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ब्रोकरेज क्या होता है

ब्रोकरेज क्या होता है
ब्रोकरेज एंड रिसर्च फर्म समय-समय पर स्टॉक को लेकर सुझाव देती हैं. इसके तहत वे बताती हैं कि किस स्टॉक में खरीदारी करनी चाहिए और किस स्टॉक में अपनी पोजिशन को स्क्वायर ऑफ करना चाहिए. (Image- Pixabay)

ब्रोकरेज फर्मों ने इन स्टॉक पर दी खरीद की राय, क्या आप भी करेंगे इन्हें अपने पोर्टफोलियों में शामिल

Today Top Brokerage views - मॉर्गन स्टैनली ने IndiGo पर ओवरवेट रेटिंग की राय दी है और इसके लिए 2,749 रुपये प्रति शेयर का लक्ष्य दिया है

मॉर्गन स्टैनली ने Indian Hotels पर ओवरवेट रेटिंग की राय दी है और इसके लिए 329 रुपये प्रति शेयर का लक्ष्य दिया है।

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Today Top Brokerage views - सीएनबीसी-आवाज़ आपके लिए रोजाना बड़े और दिग्गज ब्रोकरेज हाउसेज के निवेश टिप्स प्रस्तुत करते हैं जिससे आपको शेयरों पर निवेश करने की सटीक सलाह प्राप्त हो सके और आपको मुनाफा हो सके। इन शेयरों पर मुनाफा कमाने के लिए ब्रोकरेज हाउसेज ने क्या रणनीति अपनाई है ये भी बताते हैं। आज दिग्गज ब्रोकरेज हाउसेज की नजर IndiGo, Indian Hotels, Apollo Tyres,PB FINTECH , INFO EDGE, SUN PHARMA , EXIDE जैसे स्टॉक्स पर टिकी हैं।

IndiGo पर Morgan Stanley

मॉर्गन स्टैनली ने IndiGo पर ओवरवेट रेटिंग की राय दी है और इसके लिए 2,749 रुपये प्रति शेयर का लक्ष्य दिया है। ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि तीसरी तिमाही का यील्ड पहली तिमाही से ब्रोकरेज क्या होता है ज्यादा होगा। घरेलू ट्रैफिक कोरोनाकाल से पहले के स्तर पर पहुंचा है। कंपनी को इंटरनेशनल ट्रैवल में बड़ी ग्रोथ की उम्मीद है।

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Indian Hotels पर Morgan Stanley

मॉर्गन स्टैनली ने Indian Hotels पर ओवरवेट रेटिंग की राय दी है और इसके लिए 381 रुपये प्रति शेयर का लक्ष्य दिया है। ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि डिमांड में मजबूती बरकरार दिख रही है। Q3 में भारत में G20 बैठक और वेडिंग सीजन से सपोर्ट मिलेगा। सप्लाई ग्रोथ, मांग ग्रोथ की तुलना में कम रह सकती है। मैनेजमेंट को मिडस्केल होटल सेगमेंट में बेहतर ग्रोथ संभव है।

Apollo Tyres पर Morgan Stanley

मॉर्गन स्टैनली ने Indian Hotels पर ओवरवेट रेटिंग की राय दी है और इसके लिए 329 रुपये प्रति शेयर का लक्ष्य दिया है। कंपनी प्राइसिंग लीडर के तौर पर उभरने की तैयारी में है। भारत में प्राइसिंग की वजह से ग्रोथ, वॉल्यूम लगभग सपाट रहा है। यूरोपीय कारोबार में तेजी जारी है। मैनेजमेंट ने RoCE अनुमान 7% से बढ़ाकर 12-15% किया है।

Sun Pharma पर Goldman Sachs

Goldman Sachs ने सन फार्मा पर बिकवाली की राय दी है और इसके लिए 830 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। Goldman Sachs का कहना है कि भारत में नए प्रोडक्ट लॉन्च और MR प्रोडक्टिविटी में सुधार के ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है। मार्केट शेयर बढ़ने से स्पेश्यालिटी कारोबार से आय बढ़ा है। नए प्रोडक्ट लॉन्च से भी आय को सपोर्ट मिला है। कंपनी को R&D खर्च बढ़ने की उम्मीद है।

Info Edge पर CLSA

CLSA ने Info Edge पर अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है। CLSA का कहना है कि कंपनी के लिए डिमांड की स्थिति सामान्य होने में समय लग सकता है। रियल एस्टेट और एजुकेशन कारोबार में अच्छी डिमांड देखने को मिल रही है। नई मार्केटिंग रणनीति से मैट्रिमनी कारोबार तेजी दिख रही है।कई कारोबार अभी निवेश मोड में ही हैं। मैनेजमेंट मुनाफे की जगह मार्केट शेयर बढ़ाने पर जोर दे रहा है। इन सभी को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म ने इस स्टॉक पर 4100 रुपये का लक्ष्य दिया है।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

Stock Rating: जानिए क्या स्टॉक रेटिंग का मतलब, समझें ब्रोकरेज फर्मों की डिक्शनरी

Stock Rating: हर प्रकार की रेटिंग के अपने खास मतलब होते हैं जिन्हें शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले जानना बहुत जरूरी है ताकि अपना पोर्टफोलियो मजबूत बना सकें.

Stock Rating: जानिए क्या स्टॉक रेटिंग का मतलब, समझें ब्रोकरेज फर्मों की डिक्शनरी

ब्रोकरेज एंड रिसर्च फर्म समय-समय पर स्टॉक को लेकर सुझाव देती हैं. इसके तहत वे बताती हैं ब्रोकरेज क्या होता है कि किस स्टॉक में खरीदारी करनी चाहिए और किस स्टॉक में अपनी पोजिशन को स्क्वायर ऑफ करना चाहिए. (Image- Pixabay)

Stock Rating: ब्रोकरेज एंड रिसर्च फर्म समय-समय पर स्टॉक को लेकर सुझाव देती हैं. इसके तहत वे बताती हैं कि किस स्टॉक में खरीदारी करनी चाहिए और किस स्टॉक में अपनी पोजिशन को स्क्वायर ऑफ करना चाहिए. पोजिशन को स्क्वायर ऑफ करने का मतलब है कि अपनी पोजिशन को सेल कर देना. ब्रोकरेज फर्म स्टॉक को चार्ट पैटर्न पर विभिन्न इंडिकेटर और उसे प्रभावित करने वाली खबरों को मिलाकर उसे रेटिंग देती है. हर प्रकार की रेटिंग के अपने खास मतलब होते हैं जिन्हें शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले जानना ब्रोकरेज क्या होता है बहुत जरूरी है ताकि अपना पोर्टफोलियो मजबूत बना सकें.

Stock Rating के ये होते हैं मतलब

  • Buy: किसी स्टॉक को यह रेटिंग दी गयी है तो इसका मतलब शेयर अगले 12 महीने में निवेश पर 15 फीसदी से अधिक रिटर्न दे सकता है यानी निवेशकों को यह स्टॉक खरीदने की सलाह दी जाती है.
  • Add: इस रेटिंग के तहत निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में मौजूद अपने किसी कंपनी के शेयरों को बढ़ाने की सलाह दी जाती है. ब्रोकरेज फर्म यह रेटिंग उन स्टॉक्स को देती है जो अगले 12 महीनों में 5-15 फीसदी तक का रिटर्न दे सकती हैं.
  • Reduce: ब्रोकरेज फर्म यह रेटिंग ऐसे स्टॉक को ब्रोकरेज क्या होता है देती है, जिसके भाव अगले 12 महीनों में 5 फीसदी तक ही बढ़ सकते हैं या उनमें 5 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है.
  • Sell: जिन स्टॉक के भाव में अगले 12 महीने में 5 फीसदी या इससे अधिक की गिरावट की आशंका रहती है, उन्हें ब्रोकरेज फर्म ‘सेल’ रेटिंग देती हैं.
  • Not Rated (NR): यह रेटिंग उन स्टॉक्स को दिया जाता है जिसके लिए ब्रोकरेज फर्म कोई रेटिंग या प्राइस टारगेट नहीं देती हैं और रिपोर्ट सिर्फ जानकारी के लिए तैयार की जाती है.
  • RS (Rating Suspended): इसका मतलब रहता है कि स्टॉक को लेकर रेटिंग व प्राइस टारगेट सस्पेंड कर दिया गया है और जो रेटिंग व प्राइस टारगेट पहले दिया गया है, वह अब प्रभावी नहीं है. प्रयाप्त फंडामेंटल आधार के अभाव या किसी कानूनी, नियामकीय, नीतिगत वजहों से रेटिंग या प्राइस टारगेट देना संभव नहीं हो पाता है तो यह रेटिंग दी जाती है.
    (इनपुट: कोटक सिक्योरिटीज)
    (नोट: यहां लेख महज जानकारी के लिए है.)

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शून्य ब्रोकरेज शुल्क में भी जोखिम नहीं कम, पहले चेक करें ब्रोकर का ट्रैक रिकॉर्ड

शून्य ब्रोकरेज शुल्क भारत में स्टॉक ब्रोकिंग का एक आकर्षक मॉडल बनकर उभरा है। इसने इक्विटी निवेशकों के लिए लागत में कटौती करके पारंपरिक पूर्ण सेवा मॉडल को चुनौती दी है। इस मॉडल को खासतौर पर कोरोना.

शून्य ब्रोकरेज शुल्क में भी जोखिम नहीं कम, पहले चेक करें ब्रोकर का ट्रैक रिकॉर्ड

शून्य ब्रोकरेज शुल्क भारत में स्टॉक ब्रोकिंग का एक आकर्षक मॉडल बनकर उभरा है। इसने इक्विटी निवेशकों के लिए लागत में कटौती करके पारंपरिक पूर्ण सेवा मॉडल को चुनौती दी है। इस मॉडल को खासतौर पर कोरोना संकट काल के दौरान ग्राहकों ने खासा पसंद किया है। शेयरों में निवेश के लिए कई कंपनियां शून्य ब्रोकरेज की पेशकश करती हैं, लेकिन इसमें जहां ग्राहकों का फायदा है तो जोखिम भी कम नहीं। ऐसे में अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ब्रोकर का साथ आपके लिए बेहद जरूरी है।

ऐसे काम करता है शून्य ब्रोकरेज शुल्क मॉडल

शून्य ब्रोकरेज शुल्क, जीरोदा जैसी कंपनियों द्वारा अग्रणी डिस्काउंट ब्रोकिंग मॉडल का हिस्सा है। इस मॉडल में लेन-देन पर शून्य या बिल्कुल कम ब्रोकरेज शुल्क लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, जीरोदा डिलीवरी ट्रेडों के लिए कोई शुल्क नहीं लेता है। ये ऐसे ट्रेड हैं जिनमें आप वास्तव ब्रोकरेज क्या होता है में अपने डीमैट खाते में स्टॉक की डिलीवरी लेते हैं या ऐसे स्टॉक बेचते हैं जो आपके डीमैट खाते में हैं। ये ट्रेड आमतौर पर खुदरा निवेशकों द्वारा किए जाते हैं। प्रौद्योगिकी डिस्काउंट ब्रोकिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह लागत में कमी कर ब्रोकरों को मुफ्त सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है।

इसलिए पसंदीदा है यह मॉडल

इस मॉडल में शून्य या फिर न्यूनतम शुल्क लगता है, जबकि डिस्काउंट ब्रोकर अन्य प्रकार के ट्रेडों, वायदा और विकल्प (एफ एंड ओ) या इंट्रा-डे के लिए पैसे लेते हैं। इसमें आप उसी दिन स्टॉक खरीदते और बेचते हैं, इसलिए डिलीवरी नहीं लेते। जिस श्रेणी में ब्रोकरेज शुल्क शामिल है, वह एक से दूसरे में अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड ने गुरुवार को एक जीरो ब्रोकरेज इंट्रा-डे प्लान लॉन्च किया। इसमें अन्य सभी एफ एंड ओ ट्रेडों के लिए 20 रुपये प्रति ऑर्डर शुल्क है।

अन्य शुल्क का करना होता है भुगतान

ब्रोकरेज, स्टॉक ट्रेडिंग में शामिल एकमात्र शुल्क नहीं है। इसके अलावा भी आपको प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी), स्टांप ड्यूटी, स्टॉक एक्सचेंज से लेन-देन शुल्क, दलाली पर जीएसटी और लेनदेन शुल्क, सेबी शुल्क का भुगतान करना होता है। डीमैट खाते से संबंधित शुल्क ब्रोकरेज क्या होता है भी हैं, जैसे कि वार्षिक रखरखाव शुल्क और डीमैट खाते से डेबिट लेनदेन पर शुल्क। हालांकि इनमें से ज्यादातर काफी कम हैं। उदाहरण के लिए डिलिवरी लेनदेन पर एसटीटी 0.1% और एनएसई लेनदेन शुल्क 0.00325% है।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

एक डिस्काउंट ब्रोकर इक्विटी निवेश की लागत में काफी कटौती कर सकता है। हालांकि, सभी डिस्काउंट ब्रोकरों पास स्थायी व्यापार मॉडल नहीं हो सकते हैं। यह भविष्य में जोखिमकारक हो सकता है। इसलिए एक बेहतर और स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड वाले ब्रोकर का चयन करना जरूरी है। इक्विटी अनुसंधान और पोर्टफोलियो विश्लेषण के संबंध में, आप सलाह प्राप्त करने के लिए सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (आरआईए) से संपर्क कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण ब्रोकरेज फ़ंक्शन से अनुसंधान फ़ंक्शन को अलग करता है और आपको उच्च गुणवत्ता वाले निष्पक्ष शोध तक पहुंच प्रदान कर सकता है।

पांच लाख के निवेश पर लागत विश्लेषण (रुपये में)
फुल सर्विस मॉडल डिस्काउंट मॉडल

ब्रोकरेज (0.5%) 2500 रुपये 0
ट्रांजेक्शन शुल्क (0.00325%) 16.25 16.25

ब्रोकरेज पर जीएसटी (18%) 452.93 2.93
एसटीटी (0.1%) 500 500

स्टांप ड्यूटी (0.015%) 75 75
सेबी शुल्क (5 रुपये प्रति करोड़) 0.25 0.25

शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? ब्रोकरेज चार्जेस की गणना किस प्रकार की जाती है?

शेयर मार्केट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयर की खरीद बेच होती है जिसके लिए हमारे पास डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट का होना आवश्यक है परंतु हमें पता होना चाहिए कि हम सीधे तौर पर शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच नहीं कर सकते हैं इसके लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे ब्रोकर (Broker) कहा जाता है। ब्रोकर द्वारा हमें इंटरनेट पर एक ब्रोकिंग प्लेटफार्म प्रदान किया जाता है जिसकी मदद से हम शेयर संबंधित लेन देन कर पाते हैं।

ब्रोकर क्या है? | Broker in Hindi

ब्रोकर(Broker) एक वित्तीय माध्यम बिचौलिया अथवा एजेंट होता है जिसके माध्यम से हम शेयर मार्केट में शेयर को खरीद बेच कर पाते हैं। ब्रोकर हमें विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे Stocks Futures तथा derivative की खरीद बेच में मदद करता है।

शेयर ब्रोकर क्या है?

शेयर मार्केट में मुख्यतः दो प्रकार के ब्रोकर होते हैं

  • Full Time ब्रोकर – वे ब्रोकर जो शेयर की खरीद बेच के माध्यम के साथ-साथ अन्य सुविधाओं जैसे मार्केट रिपोर्ट्स शेयर के संबंध में सलाह, शेयर के बारे में रिसर्च आदि उपलब्ध कराते हैं वह Full Time ब्रोकर कहलाते हैं
  • Discount ब्रोकर – वे ब्रोकर जो कम ब्रोकिंग चार्जेस के साथ शेयरों की खरीद बेच में मदद करते हैं वे डिस्काउंट ब्रोकर कहलाते हैं ये अन्य कोई सुविधा नहीं प्रदान करते हैं

ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं?

वे शुल्क जो ब्रोकर द्वारा अपनी सुविधाओं के एवज में लिया जाता है उसे ब्रोकिंग चार्जेस कहते हैं सभी ब्रोकरो के चार्ज एक से नहीं होते हैं यह इस पर भी निर्भर करते हैं कि किस प्रकार के ट्रांजैक्शन हमारे द्वारा किए जाते हैं यह शुल्क ब्रोकर द्वारा समय समय पर घटाया या ब्रोकरेज क्या होता है ब्रोकरेज क्या होता है बढ़ाया भी जा सकता है।

भारत में किस प्रकार के ब्रोकर प्लान उपलब्ध हैं?

भारत में ब्रोकर द्वारा बता दो प्रकार के प्लान प्रदान किए जाते हैं

  1. Monthly Unlimited trading plan इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को एक निश्चित मासिक राशि शुल्क के रूप में ब्रोकर(Broker) को प्रदान की जाती है इसके तहत वे एक माह में असीमित stocks तथा securities की खरीद बेच कर सकते हैं।
  2. Flat per trade brokerage इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को प्रति सौदा के हिसाब से ब्रोकर को ब्रोकरेज क्या होता है शुल्क चुकाना पड़ता है।

ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?

ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है

  • Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।

जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है

  • Delivery Charges जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच 1 दिन में नहीं की जाती है तब उस स्थिति में ब्रोकिंग चार्जेस की गणना डिलीवरी शुल्क के अंतर्गत की ब्रोकरेज क्या होता है जाती है।

इस स्थिति में डिलीवरी चार्ज 0.2% तथा 0.75 % के मध्य होता है जो कि सौदे में किए गए शेयर की संख्या पर निर्भर करता है।

इस प्रकार से डिलीवरी चार्ज की गणना के लिए डिलीवरी चार्ज प्रतिशत को खरीद बेच में प्रयुक्त शेयर की संख्या से गुणा किया जाता है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?

ब्रोकर के सभी चार्ज

  • Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
  • Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
  • Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
  • Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
  • GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
  • SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
  • DP( Depository Participants)

जब हम किसी शेयर की खरीद बेच एक ही trading session के दौरान नहीं करते हैं। उस स्थिति में यह शुल्क depository participants द्वारा लिया जाता है। Intraday Trading के दौरान यह शुल्क देय नहीं होता है। यह शुल्क शेयर की संख्या पर निर्भर ना होकर एक निश्चित राशि के रूप में लिया जाता है।

शेयर मार्केट में ब्रोकर से जुड़े कुछ सवाल जवाब

शेयर मार्केट(Share Market) में कितने प्रकार के ब्रोकर होते हैं?

शेयर मार्केट में कितने दो प्रकार के ब्रोकर होते हैं-
Full Time ब्रोकर तथा Discount ब्रोकर

म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश के मुख्तलिफ तरीके क्या हैं-प्रत्यक्ष/वितरक के ज़रिये/ब्रोकरेज हाउस/ऑनलाइन/ऑफलाइन?

म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश के मुख्तलिफ तरीके क्या हैं-प्रत्यक्ष/वितरक के ज़रिये/ब्रोकरेज हाउस/ऑनलाइन/ऑफलाइन?

निवेशक आवेदन पत्र को विधिवत पूर्ण कर, एक चेक या बैंक ड्राफ्ट के साथ शाखा दफ्तर या नामांकित इन्वेस्टर सर्विस सेंटर्स (ISC) जो म्यूच्यूअल फंड्स के होते हैं, के पास या म्यूच्यूअल फंड्स के ही रजिस्ट्रार और ट्रान्सफर एजेंट्स के पास दाखिल कर, ब्रोकरेज क्या होता है निवेश आरम्भ कर सकते हैं|

निवेशक सम्बंधित म्यूच्यूअल फंड्स के वेबसाइट पर ऑन लाइन भी निवेश कर सकते हैं|

अलावा इसके, वित्तीय मध्यस्थों, उदाहरण स्वरुप म्यूच्यूअल फंड वितरक जो AMFI के साथ पंजीकृत है, की सहायता से अथवा प्रत्यक्ष रूप से निवेशक निवेश कर सकता है जिसमें किसी वितरक के सहभागिता की आवश्यकता नहीं है|

म्यूच्यूअल फंड वितरक एक व्यक्ति विशेष हो सकता है या गैर वैयक्तिक अस्तित्व हो सकता है जैसे बैंक, ब्रोकरिंग हाउस या फिर ऑनलाइन वितरण चैनल प्रदाता भी हो सकता है|

निवेशक ऑनलाइन भी निवेश कर सकता है, इसलिए कि ये मंच सारे आवश्यक सुरक्षा उपायों से युक्त हैं जो निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं| ये वस्तुतः सहूलियत और सुविधा का मामला है|

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