व्यापारिक विदेशी मुद्रा

विदेशी मुद्रा व्यापार में करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
सरगना मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार, 500 लोगों से कर चुका है धोखाधड़ी
नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। साइबर थाना पुलिस ने फॉरेक्स ट्रेडिंग (विदेशी मुद्रा के व्यापार) में निवेश कर मोटी कमाई का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का मंगलवार को पर्दाफाश किया है। गिरोह के सरगना को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया। गिरोह देश के कई राज्यों में करीब 500 लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है। पुलिस को अबतक 15 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का रिकॉर्ड मिल चुका है। गाजियाबाद के जीएसटी विभाग से सेवानिवृत्त कमिश्नर से भी इस गिरोह ने 15 लाख रुपये ठगे थे।
सेवानिवृत्त कमिश्नर ने फॉरेक्स ट्रेडिंग में पैसा निवेश करने का झांसा देकर रुपये ठगने का मुकदमा दर्ज कराया था। साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि इसकी जांच शुरू की गई तो इस गिरोह का पता चला। सरगना शोएब मंसूरी को देवास की शिमला कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया। शोएब ने गिरोह के अन्य साथियों के साथ मिलकर पीड़ित से 15 लाख रुपये ठगे थे। आरोपी के बैंक खाते में जमा करीब सात लाख रुपये फ्रीज कर दिया गया है। पुलिस ने उससे दो मोबाइल फोन जब्त किया है।
डीमैट खाता खुलवाकर करते थे फर्जीवाड़ा
गिरोह ने मध्यप्रदेश के इंदौर और देवास में वर्ष 2020 में दफ्तर खोला था। उसने फर्जी कॉल सेंटर बनाया और इसमें काम करने के लिए कुछ युवक-युवतियों को वेतन के आधार पर रखा। गिरोह अलग-अलग ब्रोकिंग कंपनी से ट्रेडिंग करने वाले लोगों का डाटा लेता था। युवक-युवतियां लोगों को कॉल कर फर्जी कंपनी के माध्यम से ट्रेडिंग के लिए राजी करते थे। वह ग्राहकों को फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटा पैसा कमाने का लालच देते थे। इसके लिए 10 से 20 हजार रुपये में उनका डीमैट खाता खुलवाते थे। जालसाज ग्राहक की आईडी और पासवर्ड अपने पास रखते थे, ताकि वह उनके खाते को संचालित कर सकें।
प्ले स्टोर पर डाली थी फर्जी ऐप
गिरोह ने ट्रेडिंग के लिए फर्जी ऐप मेटा ट्रेडर्स-05 नाम से बनाकर प्ले स्टोर पर अपलोड कर दिया था। इसी ऐप के माध्यम से ग्राहकों को उनके खाते में धनराशि की बढ़ती संख्या नजर आती थी।
खातों में सिर्फ संख्या में बढ़ती थी धनराशि
आरोपी अलग-अलग ग्राहकों से डीमैट खातों में पैसा मंगवाते थे। फर्जी ऐप के जरिए डीमैट खातों में दिखाई देने वाली धनराशि डिजिटल रूप में केवल संख्या के रूप में ग्राहक को बढ़ती हुई दिखाई देती थी, जबकि असल में वह धनराशि बढ़ती नहीं थी। इस रकम को देखकर ग्राहक और ज्यादा पैसे का निवेश करता था।
जीएसटी सहित कई चार्ज के नाम पर भी ठगी
ग्राहक को मुनाफा देने की आड़ में गिरोह उनसे जीएसटी सहित विभिन्न चार्ज के रूप में भी लाखों रुपये ठगता था। जब ग्राहक खातों में दिख रही धनराशि का मुनाफा लेना चाहता था तो उससे जीएसटी, कन्वर्जन चार्ज और सेटलमेंट चार्ज के नाम पर विभिन्न बैंकों खातों में और पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते थे। पीड़ितों के खातों का एक्सेस गिरोह के पास होने के चलते वह निवेश की रकम नहीं निकाल पाते थे।
12वीं पास सरगना ने बड़े-बड़ों को ठगा
गिरोह में 16 लोग शामिल हैं। इनमें तीन सरगना है, जो अपनी टीम के सदस्यों के साथ ठगी को अंजाम देता है। इस गिरोह के ठगों की तलाश महाराष्ट्र सहित विभिन्न प्रदेशों की पुलिस को है। पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी शोएब 12 वीं पास है। वह अभी तक सरकारी अधिकारियों से लेकर इंजीनियर और व्यापारिक विदेशी मुद्रा अन्य बड़े पदों पर कार्यरत लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है। कुछ दिन बाद ही आरोपी की शादी भी होने वाली है।
क्या है फॉरेक्स ट्रेडिंग
सामान्य शब्दों में फॉरेक्स ट्रेडिंग का अर्थ एक दूसरे के बीच विभिन्न विदेशी मुद्राओं का व्यापार करना है। यानि इस प्रक्रिया के तहत विभिन्न देशों की मुद्राओं में उनके मूल्य के घटते बढ़ते रहने के कारण व्यापार होता है। इसमें एक करेंसी को दूसरी करेंसी से बदला जाता है। ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा जरूरी बात होती है एक्सचेंज रेट। मतलब एक करेंसी को दूसरी करेंसी से एक्सचेंज करने की दर क्या होगी।
रुपये में विदेशी व्यापार की मंजूरी से मुद्रा पर दबाव घटेगाः विशेषज्ञ
मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने यह बात कही। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गत सोमवार को बैंकों से कहा कि भारतीय रुपये में बिल बनाने, भुगतान और आयात-निर्यात सौदों को संपन्न करने के अतिरिक्त इंतजाम रखें। भारत से निर्यात बढ़ाने और रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, "इस व्यवस्था
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गत सोमवार को बैंकों से कहा कि भारतीय रुपये में बिल बनाने, भुगतान और आयात-निर्यात सौदों को संपन्न करने के व्यापारिक विदेशी मुद्रा अतिरिक्त इंतजाम रखें। भारत से निर्यात बढ़ाने और रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, "इस व्यवस्था से रुपये पर दबाव कम होगा क्योंकि आयात के लिए डॉलर की मांग नहीं रह जाएगी।"
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस कदम से डॉलर की मांग पर दबाव तात्कालिक रूप से कम हो जाना चाहिए।
बार्कलेज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) राहुल बजोरिया ने कहा कि रुपये की मौजूदा कमजोरी के बीच यह कदम संभवतः व्यापार सौदों के रुपये में निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग घटाने के लिए उठाया गया है।
आरबीआई ने कहा है कि व्यापार सौदों के निपटान के लिए संबंधित बैंकों को साझेदार देश के एजेंट बैंक का विशेष रुपया वोस्ट्रो खातों की जरूरत होगी।
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक अमित पबरी ने कहा कि वोस्ट्रो खातों के जरिये रुपये में विदेशी सौदों के भुगतान की मंजूरी देना खास तौर पर रूस के साथ व्यापार को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया कदम है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के सौम्यजीत नियोगी के मुताबिक, आरबीआई की यह घोषणा पूंजी खाते की परिवर्तनीयता के उदारीकरण की राह प्रशस्त करती है।
बढ़ते व्यापार घाटे की चुनौती
हम उम्मीद करें कि सरकार द्वारा निर्यात बढ़ाने और विदेशी मुद्रा भंडार को घटने से बचाने के मद्देनजर इस आलेख में दिए गए सुझावों के अमल से उत्पाद निर्यात और सेवा निर्यात बढऩे से भी अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त हो सकेगी। अनावश्यक आयात में कमी करके डॉलर के खर्च में बचत की जा सकेगी…
इस समय एक ओर तेजी व्यापारिक विदेशी मुद्रा व्यापारिक विदेशी मुद्रा से बढ़ता देश का व्यापार घाटा तो दूसरी ओर तेजी से घटता हुआ देश का विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक चिंता का बड़ा कारण बन गया है। हाल ही में प्रकाशित विदेश व्यापार के आंकड़े तेजी से बढ़ते व्यापार घाटे का संकेत दे रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान भारत का कुल निर्यात बढक़र 121 अरब डॉलर रहा, वहीं इस अवधि में आयात और तेजी से बढक़र 190 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया। इस तरह इस तिमाही में भारत को 69 अरब डॉलर का घाटा हुआ। जहां जुलाई 2022 में देश में 66.27 अरब डॉलर मूल्य का आयात किया गया, वहीं 36.27 अरब डॉलर का निर्यात किया गया। ऐसे में जुलाई 2022 में भी 30 अरब डॉलर का व्यापार घाटा दिखाई दिया। यह व्यापार घाटा पिछले वर्ष जुलाई 2021 में 10.63 अरब डॉलर था। सालाना आधार पर जुलाई 2022 में आयात में 43.61 फीसदी वृद्धि हुई है। इसी तरह 19 अगस्त को भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का आकार घटते हुए 564.05 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3 सितंबर 2021 को 642.45 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर था। अब तक रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक मंदी की आशंका और कच्चे तेल की ऊंची कीमत के कारण जो डॉलर लगातार मजबूत हुआ है, वह डॉलर चीन और ताइवान के बीच गहरे तनाव के मद्देनजर और मजबूत होने की प्रवृत्ति बता रहा है।
ऐसे में देश के तेजी से बढ़ते व्यापार घाटे पर नियंत्रण एवं विदेशी मुद्रा भंडार को घटने से बचाने के लिए निर्यात व्यापारिक विदेशी मुद्रा व्यापारिक विदेशी मुद्रा बढ़ाने और अनावश्यक आयात घटाने के लिए अधिक कारगर प्रयासों की जरूरत बढ़ गई है। उल्लेखनीय है कि भारत अपनी क्रूड आयल की करीब 80-85 फीसदी जरूरतों के लिए व्यापक रूप से आयात पर निर्भर है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से इसकी खरीदी पर भारत के द्वारा अधिक डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं। साथ ही देश में कोयला, उवर्रक, वनस्पति तेल, दवाई के कच्चे माल, केमिकल्स आदि का आयात लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे डॉलर की जरूरत और ज्यादा बढ़ गई है। परिणामस्वरूप व्यापार घाटा बढ़ रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार का आकार कम होता जा रहा है। चूंकि पिछले वर्ष 2021-22 में वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भी भारत का उत्पाद निर्यात करीब 419 अरब डॉलर के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा है। अतएव हमें और अधिक निर्यात बढ़ाकर अधिक डॉलर की कमाई करनी होगी। वर्ष 2021-22 में भारत के द्वारा अमेरिका को 76 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था। अब अमेरिका में मंदी की शुरुआत जैसी स्थिति के मद्देनजर भारतीय निर्यात पर असर दिख रहा है। चीन सहित दुनिया के कई देशों को भी निर्यात बढ़ाने में चुनौती दिख रही है। ऐसे में निर्यात के नए बाजार खोजना जरूरी हैं। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री जयशंकर 22 से 27 अगस्त तक लैटिन अमेरिका के तीन देशों ब्राजील, अर्जेंटीना व पैराग्वे के दौरे पर रहे और वहां उन्होंने निर्यात बढ़ाने की संभावनाएं खोजी।
पिछले वित्त वर्ष में लेटिन अमेरिकी देशों को 18.89 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात किया गया था। वैश्विक जरूरतों के अनुरूप घरेलू उत्पाद बढ़ाकर नए चिन्हित देशों में उत्पाद निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ सेवा निर्यात भी तेजी से बढ़ाना जरूरी है। चूंकि कोविड-19 के बीच भारत ने 200 से अधिक देशों को कोरोना की दवाइयां निर्यात की हैं। अतएव ऐसे भारत से भावनात्मक रूप से जुड़े देशों में निर्यात की नई संभावनाएं मुठ्ठियों में ली जा सकती हैं। अब देश के द्वारा मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को तेजी से आकार देने की रणनीति पर भी आगे बढऩा होगा। इससे भी निर्यात बढ़ेंगे। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा भारत और अन्य देशों के बीच व्यापारिक सौदों का निपटान रुपए में किए जाने संबंधी महत्त्वपूर्ण निर्णय से जहां भारतीय निर्यातकों और आयातकों को अब व्यापार के लिए डालर की अनिवार्यता नहीं रहेगी, वहीं अब दुनिया का कोई भी देश भारत से सीधे बिना अमेरिकी डालर के व्यापार कर सकता है। जहां डॉलर संकट का सामना कर रहे रूस, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, श्रीलंका, ईरान, एशिया और अफ्रीका सहित कई छोटे-छोटे देशों के साथ भारत का विदेश व्यापार तेजी से बढ़ेगा, वहीं भारत का व्यापार घाटा कम होगा और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा। इस परिप्रेक्ष्य में उल्लेखनीय है कि जिस तरह भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय कारोबार को ज्यादा से ज्यादा एक-दूसरे की मुद्राओं में करने को लेकर दोनो देशों ने कदम आगे बढ़ाए हैं, उसी तरह भारत के द्वारा अन्य देशों के साथ एक-दूसरे की मुद्राओं में भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करना होगी।
यह बात महत्वपूर्ण है कि रूस ने कहा है कि भारत की भुगतान व्यवस्था रुपए और रूस की भुगतान व्यवस्था रूबल के बीच उपयुक्त सामंजस्य बनाने की कोशिश दोनों देशों के लिए लाभप्रद होगी। ज्ञातव्य है कि पश्चिमी देशों के द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की काट खोजने के मद्देनजर एशिया के कई देश रूस के साथ डॉलर और यूरो के बजाय एशियाई मुद्राओं में कारोबार करने लगे हैं। फरवरी 2022 के बाद से भारत ने रूस से काफी ज्यादा क्रूड खरीदना शुरू कर दिया है जिसका असर द्विपक्षीय कारोबार पर भी दिखाई देने लगा है। सरकार के नए फैसले का देश की पेट्रोलियम कंपनियों को भी फायदा हुआ है और विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर के व्यय में भी कुछ कमी आई है। अगर भारत सरकार रुपए में कारोबार करने को प्रोत्साहन करने लगे तो इससे निर्यातकों के बीच रुपए को लेकर स्वीकार्यता बढ़ेगी। अभी डॉलर या यूरो में निर्यात की कमाई लाने वाले निर्यातकों को सरकार की तरफ से कर छूट दी जाती है। यह छूट रुपए में निर्यात की कमाई लाने में उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्कीम को तैयार किया जाना चाहिए जिससे रुपए में वैश्विक कारोबार की अनुमति बढ़े और व्यापार घाटे में कमी आ सके। यह जरूरी है कि घरेलू उत्पादन वृद्धि और स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन के साथ आत्मनिर्भर भारत आभियान को तेजी से आगे बढ़ाकर व्यापार घाटे में कमी की जाए। हमें विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में प्रवासी भारतीयों का अधिक सहयोग लेना होगा।
अतीत में जब विदेशी मुद्रा में तेज गिरावट आई तब प्रवासियों ने मुक्त हस्त से विदेशी मुद्रा कोष को बढ़ाने में सहयोग दिया था। जब 11 और 13 मई 1998 को भारत के द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण पोखरण-2 विस्फोट के बाद अमेरिका के द्वारा भारत पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को देखते हुए विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत करने हेतु अगस्त 1998 में रीसर्जेंट इंडिया बॉन्ड्स की मदद से 4.8 अरब डॉलर की राशि जुटाई गई थी। इस तरह 2001 में इंडिया मिलेनियम डिपॉजिट स्कीम की मदद से करीब 5 अरब डॉलर से अधिक की राशि जुटाई गई। ऐसे प्रयासों से विदेशी मुद्रा भंडार की चिंताएं कम हुई थी। अब रुपए में वैश्विक कारोबार बढ़ाने के मौके को भी मुठ्ठियों में लेकर डॉलर की चिंताओं को कम किया जाना होगा। हम उम्मीद करें कि व्यापारिक विदेशी मुद्रा सरकार द्वारा निर्यात बढ़ाने और विदेशी मुद्रा भंडार को घटने से बचाने के मद्देनजर इस आलेख में दिए गए सुझावों के अमल से उत्पाद निर्यात और सेवा निर्यात बढऩे से भी अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त हो सकेगी। अनावश्यक आयात में कमी करके डॉलर के खर्च में बचत की जा सकेगी। प्रवासी भारतीयों से अधिक विदेशी मुद्रा का सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इन सबके कारण निर्यात बढ़ाए जा सकेंगे, व्यापार घाटे में कमी लाई जा सकेगी और घटता हुआ विदेशी मुद्रा भंडार फिर से संतोषजनक स्थिति में पहुंचते हुए दिखाई दे सकेगा।
US dollar का टूटेगा दबदबा! रुपये में विदेशी व्यापार को व्यापारिक विदेशी मुद्रा बढ़ावा देगी सरकार, कारोबारियों को मिलेंगे ये सारे फायदे
कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्यापार प्रभावित हो रहा है।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST
Photo:FILE US dollar vs rupee
Highlights
- घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी
- आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी
US dollar का दबदबा आने वाले दिनों में टूट सकता है। दरअसल, भारत सरकार विदेशी व्यापार में रुपये व्यापारिक विदेशी मुद्रा के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए आज अहम बैठक करने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के लिए अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी। इस समय भारत और रूस के बीच हो रहे व्यापार के बड़े हिस्से का लेनदेन रुपये में ही हो रहा है। आइए, जानते हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से कारोबारियों को क्या फायदे मिलेंगे।
भारत को क्या लाभ मिलेगा
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों व्यापारिक विदेशी मुद्रा के साथ भारत का व्यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्शन कॉस्ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्शन से जुड़े मार्केट रिस्क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।
Image Source : INDIA TV
रुपये पर दबाव कम होगा
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से रुपये पर दबाव कम होगा क्योंकि आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी। रुपये की मौजूदा कमजोरी के बीच यह कदम से व्यापार सौदों के रुपये में निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग घटाने में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक ने गत जुलाई में एक विस्तृत परिपत्र जारी करते हुए कहा था कि बैंकों को भारतीय रुपये में निर्यात एवं आयात संबंधी लेनदेन करने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने चाहिए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के द्वारा दरों में बढ़ोतरी को लेकर आक्रामक रुख से डॉलर में मजबूती देखने को मिल रही है और दुनिया भर की अन्य करंसी में कमजोरी है। इसे घरेलू आयातकों पर बोझ बढ़ गया है। इससे भारत की आर्थिक स्थिति पर भी इसका नुकसान देखने को मिल रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से देश की आर्थिक मजबूती बढ़ेगी।
विदेशी मुद्रा कार्ड दरें
100 इकाइयों के लिए उद्धृत जेपीवाई को छोड़कर विदेशी मुद्रा की एक इकाई के लिए रुपयों में उद्धृत दरें है.
दिनांक 15/11/2022 को 02:30 PM बजे की कार्ड दर
- प्रीपेड विदेशी मुद्रा कार्ड क्रय दर
- प्रीपेड विदेशी मुद्रा कार्ड बिक्री दर
- सौ इकाई में जेपीवाय की सांकेतिक दरें
- इस प्रकाशन में शामिल सभी दरें सांकेतिक हैं और मौजूदा बाजार के अनुरूप परिवर्तित होंगी.
क्या आपको सहायता की आवश्यकता है?
कॉलबैक अनुरोध
कृपया यह विवरण भरें, ताकि हम आपको वापस कॉल कर सकें और आपकी सहायता कर सकें.
Thank you [Name] for showing interest in Bank of Baroda. Your details has been recorded and our executive will contact you soon.
घरेलू परिचालन
विदेशी मुद्रा परिचालन
शाखाएं
हमारे बारे में
शेयरधारक कॉर्नर
ग्राहक खंड
मीडिया सेंटर
कैलकुलेटर
संसाधन
अन्य लिंक
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें
Thank you ! We have received your subscription request.
हमारे साथ जुड़ें
बैंक ऑफ बड़ौदा ग्रुप
वेबसाइटों का समूह
- बॉब वित्तीय सॉल्यूशंस लिमिटेड
- बॉब कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड
- नैनीताल बैंक लिमिटेड
- इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- इंडिया इंफ्रा डेब्ट लिमिटेड
- बड़ौदा बीएनपी परिबास म्यूचुअल फंड
- बड़ौदा ग्लोबल शेयर्ड सर्विसेज लिमिटेड
- बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक
- बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक
- बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक
विदेशी शाखाएं
कॉपीराइट © 2022 बैंक ऑफ बड़ौदा. सर्वाधिकार सुरक्षित
इस प्रक्रिया में आपके पास निम्नलिखित का होना आवश्यक व्यापारिक विदेशी मुद्रा है
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- आधार संख्या के साथ पंजीकृत परिचालनगत मोबाइल नंबर
- वैध ई मेल आईडी
- इंटरनेट, कैमरा/वेबकैम और माइक्रोफ़ोन से इनेबल मोबाइल/डिवाइस
- खाता खोलने के लिए प्रयोग में लाए गए डिवाइस का ब्राउज़र लोकेशन इनेबल करें. (सेटिंग >> सर्च सेटिंग में लोकेशन टाइप करें >> साइट सेटिंग >> लोकेशन >> अनुमति प्रदान करें) और संकेत मिलने पर अनुमति प्रदान करें.
- यह खाता 18 वर्ष व इससे अधिक आयु के निवासी भारतीय व्यक्तियों (जिनका कोई राजनीतिक एक्सपोजर नहीं) हो द्वारा खोला जा सकता है.
- यह सुविधा वैसे ग्राहकों के लिए है जिनका बैंक में कोई खाता नहीं व्यापारिक विदेशी मुद्रा है
- आपको अच्छे नेटवर्क तथा प्रकाशयुक्त क्षेत्र में होना चाहिए
क्या आप इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं
Pension Saarthi
You are being redirected to the Pension Saarthi web portal
Do you want to proceed ?
Add this website to home screen
Are you Bank of Baroda Customer?
This is to inform you that by clicking on continue, you will be leaving our website and entering the website/Microsite operated by Insurance tie up partner. This link is provided on our Bank’s website for customer convenience and Bank of Baroda does not own or control of this website, and is not responsible for its contents. The Website/Microsite is fully owned & Maintained by Insurance tie up partner.
The use of any of the Insurance’s tie up partners website is subject to the terms of use and other terms and guidelines, if any, contained within tie up partners website.
Thank you for visiting www.bankofbaroda.in
We use cookies (and similar tools) to enhance your experience on our website. To learn more on our cookie policy, Privacy Policy and Terms & Conditions please click here. By continuing to browse this website, you consent to our use of cookies and agree to the Privacy Policy and Terms & Conditions.