ब्रोकर बेसिक्स

सर्विस ब्रोकर क्या है? - टेक्नोपेडिया से परिभाषा
सेवा ब्रोकर SQL सर्वर की एक विशेषता है जो डेटाबेस इंजन में दो अलग-अलग अनुप्रयोगों के बीच, आमतौर पर कार्यों को पूरा करने की निगरानी करता है। यह एक छोर से दूसरे छोर तक संदेशों की सुरक्षित डिलीवरी के लिए ब्रोकर बेसिक्स जिम्मेदार है। यदि कोई लक्ष्य एप्लिकेशन अस्थायी रूप से बंद है या प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, तो सेवा ब्रोकर संदेशों को तब तक संग्रहीत करता है जब तक वे वितरण के लिए तैयार नहीं होते।
टेकपीडिया सेवा ब्रोकर बताते हैं
जब दो एप्लिकेशन (SQL सर्वर के भीतर या बाहर) संचार करते हैं, तो न तो विपरीत छोर पर तकनीकी विवरण तक पहुंच सकते हैं। संवेदनशील संदेशों की सुरक्षा करना और उन्हें निर्दिष्ट स्थान पर पहुंचाना मज़बूती से सेवा ब्रोकर का काम है। सेवा ब्रोकर अत्यधिक एकीकृत है और संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए एक सरल लेनदेन-SQL इंटरफ़ेस प्रदान करता है, जो संदेश वितरण और प्रसंस्करण के लिए मजबूत गारंटी के साथ संयुक्त है। आरंभकर्ता कार्यक्रम (वार्तालाप शुरू करने वाला एक) संदेश ब्रोकर को लक्ष्य एप्लिकेशन (रिसीवर के) पते के साथ सेवा ब्रोकर को भेजता है। संदेश प्राप्त करने के बाद लक्ष्य आवेदन, एक पावती या प्रतिक्रिया संदेश भेजता है जो संकेतक आवेदन के सफल वितरण को इंगित करता है।
यह परिभाषा SQL सर्वर संचार के संदर्भ में लिखी गई थी
प्यास के लिए बाधाएं: कई व्यवसाय प्लेटफॉर्म-ए-ए-सर्विस से बाहर क्यों निकल रहे हैं
क्लाउड कंप्यूटिंग को व्यापक रूप से अपनाने से डेवलपर्स और छोटे व्यवसायों को सभी प्रकार के एप्लिकेशन बनाने में मदद मिली है। प्लेटफ़ॉर्म-जैसा-ए-सर्विस (PaS) डेवलपर्स के लिए एक सहायक उपकरण साबित हुआ है, क्योंकि यह उपकरण, .
क्लाउड को ग्राउंड करना: क्लाउड सर्विस ब्रोकरों के बारे में आपको क्या जानना चाहिए
ग्राउंडिंग द क्लाउड: बेसिक्स और ब्रोकरेज की अपनी पुस्तक में, लेखक टॉड डी। लायल ने क्लाउड कंप्यूटिंग के पहलुओं का वर्णन एक सुलभ तरीके से किया है, जिसे लगभग कोई भी समझ सकता है। इस अंश में, वह बादल की भूमिका की व्याख्या करता है .
आपके जोखिम यह छिपा रहे हैं - क्या आप उन्हें स्पॉट कर सकते हैं?
आईटी हमारे जीवन में सबसे आगे है और हम व्यापार कैसे करते हैं इसमें एक प्रमुख भूमिका निभाता है। लेकिन इसके साथ जोखिम वाले जोखिम और जोखिमों का खुलासा होता है। एक आईटी विफलता अक्सर चेतावनी के बिना आती है और आपके लिए बड़ी समस्याओं के बराबर हो सकती है .
शानदार करियर के लिए बीकॉम के बाद ये कर सकते हैं स्टडीज
कॉमर्स को हमेशा से एक ऐसी प्रोफेशनल फील्ड के रूप में जाना जाता रहा है, जिसमें करियर के कई आकर्षक अवसर होते हैं। मगर बीकॉम के ठीक बाद उपलब्ध करियर के अवसरों के चलते यह धारणा भी बन गई है कि कॉमर्स में हायर एजुकेशन का स्कोप बहुत सीमित है। मगर यह धारणा पूरी तरह गलत है। बीकॉम करने के बाद आगे पढ़ाई के ढेरों विकल्प मौजूद हैं। एक नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ प्रमुख विकल्पों पर।
अकाउंटेंसी व फाइनेंस
फील्ड ऑफ स्टडी के लिहाज से कॉमर्स का केंद्रबिंदु अकाउंटेंसी और फाइनेंस ही हैं। वैसे तो बीकॉम इन दोनों विषयों का मूलभूत ज्ञान और समझ दे देता है लेकिन यदि आप गहराई में जाकर इनका अध्ययन करना चाहते हैं, तो बीकॉम के बाद इनमें से कोई कोर्स कर सकते हैं:
चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए): चार्टर्ड अकाउंटेंसी को फाइनेंस ब्रोकर बेसिक्स एंड अकाउंटेंसी के क्षेत्र में सर्वोच्च डिग्री माना जाता है। सीए प्रोग्राम में विद्यार्थी को अकाउंटिंग, ऑडिटिंग और टैक्सेशन का संपूर्ण ज्ञान दिया जाता है।
सर्टिफाइड फाइनेंशियल एनालिस्ट (सीएफए): सीएफए अकेडेमिक प्रोग्राम उन विद्यार्थियों के लिए है, जिन्हें फाइनेंशियल सिस्टम्स तथा इन्वेस्टमेंट्स में गहरी रुचि है। इस कोर्स में विद्यार्थियों को बेसिक अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स, बिज- नेस प्रेक्टिसेज, इकोनॉमिक पॉलिसीज एंड कंडीशंस आदि पढ़ाए जाते हैं।
कॉस्ट अकाउंटेंसी (आईसीडब्ल्यूए): कॉस्ट अकाउंटेंसी का कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए है, जिन्हें कंपनी के कॉस्ट का प्रबंधन करने तथा कंपनी को मुनाफे में रखने के लिए चैक्स एंड बैलेंस मैकेनिज्म विकसित करने में दिलचस्पी है।
कंपनी सेक्रेटरी (सीएस): यदि आपको कंपनी के स्टॉक तथा इन्वेस्टमेंट्स के प्रबंधन में रुचि है, तो आपको सीएस प्रोग्राम करना चाहिए। कंपनी सेक्रेटरी किसी कंपनी और उसके शेयरधारकों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप मं काम करते हैं और कंपनी के स्टॉक ट्रेडिंग की औपचारिकताओं को संभालते हैं।
स्टॉक ब्रोकिंग: कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद एक और आकर्षक करियर ऑप्शन है स्टॉक ब्रोकिंग का। अगर आपमें शेयरों की पैनी समझ है, तो ब्रोकर के रूप में आप अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं। इसके मूलभूत प्रशिक्षण के लिए आप कोई स्टॉक ब्रोकिंग कोर्स जॉइन कर ब्रोकर बेसिक्स सकते हैं, जहां आपको व्यक्तियों तथा संस्थानों की ओर से शेयरों की खरीदी-बिक्री के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एमबीए फाइनेंस: एमबीए फाइनेंस बीकॉम कर चुके विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध सबसे आकर्षक अकेडेमिक ऑप्शंस में से एक है। फाइनेंस में स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए की डिग्री लेकर आप किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान में उच्च पद पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं।
बीकॉम के बाद बैंकिंग तथा बीमा के क्षेत्र में भी पढ़ाई कर करियर बनाया जा सकता है। पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर ऐसे स्पेशलाइज्ड अकेडेमिक प्रोग्राम हैं, जो विद्यार्थियों को इन क्षेत्रों की बेसिक्स का प्रशिक्षण देते हैं। इनमें प्रमुख हैं बैंकिंग एंड इंश्योरेंस में स्पेशलाइजेशन के साथ एमकॉम, बैंकिंग में स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए, इंश्योरेंस में स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए आदि। बैंकिंग और बीमा से जुड़े अधिकांश पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के प्रोग्राम्स में सब-स्पेशलाइजेशन के भी कई विकल्प होते हैं।
आम तौर पर मार्केटिंग को 'जनरलिस्ट" फील्ड समझा जाता है, जिसमें किसी भी पृष्ठभूमि के विद्यार्थी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। यह बात अपनी जगह सही है लेकिन जब बात एमबीए इन मार्केटिंग या पीजीडीएम इन मार्केटिंग जैसे प्रोग्राम की होती है, तो बीकॉम कर चुके विद्यार्थी निश्चित ही फायदे में होते हैं। कारण ब्रोकर बेसिक्स यह कि मार्केटिंग मैनेजमेंट मुख्य रूप से न्यूमेरिकल व एनालिटिकल डेटा पर निर्भर करता है, जिसे प्रोसेस करके मार्केटिंग कैंपेन के लिए रूपरेखा तैयार की जाती है। चूंकि बीकॉम ग्रेजुएट्स पहले ही किसी डेटा को परखने के लिए बेसिक एनालिटिकल एप्टिट्यूड तथा लॉजिकल मैथडोलॉजी से लैस हो चुके होते हैं, सो एमबीए मार्केटिंग करना उनके लिए आसान हो जाता है।
वैसे तो आपको कई लोग मिल जाएंगे, जो लॉ के क्षेत्र में करियर को बीकॉम के विद्यार्थियों के लिए आदर्श नहीं मानेंगे लेकिन पढ़ने और करियर बनाने के लिए यह एक बेहतरीन फील्ड है। आप लॉ की किसी भी फील्ड में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। बिजनेस लॉ की फील्ड में स्पेशलाइजेशन करने में आपकी बीकॉम की पृष्ठभूमि बड़े काम आएगी। या फिर, यदि आपकी रुचि हो, जो आप एकेडमिक लॉ अथवा जनरल लॉ में भी स्पेशलाइज कर सकते हैं।
इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी भारतीय अर्थव्यवस्था ही नहीं, ग्लोबल अर्थव्यवस्था का सबसे तेजी से बढ़ता सेक्टर है। बीकॉम करने के बाद जो विद्यार्थी इस फील्ड में मौजूद अवसरों को भुनाना चाहते हैं, वे एमसीए या एमएससी आईटी करके ऐसा कर सकते हैं। हालांकि ये कोर्स कराने वाले अधिकांश कॉलेज साइंस ग्रेजुएट्स को ही इनमें प्रवेश देते हैं लेकिन कुछ कॉलेज मैथ्स में उत्कृष्ट परफॉर्म करने वाले कॉमर्स ग्रेजुएट्स को भी प्रवेश दे देते हैं। हालांकि यह आपको ठोस कॉमर्स के क्षेत्र से दूर ले जाएगा लेकिन यदि आपको इन फील्ड्स में गहरी रुचि है, तो आपको इस ओर भी गौर जरूर करना चाहिए।
ये तो महज कुछ ऑप्शंस हैं, जो बीकॉम करने के बाद आगे पढ़ाई के लिए उपलब्ध हैं। ऐसे कई अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। बेहतर होगा कि विद्यार्थी अपनी रुचियों, पैशन और करियर निर्माण को लेकर दीर्घकालीन कमिटमेंट को ध्यान में रखते हुए ही फैसला करें कि ग्रेजुएशन के बाद उन्हें क्या पढ़ना है।
भारतीय शेयर बाजार क्या है?| Indian Share Market कैसे सीखें?
“100 रुपये इन्वेस्ट करके हजारों कमाओ।”
ऐसे विज्ञापन हम रोजाना देखते है, सुनते है, लेकिन क्या सच में भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट करके हम इतने पैसे कमा सकते है। राकेश झुनझुनवाला जी की इंस्पायरिंग स्टोरी सुनकर भारतीय शेयर बाजार किसी आइडियल प्रोफेशन से कम नहीं लगता। आज हम आपको भारतीय शेयर बाजार से जुड़ी हर वह सही इन्फॉर्मेशन देने जा रहे है, जो आपको इन्वेस्ट करने की सही राह दिखा सकता है।
भारतीय शेयर बाजार है क्या? |What is Indian Share Market?- In Hindi
भारतीय शेयर बाजार एक ऐसा बाजार जहाँ पर देश भर की कंपनीज अपने शेयर को लिस्ट करती है, और ग्राहक द्वारा इसकी खरीदी बिक्री होती रहती है। इंडिया की बड़ी कम्पनियों के शेयर इस लिस्ट में शामिल होते है, जैसे कि टाटा, वोडाफ़ोन, रिलायन्स आदि। जिस भी कंपनी का शेयर हम खरीदते है, वह जितने भी प्रति शत है, उतने प्रति शत हम उस कंपनी के मालिक होते है। शेयर की कीमत कम और ज्यादा होती रहती है, और कंपनी के मुनाफे पर यह पूरी तरह से निर्भर है। समझिए आज हमने किसी कंपनी का शेयर 100 रुपये में खरीदा है, और कल कंपनी के प्रॉफिट की वजह से इसकी कीमत बढ़ गई तो हमें फायदा होता है, कीमत घट गई तो हमें नुकसान।
भारतीय शेयर बाजार के दो मुख्य प्रकार।
भारतीय शेयर बाजार के दो मुख्य प्रकार है,
प्राइमरी मार्केट (Primary Share Market)
सेकेंडरी मार्केट (Secondary Share Market)
प्राइमरी मार्केट (Primary Share Market)
यह एक ऐसी जगह है, जहाँ कंपनी खुद को रजिस्टर करती है, कुछ शेयर्स को बेचने के लिए इशू करती है। जिसका सरल अर्थ है कि, कंपनी मार्केट में खुद को लिस्ट करती है।
सेकेंडरी मार्केट (Secondary Share Market)
सेकेंडरी मार्केट में एक इन्वेस्टर दूसरे इन्वेस्टर से शेयर्स की खरीदारी और बिक्री करता है। प्राइमरी मार्केट से सिक्योरिटीज बेचने के बाद वह आती है सेकंडरी मार्केट में। आम तौर पर इन्वेस्टर ऐसी इन्वेस्टमेंट के लिए ब्रोकर का सहारा लेते है, जो दोनों मार्केट के बीच रहकर लेन देन का काम करता है।
BSE और NSE क्या है? | What is BSE and NSE ?-In Hindi
इंडिया में अगर हम इक्विटी भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो, दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है, पहिला BSE मतलब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा NSE मतलब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज। इंडिया में BSE और NSE सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज माने जाते है, साथ ही हांगकांग, चीन, जापान के साथ पूरे एशिया में भी सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज माने गए है।
NIFTY और SENSEX क्या है? | What is NIFTY and SENSEX?- In Hindi
सेंसेक्स ये शब्द सेंसिटिव इंडेक्स इन दो शब्दों पर आधारित है। सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का ही एक बेंचमार्क है, जिसकी शुरुआत 1 जनवरी 1986 में हुई थी, जिसमें इंडिया की टॉप लिस्टेड 30 कंपनियों को शामिल किया गया था। सेंसेक्स इंडियन भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार चढ़ाव को दर्शाने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचैंज का इंडेक्स है। इसमें NSE में कारोबार करने वाली सबसे बड़ी और टॉप 50 कंपनियां शामिल है, जो अलग अलग 14 क्षेत्रों में शामिल है। निफ़्टी नेशनल और फिफ्टी इन दो शब्दों से जुड़कर बना हुआ है। निफ़्टी को निफ़्टी 50 के नाम से भी जाना है।
भारतीय शेयर बाजार के 4 फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट्स है. | 4 financial instruments of Indian stock market- In Hindi
- बॉन्ड (Bind)
- शेयर्स (Shares)
- डेरिवेटिव्स (Derivatives)
म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund)
बॉन्ड (Bind)
इसका मतलब है, दूसरों को पैसे उधार देकर इन्वेस्ट करना। इसे एक तरह से डेब्ट इंस्ट्रूमेंट भी कह सकते है।
शेयर्स (Shares)
शेयर्स की खरीदारी और बिक्री भारतीय शेयर बाजार में होती है। कंपनी दवारा लिस्ट किए गए शेयर्स को खरीदकर कुछ प्रति शत आप कंपनी के मालिक भी हो सकते है।
डेरिवेटिव्स (Derivatives)
शेयर्स की कीमत में उतार चढ़ाव लगा रहता है। डेरिवेटिव्स के मामले में ऐसा नहीं होता है। डेरिवेटिव्स आपको एक निश्चित कीमत पर खरीदारी, बिक्री और समझौता करने की अनुमति देता है.
म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund)
भारतीय शेयर बाजार और बांड में इन्वेस्ट करने का एक इनडाइरेक्ट जरिया है, म्यूच्यूअल फण्ड।
भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करें? | How to invest in Indian stock market?-In Hindi
अगर आप प्राइमरी मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे है, तो यह सारा प्रोसेस IPO द्वारा होता है। इस प्रोसेस में कंपनी को मिले हुए एप्लीकेशन कंपनी स्वीकार करती है। और इन्वेस्टर इन्ही शेयर्स को लेकर सेकंडरी मार्किट में शेयर्स की खरीदारी और बिक्री करते है।
अब अगर आपको सेकंडरी मार्किट में किसी इन्वेस्टर से शेयर्स खरीदने है, तो सबसे पहले आपको रजिस्टर करना पड़ता है जिसके लिए आपको एक डिमैट अकाउंट ओपन करना पड़ता है। अब इस डिमैट अकाउंट को जोड़ा जाता है, आपके बैंक अकाउंट के साथ जिससे सारी लेन देन प्रक्रिया होती है।
अब डिमैट अकाउंट में लॉग इन करने के बाद आपके सामने हजारों शेयर्स की लिस्ट होती है, जिसे आप खरीद या बेच सकते है। शेयर्स खरीदते समय आपको ध्यान में रखना है, की आपके बैंक में उतने पैसों का होना आवश्यक है।
अब आपको अपने शेयर्स की कीमत निश्चित करनी है, और खरीदार उन शेयर्स को खरीदने की प्रतीक्षा करनी है। इस लेन देन के बाद आपको शेयर्स या पैसे दोनों में से एक मिल जाता है। आपके व्यवहार पर यह निश्चित है।
डिमैट अकाउंट को खोलने के लिए आपको किन डाक्यूमेंट्स कीजरूरत होती है? |What documents do you need to open a demat account?In Hindi
डिमैट अकाउंट को खोलने के लिए आपको आवश्यक डाक्यूमेंट्स की लिस्ट नीचे दी गई है।
आधार कार्ड
पैन कार्ड
पासपोर्ट साइज फ़ोटो
कैंसल चेक ऑफ एक्टिव बैंक अकाउंट
इनकम प्रूफ
अड्रेस प्रूफ
भारतीय शेयर बाजार सीखें कैसे ? | How to learn Indian stock market ?-In Hindi1.
भारतीय शेयर बाजार से जुड़ीं स्टेटेर्गिज़ को समझने के लिए भारतीय शेयर बाजार की किताबें पढ़ना सबसे अच्छा और बेहतरीन ऑप्शन है। मार्केट में ऐसी हजारों किताबें उपलब्ध है, लेकिन कुछ सबसे अच्छे रेटिंग्स की किताबों पर थोड़ा रिसर्च करने के बाद आप समझ सकते है, की आपको कौन सी किताब पढ़नी चाहिए और कौन सी आपके लिए लाभदायक साबित होगी।
2. सलाहकार की सलाह ले।
एक भारतीय शेयर बाजार सलाहकार अपने इस फील्ड में प्राप्त सालों के अनुभव द्वारा आपको उचित सलाह ही देगा। जो चीजें कोई कोर्स या किताबें जितना सीखा सकती है, उससे ज्यादा अनुभव मायने रखता है। आपके परिचित सलाहकार से सलाह लेना भी भारतीय शेयर बाजार सीखने के लिए आवश्यक है।
3. ऑनलाइन कोर्सेस
भारतीय शेयर बाजार सीखने के लिए कई सारे ऑनलाइन कोर्सेस के विज्ञापन आप देखते ही होंगे। ऑनलाइन कोर्स आप अपने लैपटॉप या कंप्यूटर की माध्यम से पूरा कर सकते है। इससे भी एक बेगिनेर के रूप में आपको बेसिक्स के साथ स्टेटेर्गिज़ का भी नॉलेज मिल जाता है।
4. मार्केट को अच्छे से विश्लेषण करे।
जब मार्केट को एनालाइज करने की बात आती है, न्यूज़ सबसे बढ़िया ऑप्शन है। भारतीय शेयर बाजार से जुड़ी खबरों को लेकर रोजाना खुद को अपडेट रखें। भारतीय शेयर बाजार पर राजनीतिक, आर्थिक, और विश्व में घटने वाली घटनाओं का विशेष प्रभाव पड़ता है। एक सरल उपाय है, आप किसी भी कंपनी का स्टॉक लें और पिछले कुछ वर्षों में हुए स्टॉक्स के उतार चढ़ाव को देखें।
आशा है, की भारतीय शेयर बाजार को समझने के लिए हमारी यह जानकारी आपके लिए उपयुक्त होगी।
कंप्यूटर एकाउंटिंग: भारत में उपलब्ध कोर्सेज और करियर स्कोप
आजकल तकरीबन हरेक काम कंप्यूटर्स पर होने लगा है. इसलिए, अगर आप कंप्यूटर एकाउंटिंग में एक्सपर्ट हैं तो इस आर्टिकल में आपके लिए भारत में उपलब्ध कंप्यूटर एकाउंटिंग के कोर्सेज, करियर ऑप्शन्स और करियर स्कोप के बारे में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत है.
इस इंटरनेट और डिजिटल दौर में कंप्यूटर एकाउंटेंसी की डिमांड लगातार बढ़ रही है. अब कंप्यूटर एकाउंटिंग के कई बेहतरीन सॉफ्टवेयर्स आ गए हैं और अधिकतर कंपनियों तथा इंस्टीट्यूशंस के लिए इनकम और एक्सपेंडीचर का हिसाब-किताब रखना या इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन अपलोड करना एकाउंट्स विभाग के कुछ ऐसे जरूरी काम होते हैं जो इन सॉफ्टवेयर्स के माध्यम से काफी कम समय में और सटीकता के साथ संपन्न किए जा सकते हैं. भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लागू होने के बाद, इन कंप्यूटर एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर्स और ऑनलाइन टूल्स का महत्व निरंतर बढ़ रहा है. दरअसल, इन दिनों प्रत्येक ऑफिस या इंस्टीट्यूट में आपको सभी प्रोफेशनल्स अक्सर अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हुए दिखते हैं.
इसलिए, इस नए दौर में अधिकतर कंपनियों और दफ्तरों के एकाउंट्स डिपार्टमेंट्स भी बहुत हद तक कंप्यूटर एकाउंटिंग पर निर्भर हो गये हैं. हमारे देश में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी और ICWA एक्सपर्ट्स भी अब कंप्यूटर एक्सपर्ट्स होते हैं और अपने डेली ऑफिस वर्क को अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर बड़ी आसानी से, कम समय में पूर्ण सटीकता के साथ निपटा लेते हैं. इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपके लिए भारत में उपलब्ध कंप्यूटर एकाउंटिंग के कोर्सेज के साथ ही करियर स्कोप के बारे में चर्चा कर रहे हैं:
कंप्यूटर एकाउंटिंग का परिचय और महत्त्व
सन 1980 के दशक तक हमारे देश में एकाउंट्स की फील्ड से संबंधित सभी काम कई किस्म की एकाउंट्स बुक्स जैसेकि, लेजर, कैशबुक, स्पेशल पर्पस बुक और एकाउंट्स बहीखाता आदि के माध्यम से किया जाता था. अब इन सभी एकाउंट्स बुक्स की जगह कंप्यूटर शीट्स ने ले ली है. अब कम्प्यूटर की मदद से ये सारे काम बहुत आसान हो गए हैं. आज के इस डिजिटल दौर में हम कंप्यूटर एकाउंटिंग को बिलकुल अनदेखा नहीं कर सकते हैं क्योंकि सभी मॉल्स, शोरुम्स, BPO, KPO, इंडस्ट्रीज और हरेक ऑफिस, बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट में एकाउंट्स का हरेक काम अब कंप्यूटर पर होने लगा है. दरअसल, कंप्यूटर एकाउंटिंग के महत्व को हम निम्नलिखित पॉइंट्स में प्रस्तुत कर सकते हैं:
• कंप्यूटर एकाउंटिंग के माध्यम से अधिक से अधिक डाटा काफी कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है जिस वजह से हरेक ऑफिस या कंपनी का काफी समय बच जाता है.
• कंप्यूटर एकाउंटिंग के माध्यम से फाइनेंशियल रिपोर्ट्स सटीक होने के साथ ही बहुत जल्दी तैयार हो जाती हैं.
• कंप्यूटर एकाउंटिंग से कागज़ की खपत काफी कम हो गई है.
• कंप्यूटर एकाउंटिंग में सारे डाटा का ट्रैक रिकॉर्ड होने की वजह से चोरी और धोखेबाजी को रोकने में कामयाबी मिली है.
• ऑनलाइन क्लाउड फैसिलिटी का उपयोग करते हुए कंप्यूटर एकाउंटिंग के माध्यम से कंप्यूटर के काफी कम स्पेस में सारा डाटा स्टोर किया जा सकता है जिससे रैम की स्पीड के साथ ही कंप्यूटर की परफॉरमेंस भी अच्छी रहती है.
• कंप्यूटर एकाउंटिंग के लिए स्किल्ड मैनपावर की जरूरत होती है.
• कंप्यूटर एकाउंटिंग के लिए हरेक ऑफिस या कंपनी अपनी जरूरत के मुताबिक एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है और आजकल टेक्निकल प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए ऑप्शनल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तथा एक्सपर्ट्स IT पेशेवरों की जरूरत भी हरेक ऑफिस या कंपनी को पड़ती है.
• कंप्यूटर एकाउंटिंग के माध्यम से हरेक कंपनी अपना कारोबार काफी बढ़ा सकती है और कंप्यूटर एकाउंटिंग से बहुत अधिक मात्रा में डाटा प्रोसेसिंग करके एकाउंट्स रिकार्ड्स लंबे समय तक सुरक्षित रखे जा सकते हैं.
कंप्यूटर एकाउंटिंग प्रोफेशनल्स के लिए जरुरी स्किल सेट
एकाउंटिंग और कंप्यूटर एकाउंटिंग से जुड़े सभी काम करने के लिए आजकल कैंडिडेट्स एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के साथ प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी लेते हैं. एकाउंटिंग और कंप्यूटर एकाउंटिंग की फ़ील्ड में काम करने के लिए पेशेवरों के पास अगर निम्नलिखित स्किल-सेट हो तो वे लोग अपने काम को बेहतरीन तरीके से पूरा कर सकते हैं और एक सफल पेशेवर के तौर पर अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ काफी अच्छी कमाई भी कर सकते हैं. एकाउंटिंग और कंप्यूटर एकाउंटिंग के लिए जरुरी स्किल्स निम्नलिखित हैं:
• पेशेवर के पास बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स होने चाहिए.
• सटीक डाटा प्रोसेसिंग के लिए बेहतरीन एनालिटिक और इंटरपर्सनल स्किल्स भी हैं जरुरी.
• एकाउंटेंसी से संबंधित सभी लेटेस्ट सॉफ्टवेयर्स की अच्छी जानकारी होनी चाहिए.
• मैथमेटिक्स में मास्टरी भी इस पेशे के लिए बहुत जरुरी है.
• एकाउंटिंग और कंप्यूटर एकाउंटिंग के बेसिक्स की अच्छी जानकारी और समझ होनी चाहिए.
• कंप्यूटर पर कंप्यूटिंग एरियाज में कई घंटे तक काम करने में सक्षम हों.
कंप्यूटर एकाउंटिंग: भारत में उपलब्ध हैं ये प्रमुख कोर्सेज
किसी भी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से 12वीं पास (प्रेफरेबली कॉमर्स सब्जेक्ट के साथ) स्टूडेंट्स कंप्यूटर एकाउंटिंग में ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल का डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं. हमारे देश में कंप्यूटर एकाउंटिंग से संबंधित प्रमुख कोर्सेज निम्नलिखित हैं:
• क्विक टैली
• स्मार्ट टैली
• टैली प्रोफेशनल
• स्मार्ट एक्सेल (2010)
• मास्टर इन एक्सेल (2010)
• सर्टिफाइड ई-एकाउंटेंट्स
अन्य प्रमुख कोर्सेज निम्नलिखित हैं:
• NSDC स्किल कोर्सेज
• वर्चुअल MBA
• मिड ब्रेन एक्टिवेशन
• इज़ी टॉक (स्पोकन)
भारत के इन प्रमुख कॉलेज और इंस्टीट्यूट्स से करें कंप्यूटर एकाउंटिंग के कोर्सेज
• दी इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली
• दी इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज़ ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली
• इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंप्यूटर एकाउंटेंसी, पूसा रोड, दिल्ली
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फाइनेंस एकाउंट्स, दिल्ली
• कॉलेज ऑफ़ कंप्यूटर एकाउंटेंट्स, पुणे, महाराष्ट्र
कंप्यूटर एकाउंटिंग: भारत में उपलब्ध प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स/ करियर ऑप्शन्स
• एकाउंटेंट
• ऑडिटर
• सीनियर एकाउंटेंट
• एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव
• एकाउंट्स असिस्टेंट
• सीनियर एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव
• एकाउंटिंग क्लर्क
• एकाउंटिंग मैनेजर
• कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट
• टैक्स कंसल्टेंट्स
• ऑडिट ऑफिसर्स
• कैशियर्स
• कमर्शियल असिस्टेंट
• बिजनेस एग्जीक्यूटिव
• फाइनेंस मैनेजर/ फाइनेंस ऑफिसर
• फाइनेंशियल एडवाइज़र
• फाइनेंशियल एग्जीक्यूटिव
• डायरेक्टर – फाइनेंस
• स्टॉक ब्रोकर
• एकाउंट्स एंड GST स्पेशलिस्ट
• सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट
• चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर
• कंपनी सेक्रेटरी
• चार्टर्ड एकाउंटेंट
कंप्यूटर एकाउंटिंग: भारत में मिलता है यह सैलरी पैकेज
पेस्केल.कॉम के मुताबिक हमारे देश में किसी सीनियर एकाउंटेंट की एवरेज सैलरी 4.1 लाख रुपये सालाना ब्रोकर बेसिक्स या उससे अधिक हो सकती है. किसी फ्रेशर एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव की एवरेज सैलरी 2.65 लाख रुपये सालाना और सीनियर एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव की एवरेज सैलरी 3.96 लाख रुपये सालाना तक होती है. एकाउंटिंग मैनेजर को एवरेज 6.6 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है. इसी तरह, ब्रोकर बेसिक्स कंप्यूटर एकाउंटिंग की फील्ड अभी नई है और इस फील्ड में एक्सपर्ट पेशेवरों को आजकल कॉर्पोरेट हाउसेस और MNCs में कई लाख रुपये सालाना के काफी आकर्षक सैलरी पैकेज मिल रहे हैं.
अगर आप एकाउंट्स की फील्ड के पेशेवर हैं या कॉमर्स और एकाउंट्स के स्टूडेंट हैं तो आप कंप्यूटर एकाउंटिंग की फील्ड में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करके एकाउंटिंग से जुड़े विभिन्न करियर ऑप्शन्स में से कोई सूटेबल करियर चुन सकते हैं. हमारे देश में अब एकाउंट्स की फील्ड में काफी अधिक एजुकेशनल कोर्सेज और प्रोफेशनल ट्रेनिंग उपलब्ध होने के साथ-साथ लगातार विकसित होती इंडियन इकॉनमी और मार्केट तथा ऑनलाइन मार्केटिंग ग्रोथ के कारण अब आपके पास विभिन्न सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स में एकाउंटिंग की फील्ड में अपने लिए कोई सूटेबल जॉब ज्वाइन करने के ढेरों अवसर उपलब्ध हैं. इसलिए जरुर इन अवसरों से पूरा फायदा उठायें. ऑल दी बेस्ट!
Share market kya hai/शेयर मार्केट क्या है?2
शेयर मार्केट क्या है?Share market kya hai?
शेयर मार्केट किस तरीके से काम करता है? How to work Share market?
शेयर मार्केट के क्या फायदे हैं? Advantage of Share market
मार्केट के क्या नुकसान हैं? Disadvantage of share market
शेयर मार्केट में आप किस तरीके से पैसे को इन्वेस्ट कर सकते हैं? How to invest money on Share market?
आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढेंगे क्योंकि इसमें हमने शेयर मार्केट (SHARE MARKET)से जुड़ी हुई कुछ बेसिक चीजों को पूरे डिटेल में बताने की कोशिश करी है सबसे पहले तो आप यह जानेShare market kya hai
शेयर मार्केट SHARE MARKETस्टॉक मार्केटStock market और इक्विटी मार्केटEquity market यह तीनों एक ही तरह के होते हैं ना कि अलग-अलग अगर आपके मन में ऐसा कन्फ्यूजन हो कि यह तीनों अलग-अलग होते हैं तो इसे आप बिल्कुल निकाल दे
शेयर मार्केट क्या है?What is SHARE MARKET?
शेयर मार्केटSHARE MARKET वह स्थान या जगह होता है जहां पर आप किसी भी कंपनी के शेयर्स को खरीद सकते हो या बेच सकते हो शेयर्स खरीदने का मतलब आप उस कंपनी के कुछ प्रतिशत हिस्से के मालिक बन रहे हो इसका मतलब यह हुआ कि अगर कंपनी को लाभ होगा तो आपको भी लाभ पहुंचेगा अगर कंपनी को नुकसान होगा तो आपको भी नुकसान उठाना पड़ेगा
आइए को एक उदाहरण से समझते हैं
मान लीजिए आप कोई नए व्यवसाय को शुरू करने जा रहे हैं मगर आपके पास उस व्यवसाय को शुरू करने के लिए उतना पैसा नहीं है इसमें आप किसी दोस्त या अपने संबंधी से मदद मांगेंगे कि आप आधा हिस्सा का पैसा लगाओ और आधा हिस्सा मेरा रहेगा और उससे जो प्रॉफिट्स होगा वह 50-50 हम दोनों का होगाShare market kya hai
शेयर मार्केट SHARE MARKETमें बस यही फर्क है कि यहां आप अपने दोस्त के पास पैसे के लिए जाते हैं जबकि शेयर मार्केट में आप पूरे विश्व के पास जाते हैं और कहते हैं कि मेरी कंपनी में आप पैसे को इन्वेस्ट करो यानी मेरे कंपनी को शेयर्स को खरीदो
शेयर मार्केट कैसे काम करती है? How to work Share market?
इसे जानने से पहले आप यह जाने कि स्टॉक एक्सचेंज क्या है
स्टॉक एक्सचेंज वह जगह या बिल्डिंग है जहां पर लोग कंपनीज के शेयर्स को खरीदते और बेचते हैं इस स्टॉक एक्सचेंज को दो हिस्सों में बांटा गया हैShare market kya hai
प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट
प्राइमरी मार्केट Primary market
प्राइमरी मार्केट वह बाजार है जहां पर कंपनी आकर अपने शेयर्स को बेचती है यह कंपनी डिसाइड करती है कि उसके शेयर्स की कीमत क्या होगी हां इसको तय करने के लिए कुछ रूल रेगुलेशन जरूर है मगर यह ज्यादातर मांग पर निर्भर करता है
उदाहरण के लिए किसी कंपनी का वैल्यू 100000 है वह अपने 100000 शेयर्स को एक रुपए प्रति शेयर्स लोगों को सेल करने का ऑफर करें अगर उस कंपनी का शेयर की मांग ज्यादा होगी तो उसे अपने कीमत से ज्यादा दाम मिलेगा अगर कम होगा तो उसे कम मिलेगाShare market kya hai
एक कंपनी के हर शेयर की वैल्यू बराबर होती है अब वह कंपनी पर डिपेंड करता है कि वह अपने शेयर्स को कितने हिस्सों में बनाएं
उदाहरण के लिए अगर कंपनी की टोटल वैल्यू ₹100000 है तो ₹1 का 100000 शेयर्स बना सकता है यह ₹2 का 50000 शेयर्स बना सकता है कंपनी के ऊपर डिपेंड करता है
एक कंपनी जब भी अपनी शेयर्स को बाजार में बेचती है तो वह 100% नहीं देती क्योंकि अगर कंपनी 100% बेच देगी तो वह अपने कंपनी को लेकर कोई भी डिसीजन यानी फैसला नहीं ले सकती है क्योंकि कंपनी के लिए डिसीजन वही लेगा जिसके पास सबसे ब्रोकर बेसिक्स ज्यादा शेयर होंगे इसलिए जो कंपनी के मालिक होते हैं वह अपने पास कम से कम 51% शेयर जरूर रखते हैं ताकि वह कंपनी के लिए कोई फैसला ले सकेShare market kya hai
सेकेंडरी मार्केट Secondry market
सेकेंडरी मार्केट वह बाजार जहां लोग अपने खरीदे हुए शेयर्स को दूसरे को जाकर भेजते हैं यानी वैसा मार्केट जहां पर लोग अपने-अपने शेयर्स को खरीदते और भेजते हैं यहां पर कंपनी कुछ नहीं कर सकती क्योंकि कंपनी प्राइमरी मार्केट में अपने शेयर्स को ऑलरेडी वे चुकी होती है
इस खरीद बिक्री के देखने के लिए दोस्तों एक स्टॉक एक्सचेंज की जरूरत पड़ती है वैसे तो विश्व के सभी बड़े देशों के पास अपना एक स्टॉक एक्सचेंज होती है इंडिया में भी जो बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैShare market kya hai
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज Bombay stock exchange
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज National stock exchange
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में कुल 5246 कंपनियां रजिस्टर्ड है वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 1641 कंपनियां रजिस्टर्ड है वैसे भारत में कुल 27 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है
स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शेयर प्राइस को देखने के लिए एक मेजरमेंट बनाई गई है जिससे सेंसेक्स और निफ्टी के नाम से जाना जाता
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज टॉप 30 कंपनी की वैल्यू को दिखाती है कि किस कंपनी की शेयर प्राइस उपर जा रही है और किस कंपनी की शेयर प्राइस नीचे आ रही है
यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की टॉप की 50 कंपनियों के ट्रेंड को दिखाती है कि किस कंपनी की शेयर प्राइस उपर जा रही है और किस कंपनी की शेयर प्राइस नीचे आ रही हैShare market kya hai
शेयर बाजार.SHARE MARKET में पैसे को कैसे इन्वेस्ट करें?
शेयर मार्केट में पैसे को इन्वेस्ट करने से पहले आपको किन चीजों की जरूरत पड़ेगी
बैंक अकाउंट Bank Account
ट्रेडिंग अकाउंट Trading Account
डिमैट अकाउंट Demat Account
आजकल ज्यादातर बैंक इन तीनों अकाउंट को एक साथ ओपन करके ब्रोकर बेसिक्स दे रही है
जब यह तीनों अकाउंट ओपन हो जाए तब बारी आती है पैसों को इन्वेस्ट करना दोस्तों पैसों को इन्वेस्ट करने से पहले हमें एक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है ब्रोकर को आप दलाल भी कह सकते हैं दलाल का काम होता है दो लोगों के बीच के डील्स को फाइनल कर आना अब यहां पर ब्रोकर कोई बैंक भी हो सकता है कोई थर्ड पार्टी एप्लीकेशन भी हो सकता है या कोई प्लेटफार्म भी हो सकता है यह सभी ब्रोकर्स कुछ कमीशन लेते हैं इस कमीशन को हम ब्रोकरेज रेट के नाम से जानते हैं यह बैंकों का या और किसी दूसरे प्लेटफार्म का अलग-अलग रेट हो सकता हैShare market kya hai
आप शेयर बाजार SHARE MARKET में अपने पैसों को दो तरीके से लगा सकते हैं
पहला है इन्वेस्टिंग
इन्वेस्टिंग का मतलब होता है आपने कुछ पैसे को लंबे समय के लिए लगा दिया यानी 10 साल 20 साल तो लंबे समय तक पैसों को लगाने को हम इन्वेस्टिंग कहते हैं
दूसरा है ट्रेडिंग
ट्रेडिंग का मतलब होता है आप पैसों को कम समय के लिए लगाकर थोड़े से मुनाफा होने पर उसे निकाल कर फिर किसी दूसरे कंपनी में लगा देना यानी आप कम समय में बहुत सारे कंपनियों में पैसों को लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हो
पाठक हमारी राय में अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो आपको डायरेक्टली शेयर बाजार में इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए आपको किसी न किसी एक्सपोर्ट की सहायता जरूर लेनी चाहिए नहीं तो मेरे अनुसार आपके लिए सबसे बढ़िया म्युचुअल फंड होगाShare market kya hai
म्यूचुअल फंड में आप खुद नहीं डिसाइड करते कि हमें किस कंपनी में पैसों को इन्वेस्ट करना है बल्कि यह उल्फत डिसाइड करता है और वह बहुत सारे कंपनियों में पैसों को इन्वेस्ट करता है ताकि नुकसान होने के चांसेस बहुत ही कम रहे
म्यूचुअल ब्रोकर बेसिक्स फंड में बहुत सारी एप्लीकेशन मदद से अपने पैसों को इन्वेस्ट कर सकते हैं
शेयर बाजार के फायदे
शेयर बाजार का सबसे अच्छा फायदा यह है कि आप देश विदेश के बड़े-बड़े कंपनियों में हिस्सेदार बन सकते हैं और आप उस कंपनियों के प्रॉफिट में हिस्सेदार बन सकते हैं
शेयर बाजार आपको दूसरे इन्वेस्टमेंट जैसे फिक्स डिपॉजिट या डेपट फंड से ज्यादा रेट ऑफ रिटर्न देती है
शेयर बाजार के नुकसानShare market kya hai
दोस्तों वैसे तो शेयर बाजार में कहने को कोई ज्यादा नुकसान नहीं है हां मगर शेयर बाजार में लोग एक नुकसान यह मानते हैं कि इसमें हमेशा रिस्क बना होता है
प्रिय पाठक कुछ लोग शेयर बाजार को जुआ मानते हैं मगर कुछ लोगों का यह भी मानना है यह एक सोची-समझी खेल है
प्रिय पाठक हम उम्मीद करते हैं आज के इस आर्टिकल में आपको शेयर बाजार से जुड़ी हुई कुछ बेसिक्स चीजें समझ में आई होंगीShare market kya hai