और आप आप उसे बेचना नहीं चाहते तो कवर्ड कॉल रणनीति से इस होल्डिंग पर भी पैसा कमा सकते हैं.

  • Vijay Parmar
  • Updated On - July 30, 2021 / 08:09 PM IST

F&O की कवर्ड कॉल स्ट्रैटेजी क्या है, कैसे मिलता है घर बैठे हर महीने कमाई का मौका

इस कंपनी पर तमिलनाडु सरकार का पूर्ण स्वामित्व है और ये कंपनी एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के तौर पर RBI के साथ रजिस्टर्ड है

Covered Call Strategy: आप एक स्टॉक में लॉन्ग पोजिशन रखने के साथ ही, प्रीमियम के माध्यम से आय उत्पन्न करने के लिए उसी स्टॉक पर कॉल आप्शन को बेचते हैं, जिसे दलाल स्ट्रीट में कवर्ड कॉल रणनीति कहते है. इसे कॉल ऑप्शन की राइटिंग करना भी कहते हैं. इसमें आप किसी पोजिशन को दूसरी पोजिशन से कवर करते है और जोखिम के सामने सुरक्षा का कवच बनाते है. डेरिवेटिव्स एक्सपर्ट के मुताबिक, स्थिर आय प्राप्त करने के लिए इस रणनीति का लाभ ले सकते है, लेकिन आप जिस स्टॉक की पोजिशन लेना चाहते हैं उसके लॉट साइज जितना पैसा आपके डीमैट खाते मे होना जरूरी है.

“ऑप्शंस ट्रेडिंग में कई स्ट्रैटेजी हैं, जिनका उपयोग करके निवेशक अच्छा पैसा कमा सकते है. कवर्ड कॉल रणनीति आपको ऐसा मौका देती है, लेकिन उसके लिए आपके पास मार्केट का नॉलेज होना जरूरी है. आपको इस रणनीति में आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित कर लेना चाहिए की आप जिस पोजिशन के लिए पैसा लगा रहे है वह कितनी सफल हो सकती है. आपको रिस्क-केपसिटी के आधार पर ही आगे बढना चाहिए,” ऐसा SEBI-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर धर्मेश कुमार भट्ट ने money9.com को बताया.

कवर्ड कोल रणनीति में क्या करना होता हैः
निवेशक उसके पास जो स्टोक है उसके कॉल ऑप्शन को बेचता है. कॉल ऑप्शन को बेचकर, निवेशक अनिवार्य रूप से उस एसेट की कीमत को लॉक कर देता है, जिससे वह शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट का लाभ ले सकता है. इसके अलावा, निवेशक को स्टॉक की कीमतों में भविष्य में किसी भी गिरावट से थोड़ी सुरक्षा भी मिलती है. कवर्ड कॉल रणनीति उस समय अच्छी तरह से काम करती है, जब निवेशक बुलिश होता है. वह जानता है कि सिर्फ स्टॉक या अंडरलेइंग एसेट की होल्डिंग करने पर ही वह अच्छा मुनाफा नहीं कमाया जा सकता. इसलिए, वह ऊंचे स्ट्राइक प्राइज पर, स्टॉक पर कॉल आप्शन बेचता है, और उस स्ट्राइक प्राइस तक प्रीमियम प्राप्त करता है.

ये रणनीति काम कैसे करती हैः
“कवर्ड कॉल राइटिंग से रिटेल निवेशक पैसा बना सकते है. इसमें आपको F&O लॉट साइज जितनी डिलीवरी खरीदनी होती है. मान लीजिए, आपके पास XYZ कंपनी का 3,200 का लॉट 210 रूपये के भाव में पड़ा है. इसमें 2 रुपये के प्रीमियम में 215 की स्ट्राइक का कॉल ऑप्शन सेल कर सकते हैं. शेयर का भाव चाहे किसी दिशा में जाए, आपको एक महीने शॉर्ट टर्म ऑप्शंस में ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं के बाद 6,400 रुपये (2.00 x 3200) मिलना सुनिश्चित है,“ ऐसा डेरिवेटिव्स एक्सपर्ट और Equitymath के फाउंडर शशांक महेता बताते हैं.

इंडेक्स में एक्सपायरी दिन की अस्थिरता की उम्मीद के साथ ट्रेडर्स हर गुरुवार को कोल और पुट ओप्शन खरीदते है. पिछले 12 महीनों में भारतीय बाजारों ने जितनी वोलेटिलिटी देखी है, उतनी शायद ही कभी देखी होगी, इसलिए गुरुवार को, खासकर बैंक निफ्टी में, एक्स्पायरी आधारित ट्रेड करने का यह आइडिया काफी लोकप्रिय हो गया है, ऐसा महेता बताते है.

फायदा और नुकसानः
यह रणनीति निवेशक को सीमित मुनाफा प्रदान करती है, हालांकि, नुकसान असीमित हो सकता है. आपने जिस भाव की उम्मीद के साथ स्ट्राइक को चुना होगा, यदि भाव उससे उपर जाता है तब केवल प्रीमियम और फिक्स्ड किए गए भाव तक का मुनाफा होगा. इस रणनीति में आपको अपने स्टॉक की खरीद और कॉल ऑप्शन कोन्ट्राक्ट की बिक्री के लिए समय नहीं देना पड़ता है. स्टॉक खरीदने के बाद आप कभी भी उसके कॉल ऑप्शन को बेच सकते हैं.

सावधानी रखेः
इसमें शामिल जोखिम की मात्रा के कारण ओप्शन रणनीतियों के दौरान हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए. SEBI-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर और NISM-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट हिमांशु शाह के मुताबिक, रिटेल इंवेस्टर को ओप्शन शॉर्ट टर्म ऑप्शंस में ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं बाय करके ही ट्रेडिंग करना चाहिए. महीने की शुरुआती दो हफ्तो में सक्रिय रहे और पोजिशन बनाएं, लेकिन एक्स्पायरी के नजदीकी दिनों में दूर रहना चाहिए.

F&O की कवर्ड कॉल स्ट्रैटेजी क्या है, कैसे मिलता है घर बैठे हर महीने कमाई का मौका

आपके डीमैट अकाउंट में किसी कंपनी के शेयर हैं और आप आप उसे बेचना नहीं चाहते तो कवर्ड कॉल रणनीति से इस होल्डिंग पर भी पैसा कमा सकते हैं.

  • Vijay Parmar
  • Updated On - July 30, 2021 / 08:09 PM IST

F&O की कवर्ड कॉल स्ट्रैटेजी क्या है, कैसे मिलता है घर बैठे हर महीने कमाई का मौका

इस कंपनी पर तमिलनाडु सरकार का पूर्ण स्वामित्व है और ये कंपनी एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के तौर पर RBI के साथ रजिस्टर्ड है

Covered Call Strategy: आप एक स्टॉक में लॉन्ग पोजिशन रखने के साथ ही, प्रीमियम के माध्यम से आय उत्पन्न करने के लिए उसी स्टॉक पर कॉल आप्शन को बेचते हैं, जिसे दलाल स्ट्रीट में कवर्ड कॉल रणनीति कहते है. इसे कॉल ऑप्शन की राइटिंग करना भी कहते हैं. इसमें आप किसी पोजिशन को दूसरी पोजिशन से कवर करते है और जोखिम के सामने सुरक्षा का कवच बनाते है. डेरिवेटिव्स एक्सपर्ट के मुताबिक, स्थिर आय प्राप्त करने के लिए इस रणनीति का लाभ ले सकते है, लेकिन आप जिस स्टॉक की पोजिशन लेना चाहते हैं उसके लॉट साइज जितना पैसा आपके डीमैट खाते मे होना जरूरी है.

“ऑप्शंस ट्रेडिंग में कई स्ट्रैटेजी हैं, जिनका उपयोग करके निवेशक अच्छा पैसा कमा सकते है. कवर्ड कॉल रणनीति आपको ऐसा मौका देती है, लेकिन उसके लिए आपके पास मार्केट का नॉलेज होना जरूरी है. आपको इस रणनीति में आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित कर लेना चाहिए की आप जिस पोजिशन के लिए पैसा लगा रहे है वह कितनी सफल हो सकती है. आपको रिस्क-केपसिटी के आधार पर ही आगे बढना चाहिए,” ऐसा SEBI-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर धर्मेश कुमार भट्ट ने money9.com को बताया.

कवर्ड कोल रणनीति में क्या करना होता हैः
निवेशक उसके पास जो स्टोक है उसके कॉल ऑप्शन को बेचता है. कॉल ऑप्शन को बेचकर, निवेशक अनिवार्य रूप से उस एसेट की कीमत को लॉक कर देता है, जिससे वह शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट का लाभ ले सकता है. इसके अलावा, निवेशक को स्टॉक की कीमतों में भविष्य में किसी भी गिरावट से थोड़ी सुरक्षा भी मिलती है. कवर्ड कॉल रणनीति उस समय अच्छी तरह से काम करती है, जब निवेशक बुलिश होता है. वह जानता है कि सिर्फ स्टॉक या अंडरलेइंग एसेट की होल्डिंग करने पर ही वह अच्छा मुनाफा नहीं कमाया जा सकता. इसलिए, वह ऊंचे स्ट्राइक प्राइज पर, स्टॉक पर कॉल आप्शन बेचता है, और उस स्ट्राइक प्राइस तक प्रीमियम प्राप्त करता है.

ये रणनीति काम कैसे करती हैः
“कवर्ड कॉल राइटिंग से रिटेल निवेशक पैसा बना सकते है. इसमें आपको F&O लॉट साइज जितनी डिलीवरी खरीदनी होती है. मान लीजिए, आपके पास XYZ कंपनी का 3,200 का लॉट 210 रूपये के भाव में पड़ा है. इसमें 2 रुपये शॉर्ट टर्म ऑप्शंस में ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं के प्रीमियम में 215 की स्ट्राइक का कॉल ऑप्शन सेल कर सकते हैं. शेयर का भाव चाहे किसी दिशा में जाए, आपको एक महीने के बाद 6,400 रुपये (2.00 x 3200) मिलना सुनिश्चित है,“ ऐसा डेरिवेटिव्स एक्सपर्ट और Equitymath के फाउंडर शशांक महेता बताते हैं.

इंडेक्स में एक्सपायरी दिन की अस्थिरता की उम्मीद के साथ ट्रेडर्स हर गुरुवार को कोल और पुट ओप्शन खरीदते है. पिछले 12 महीनों में भारतीय बाजारों ने जितनी वोलेटिलिटी देखी है, उतनी शायद ही कभी देखी होगी, इसलिए गुरुवार को, खासकर बैंक निफ्टी में, एक्स्पायरी आधारित ट्रेड करने का यह आइडिया काफी लोकप्रिय हो गया है, ऐसा महेता बताते है.

फायदा और नुकसानः
यह रणनीति निवेशक को सीमित मुनाफा प्रदान करती है, हालांकि, नुकसान असीमित हो सकता है. आपने जिस भाव की उम्मीद के साथ स्ट्राइक को चुना होगा, यदि भाव उससे उपर जाता है तब केवल प्रीमियम और फिक्स्ड किए गए भाव तक का मुनाफा होगा. इस रणनीति में आपको अपने स्टॉक की खरीद और कॉल ऑप्शन कोन्ट्राक्ट की बिक्री के लिए समय नहीं देना पड़ता है. स्टॉक खरीदने के बाद आप कभी भी उसके कॉल ऑप्शन को बेच सकते हैं.

सावधानी रखेः
इसमें शामिल जोखिम की मात्रा के कारण ओप्शन रणनीतियों के दौरान हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए. SEBI-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर और NISM-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट हिमांशु शाह के मुताबिक, रिटेल इंवेस्टर को ओप्शन बाय करके ही ट्रेडिंग करना चाहिए. महीने की शुरुआती दो हफ्तो में सक्रिय रहे और पोजिशन बनाएं, लेकिन एक्स्पायरी के नजदीकी दिनों में दूर रहना चाहिए.

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