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ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं?

ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं?

Swing Trading क्या है ? और कैसे करे स्विंग ट्रेडिंग यहाँ जाने पूरी जानकारी

Swing Trading शेयर बाजार मे मुनाफा कमाने का एक और बढ़िया विकल्प है। लेकिन स्विंग ट्रेडिंग को बुनियादी तौर पर समझे बिना इसका प्रयोग करने से आपको कभी लाभ नहीं मिल सकता। अगर आप शेयर बाजार मे नए है और निवेश की शुरवात कर रहे है तो आपको इसे अपनाने के पहले ठीक से जानना जरुरी है।

स्विंग ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? ट्रेडिंग क्या है ?(What Is Swing Trading)

  • स्विंग ट्रेडिंग को आप इंट्राडे ट्रेडिंग भी नहीं कह सकते और डिलीवरी ट्रेडिंग भी नहीं कहा जा सकता।
  • स्विंग ट्रेडिंग मे ख़रीदे हुए शेयर 1 दिन से ज्यादा और उसके बाद 2 से 3 दिन या फिर 1 सप्ताह कर होल्ड किये जाते है।
  • इंट्राडे मे होल्ड की गयी शेयर पोजीशन उसी दिन सेल की जाती है और डिलीवरी ट्रेडिंग शेयर खरीदने के बाद उन्हें लम्बे समय तक होल्ड किया जाता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग के जरिये छोटे समय मे मुनाफा कामबे का उद्देश्य होता है।
  • ऐसे समय शेयर के छोटे से कीमत के बदलाव पर मुनाफा कमाया जाता है।
  • स्वाँग ट्रेडिंग मे लाभ कमाने के लिए रणनीति के आधार पर ट्रेड किया जाता है।
  • इसे आप डिलीवरी ट्रेडिंग का एक उप प्रकार भी कह सकते है।
  • स्विंग ट्रेडिंग करने वाले निवेशक शेयर की कीमतों का अंदाज़ा लगाने के लिए तकनिकी विश्लेषण करते है
  • इसी समय निवेशक उस शेयर के बारे मे बारीकी से अभ्यास करते है जैसे की कंपनी का प्रोडक्ट और छोटे समय मे कंपनी मे होने वाले बदलाव जो शेयर पर असर डालते है।
  • बिना विश्लेषण किये स्विंग ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा है विश्लेषण के जरिये स्टॉप लॉस लगाकर जोखिम को कम किया जा सकता है।

कैसे करे स्विंग ट्रेडिंग :(How To Start Swing Trading)

  • सबसे पहले ट्रेडिंग या निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना चाहिए जिसे आप किसी भी ब्रोकर के जरिये खोल सकते है।
  • स्विंग ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा साबित हो सकता है स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले सही शेयर को चुनना चाहिए। (जिसेक लिए स्विंग ट्रेडिंग के रणनीतियों को इस्तेमाल कर सकते है )
  • स्विंग ट्रेडिंग करते समय जब शेयर बाजार ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? मे उतार चढाव होता है ऐसे समय ट्रेड करना चाहिए।
  • स्विंग ट्रेडिंग मे कम समय मे कीमत बढ़ने पर लाभ होता है इसलिए ज्यादा लिक्विडिटी वाले शेयर चुनने चाहिए।
  • शेयर को चुनने के बाद उस शेयर ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? का तकनिकी और कंपनी का अंतर्गत विश्लेषण काफी ज्यादा मायने रखता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही शेयर चुना है या नहीं ये जानने के लिए आप स्विंग ट्रेडिंग के लोकप्रिय राणिनीतिया अपना सकते है जो की तकनिकी संकेतो के जरिये शेयर के कीमत के बारे मे अंदाज़ा लगाने मे मदत करते है।
  • आप चार्टिंग के जरिये विश्लेषण के लिए इंट्राडे टूल्स का इस्तेमाल कर सकते है इसी समय सामन्य चार्टिंग से भी 1 सप्ताह के संकेतो का विश्लेषण किया जा सकता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग शेयर निवेश करने के बाद आपको आपके विश्लेषण के अनुसार स्टॉप लॉस रखना चाहिए इससे रिस्क कम होती है।
  • स्विंग ट्रेडिंग निवेश समय आपके होल्डिंग पोजीशन को हर समय नजर रखनी चाहिए और हर बदलाव का असर समझाना चाहिए।
  • आखिर मे आपके स्विंग ट्रेड रणनीति के अनुसार मुनाफा आने पर होल्डिंग बेचनी चाहिए।
  • स्टॉप लॉस हिट होने के बाद होल्डिंग स्क्वायर ऑफ कर लेनी चाहिए।

कब करनी चाहिए स्विंग ट्रेडिंग :(When Is Best Time To Do Swing Trading)

  • स्विंग ट्रेडिंग निवेश के लिए कोई तय समय नहीं है ये आपके ऊपर निर्भर करता है की आपने शेयर को कितनी अच्छी तरह से जांचा है।
  • जब आप शेयर का तकनिकी विश्लेषण करते है तब आपको शेयर के ट्रेंड का पता लग जाता है।
  • इसका मतलब शेयर करेक्शन करते समय अपना ट्रेडन बदल देता है ऐसे समय स्विंग ट्रेडिंग अच्छा रिजल्ट दे सकती है और लॉस होने की जोखिम भी कम होती है।
  • इस ट्रेंड और करेक्शन को जानना स्विंग ट्रेडिंग मे काफी जरुरी होता है जिसके लिए अलग अलग प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है।
  • निवेशक अलग अलग संकेतो का इस्तेमाल करके स्विंग हाई लौ ,मूविंग एवरेज ,ओवरबॉट ओवरसोल्ड की जानकारी को देखकर निर्णय लेते है।

स्विंग ट्रेडिंग के लाभ :(Benifits Of Swing Trading)

  • स्विंग ट्रेडिंग एक छोटे समय याने 1 हफ्ते से लेकर 1 महीने तक की जाती है इसमे छोटे समय मे आप ट्रेडिंग मुनाफा कमा सकते है।
  • शेयर के लम्बे समय तक का रिसर्च करने की जरुरत नहीं पड़ती है क्यों की आपको इसमे सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही निवेश करना होता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग मे जोखिम है लेकिन इंट्राडे के मामले मे यह जोखिम काफी कम है।
  • अच्छी शेयर मे स्विंग ट्रेडिंग करने पर ज्यादा लॉस होने की संभावना कम होती है क्यों की इसे आप रणनीति बदलकर होल्ड भी कर सकते है।
  • स्विंग ट्रेडिंग मे आपको 1 से 2 दिन मे अच्छा मुनाफा भी मिल जाता है जो की इंट्राडे ट्रेडिंग आपको नहीं देती है।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए लोकप्रिय रणनीति :(Best Strategies For Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग के लिए रणनीति बनाकर कम समय मे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.रणनीति मे मुनाफा कमाने की कीमत तय की जाती है इसी समय स्टॉप लॉस पर भी ध्यान दिया जाता है जिससे जोखिम नियंत्रित होती है।

Swing trading क्या है? स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? स्टॉक सिलेक्शन कैसे करें?

आप चाहें तो mutual funds मे भी निवेश कर सकते हैं परंतु यह सिर्फ एक पुराना तरीका है जिसमें सिर्फ लॉन्ग टर्म में ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है। परंतु स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसा कारगर विकल्प है जिससे मदद से आप अपने पैसे पर कम समय में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं ।

स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग तथा scalping समान ही है परंतु जो इसे अन्य प्रकारों से भिन्न बनाती है वह यह है कि इसमें आपके पास अपने निवेश संबंधी निर्णय को लेने के लिए पर्याप्त समय होता है जिसमें आप अपने तार्किक विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेते हैं

आज के इस आर्टिकल में हम स्विंग ट्रेडिंग क्या है तथा उससे संबंधित विषयों के बारे में अध्ययन करेंगे ।

Table of Contents

Swing trading क्या है?

Swing trading, trading एक ऐसा प्रकार है जिसमें किसी कंपनी के शेयर को 1 दिन से अधिक समय के लिए खरीदा जाता है शेयर को खरीदने से लेकर बेचने की अवधि 1 दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए हो सकती है।

यह ट्रेडिंग मार्केट में short term gain तथा medium term gains के लिए की जाती है यह ट्रेडिंग का एक ऐसा रूप होता है जिसमें ट्रेडिंग एक तय समय के लिए की जाती है स्विंग ट्रेडिंग मे इस तय समय में हुए मार्केट में शेयर के प्राइस मूवमेंट से लाभ प्राप्त किया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा प्रभावी होती है क्योंकि जहां एक तरफ निवेशकों को अपने निवेश पर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न अर्जित करने के लिए 1 साल या उससे अधिक का समय देना होता है वही एक स्विंग ट्रेडर का उद्देश्य कम समय में अच्छे लाभ कमा कर अपने लक्ष्यों की पूर्ति करना होता है क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की मदद से आप हफ्ते मैं अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

इस ट्रेडिंग का उपयोग कोई भी आम व्यक्ति लॉयर डॉक्टर, बिजनेसमैन ,आर्किटेक्ट या कोई भी व्यक्ति जो किसी भी प्रकार की जॉब करता है वह कर सकता है।

इस ट्रेडिंग की मदद से आप शॉर्ट टर्म में शेयर के प्राइस मूवमेंट से पैसे कमा सकते हैं जिसमें टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करके आप शेयर के प्राइस मूवमेंट का ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? पता लगाकर यह अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में किसी शेयर में कितनी वृद्धि हो सकती है।

Swing trading में stock selection कैसे करें?

स्विंग ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग के सिद्धांतों पर ही कार्य करती ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? है ।परंतु इसमें व्यक्ति के पास अपने निर्णय लेने हेतु समय होता है। जिससे वह अपने नुकसान को सीमित कर सकता है। जिस प्रकार अन्य ट्रेडिंग प्रकारों में लाभ तथा हानि दोनों हो सकती हैं उसी प्रकार इसमें भी जोखिम रहता है। इसलिए यदि आप अच्छी तरह से स्टॉक का चयन करें तो आप अपने नुकसान को कम तो कर ही सकते हैं ।साथ ही साथ अपने लाभ की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

स्टॉक चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

मौलिक विश्लेषण

सर्वप्रथम किसी कंपनी के स्टॉक के चयन हेतु आपके पास उस कंपनी के विषय में कुछ मौलिक विश्लेषण होने चाहिए जैसे कि उस कंपनी का वैल्यूएशन कितना है वह कंपनी किस क्षेत्र में कार्यरत है तथा इससे पहले उसने कैसा कार्य किया है।

लिक्विडिटी

स्विंगट्रेडिंग करने से पहले आपको उसकी तरलता यह लिक्विडिटी के बारे में जान लेना चाहिए यदि उस शेयर की लिक्विडिटी अच्छी है तो आप कम समय में उससे अच्छा रिटर्न कमा पाएंगे।

ट्रेंड व मार्केट चाल

स्विंग ट्रेड करते समय आपको टेक्निकल एनालिसिस की आवश्यकता होती है जिसकी मदद से आप उस कंपनी के पुराने डाटा के आधार पर आने वाले समय में उस शेयर में होने वाले बदलाव का अनुमान लगा सकते हैं इसके आधार पर आपको उसके ट्रेंड शेयर की औसत चाल तथा उसके प्राइस मूवमेंट की जानकारी मिल जाएगी।

अन्य स्टॉक के साथ तुलना

किसी कंपनी को चयन करने से पहले आपको उस कंपनी के सेक्टर की अन्य कंपनियों के साथ उसकी तुलना करनी चाहिए जिससे आपको शेयर की जानकारी अच्छी तरीके से हो सके।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें?

मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका समय काल 1 दिन से कुछ हफ्ते तक का होता है अतः आपको इसके विश्लेषण हेतु टाइम फ्रेम की आवश्यकता होती है। जिससे आप उसका सटीक आंकलन करके लाभ प्राप्त कर सकें।

चार्ट का अध्य्यन मे आपको मार्केट का विस्तृत आंकलन करने की आवश्यकता होती है इसके लिए आप चार्ट के weekly टाइम फ्रेम या day time frame का उपयोग कर सकते हैं साथ ही ट्रेडिंग की प्लानिंग हेतु 1घंटे या 4घंटे के टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें?

यदि आपको स्विंग ट्रेडिंग से लाभ प्राप्त करना है तो आपको सही समय पर शेयर में एंट्री करने की आवश्यकता होती है।यह तय करने हेतु आपको मार्केट में विभिन्न रणनीतियां का उपयोग करना है। तथा किसी की सहायता से आप अपना लाभ भी तय कर सकते हैं।

Support and resistance

शेयर बाजार में सपोर्ट और रेजिस्टेंस बहुत महत्वपूर्ण होते हैं ।क्योंकि सपोर्ट मार्केट में खरीदारी को प्रदर्शित करता है ।अर्थात यहां खरीदारी का ज्यादा दबाव होता है ।तथा रेजिस्टेंस सप्लाई को अर्थात् बिकवाली को प्रदर्शित करता है तो यदि आप किसी शेयर मे एंट्री लेते हैं तो आप यह सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की सहायता से कर सकते हैं।यदि मार्केट कहीं स्ट्रांग सपोर्ट बना रहा है तो आप वहां छोटे स्टॉपलॉस के साथ एंट्री लेने की योजना बना सकते हैं तथा रेजिस्टेंस पर उसको बेच सकते हैं।

मूविंग एवरेज

मूविंग एवरेज मार्केट की औसत चाल को बताने का कार्य करता है चार्ट के तकनीकी विश्लेषण में 21,33,50 ,100,एवं 200 मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है। यह मार्केट के पिछले कुछ दिनों की औसत चाल के अनुसार आपको भविष्य में आने वाले उतार चढ़ाव का डाटा बताता है।इसकी सहायता से आप अपनी एंट्री की योजना बना सकते हैं।

इंडिकेटर का उपयोग

मार्केट में कई तरह के इंडिकेटर उपलब्ध हैं जो आपको मार्केट की भिन्न-भिन्न दशाओं से अवगत कराते हैं आप इन इंडिकेटर्स का उपयोग करके प्रवेश करने तथा बाहर निकलने की रणनीति को बना सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग मार्केट में कम समय में निवेश करके मुनाफा कमाने हेतु कारगर है। परंतु यदि आपस में सफल होना चाहते हैं तो आपको इसे सावधानी के साथ रिस्क मैनेजमेंट की सहायता से करना चाहिए। क्योंकि यदि आपको अपने लाभ के साथ-साथ अपने नुकसान के बारे में भी पता रहेगा तो आप मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकेंगे।

क्या होती है ये हॉर्स ट्रेडिंग… अभी तो राजनीति में काफी ट्रेंड में है मगर इसकी शुरुआत कहां से हुई?

Horse Trading In Politics: जब भी राजनीति में सरकार पर संकट आता है तो हॉर्स ट्रेडिंग का नाम सामने आने लगता है और अभी राजस्थान में ऐसे आरोप लग रहे हैं. ऐसे में जानते हैं इस शब्द की कहानी.

क्या होती है ये हॉर्स ट्रेडिंग. अभी तो राजनीति में काफी ट्रेंड में है मगर इसकी शुरुआत कहां से हुई?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: मोहित पारीक

Updated on: Jun 08, 2022 | 4:20 PM

जब भी किसी प्रदेश में सरकार खतरे में आती है तो विधायकों को होटल में एक साथ रखने आदि का सिलसिला शुरू हो जाता है. सरकार बचाने के लिए कई तरह के कदम उठाए जाते हैं और ये हम कर्नाटक, राजस्थान जैसे राज्यों में देख चुके हैं. फिर जब भी इस तरह की स्थिति बनती है तो न्यूज चैनल से लेकर राजनीतिक गलियारों में और सोशल मीडिया पर एक शब्द चर्चा में आ जाता है और वो शब्द है हॉर्स ट्रेडिंग (Horse Trading). राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाती है. वैसे इस पूरे मामले में घोड़ों को खरीदने और बेचने की बात तो कहीं भी नहीं आती, फिर भी हॉर्स ट्रेडिंग शब्द का इस्तेमाल क्यों किया जाता है.

ऐसे में आज हम आपको ये ही बताने जा रहे हैं कि आखिर ये हॉर्स ट्रेडिंग क्या है, इसका इतिहास क्या है और भारतीय राजनीति में उथल-पुथल के दौर में इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है और इस हॉर्स ट्रेडिंग की पूरी कहानी क्या है…

क्या है हॉर्स ट्रेडिंग का मतलब?

अगर हॉर्स ट्रेडिंग के शाब्दिक अर्थ की बात करें तो इसका मतलब है घोड़ों का व्यापार. इस शब्द का प्रयोग पहले वाकई में घोड़ों की खरीद फरोख्त के संदर्भ में ही होता था. रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 1820 के आस-पास घोड़ों के व्यापारी अच्छी नस्ल के घोड़ों को खरीदने के लिए बहुत जुगाड़ और चालाकी का प्रयोग करते थे. इसे लेकर घोड़ों को छिपाना, उनकी पूंछ दिखाना जैसी कहानियां प्रचलित है. दरअसल, घोड़ों की खरीद-फरोख्त धीरे-धीरे एक मुहावरा बन गई है.

कैंब्रिज डिक्शनरी के हिसाब से इसका मतलब बताया जाता है, ‘अनौपचारिक बातचीत जिसमें किसी भी दो पार्टियों के लोग ऐसी आपसी संधि करते हैं जहां दोनों का फायदा होता है.’ अब इस तरह की जहां भी खरीद-फरोख्त होती है, वहां इस फ्रेज का इस्तेमाल कर दिया जाता है.

राजनीति में कहां से आया ये शब्द?

अब राजनीति में इसका इस्तेमाल कब से होने लगा, इसका तो कोई फिक्स वक्त नहीं है. लेकिन, भारतीय राजनीति में भी इसका इस्तेमाल लंबे वक्त से हो रहा है. राजनीति में जब किसी को लालच देखकर काम साधने की कोशिश हुई तो इसके लिए भी हॉर्स ट्रेडिंग वाले मुहावरा का इस्तेमाल होने लगा. लेकिन, ये सवाल भी है कि आखिर राजनीति में होने वाली खरीद फरोख्त के लिए हॉर्स ट्रेडिंग ही क्यों इस्तेमाल होती है, किसी दूसरे जानवर का इस्तेमाल क्यों नहीं. ऐसे में इसका जवाब ये है कि गुप-चुप में होने वाली ट्रेडिंग के लिए हॉर्स ट्रेडिंग का ही इस्तेमाल इसलिए इसे भी राजनीति की ट्रेडिंग भी हॉर्स ट्रेडिंग ही है.

वैसे एक बार सुप्रीम कोर्ट ने भी ये सवाल उठाया था. साल 2014 में आम आदमी पाटी की ओर से बड़े स्तर पर खरीद-फरोख्त किए जाने के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, आखिर इसे घोड़े का कारोबार (हॉर्स ट्रेडिंग) क्यों कहा ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? जाता है, आदमियों का क्यों नहीं. जस्टिस एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन द्वारा बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त किए जाने का आरोप लगाए जाने पर यह चुटकी ली थी.

राजनीति में क्या होती है हॉर्स ट्रेडिंग?

अब बात करते हैं राजनीति में किन स्थितियों को हॉर्स ट्रेडिंग कहा जाता है. दरअसल, जब एक पार्टी, दूसरी पार्टी के सदस्यों लाभ का लालच देते हुए अपने में मिलाने की कोशिश करती है, जहां यह लालच पद, पैसे या प्रतिष्ठा का हो सकता है. इस तरह की डील को हॉर्स ट्रेडिंग कहा जाता है. अक्सर सरकार बनाने या बचाने के वक्त या फिर वोटिंग के वक्त इसका इस्तेमाल किया जाता है.

IQ Option में EMA संकेतक के साथ एक ट्रेंड ट्रेडिंग रणनीति trading

शुरुआती लोगों के लिए जो चार्ट पढ़ने के ज्ञान से पूरी तरह सुसज्जित नहीं हैं, सरलता कारक सबसे आगे है। उस सादगी के लिए, हमें लोकप्रिय, उपयोग में आसान संकेतकों को देखना चाहिए। यदि आप अभी भी विकल्पों की दुनिया के बारे में सीख रहे हैं, तो मुझे लगता है कि ट्रेंड ट्रेडिंग के लिए ईएमए संकेतक का उपयोग करने वाली ट्रेडिंग रणनीति आपके लिए काम करेगी।

ईएमए संकेतक क्या है?

ईएमए दो सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले मूविंग एवरेज (एमए) में से एक है।

ईएमए संकेतकों के एक समूह से संबंधित है जो तकनीकी विश्लेषण में बहुत लोकप्रिय हैं। यह सबसे हाल के डेटा के वजन को निर्धारित करने में मदद करता है। उस गणना के साथ, यह अन्य एमए की तुलना में पथ को अधिक सटीक बनाने में मदद करेगा।

इसका मतलब यह है कि ईएमए किसी विशेष मुद्रा जोड़ी की कीमत कार्रवाई में बदलाव के लिए अधिक तेज़ी से और सटीक प्रतिक्रिया देगा। ईएमए कई व्यापारियों की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्योंकि इसे उच्च दक्षता लाने के लिए अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ जोड़ा जा सकता है

ईएमए संकेतक क्या है?

ईएमए के लक्षण

ईएमए एक बेहतर ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? प्रवृत्ति अनुयायी है क्योंकि इसमें नवीनतम डेटा के लिए अधिक वजन होता है और एसएमए की तुलना में तेजी से परिवर्तन होता है।

ईएमए का बढ़ता ढलान बाजार की आशावादी भावना को दर्शाता है। इसके विपरीत, यदि इसे कम किया जाता है, तो यह निराशावादी और भयावह भावना का प्रतिनिधित्व करता है।

अवलोकन की अपेक्षाकृत संकीर्ण समय सीमा ईएमए को मूल्य आंदोलनों के प्रति संवेदनशील बनाती है। इसका मतलब है कि यह जल्द ही चलन को पकड़ लेता है लेकिन आपको आसानी से फंसा देता है। जाल बाजार का एक त्वरित उलट है।

अवलोकन के लंबे समय के फ्रेम वाले ईएमए कम जाल बनाते हैं लेकिन अधिक उलट बिंदुओं को ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? छोड़ देते हैं। इसलिए, एक समय सीमा चुनना आवश्यक है जो आपकी ट्रेडिंग रणनीति के अनुकूल हो।

ईएमए के लक्षण

एसएमए पर ईएमए के क्या फायदे हैं?

ईएमए संकेतक का एसएमए पर एक उल्लेखनीय लाभ है। आइए जानते हैं इसके कुछ फायदों के बारे में।

सबसे पहले, यह सबसे हाल के कारोबारी दिन के लिए अधिक वजन आवंटित करता है। इसका मतलब है कि भीड़ की निकटतम भावना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

दूसरा, ईएमए हमेशा अप-टू-डेट होता है क्योंकि यह लगातार नए मूल्य डेटा को अपडेट करता है। यह निवेशकों को उस समय कीमतों में उतार-चढ़ाव की जानकारी रखने में मदद करता है। इसलिए, ईएमए का उपयोग करने वाली मौजूदा कीमत ऐतिहासिक कीमतों से ज्यादा प्रभावित नहीं होगी।

एसएमए पर ईएमए के लाभ

ईएमए संकेतक का उपयोग करते समय जानने के लिए सिद्धांत

ईएमए अल्पकालिक व्यापारियों के लिए एक उपयोगी और पसंदीदा संकेतक है। वे अक्सर संकेतक को देखते हैं और अपने ट्रेडों पर त्वरित निर्णय लेते हैं। ईएमए स्वतंत्र रूप से काम करता है और आप अपनी रणनीति की समग्र तस्वीर को पूरा करने के लिए इसे किसी अन्य उपकरण के साथ जोड़ सकते हैं।

ईएमए संकेतक का मार्ग ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? निर्धारित करने से पहले, आपको यह जानना होगा कि इसकी भाषा को कैसे समझा जाए। इस एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज के कुछ सिद्धांत इस प्रकार हैं:

  • लंबी समय सीमा के साथ, ईएमए आपको बाजार की ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? समग्र प्रवृत्ति और चार्ट पर मूल्य पथ का बेहतर दृश्य प्रदान करता है।
  • लंबी अवधि के ईएमए के साथ नेस्टेड लघु ईएमए बनाने से आपको बेहतर क्रॉस अवसरों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
  • ईएमए ऊपर जाने पर खरीदने का संकेत। जब कीमत चलती औसत के करीब आती है, तो यह खरीदने का संकेत है।
  • बेचने के लिए संकेत अगर ईएमए ठुकरा देता है। जब कीमत ऊपर से ईएमए को पार कर जाती है तो आपको विक्रेताओं का अनुसरण करना चाहिए।

IQ Option में 2 EMA के साथ व्यापार कैसे करें

यह दो अलग-अलग ईएमए को संदर्भित करते समय क्रॉस निर्धारित करने की एक व्यापारिक रणनीति है। शर्तें इस प्रकार हैं:

  • 1 मिनट का कैंडलस्टिक चार्ट
  • 2 ईएमए एक दूसरे को पार करने के बाद ही खुले ऑर्डर
  • 15 मिनट की समाप्ति समय।

जब कीमत EMA50 और EMA150 (कीमत> EMA50> EMA150) से ऊपर हो, तो UP ऑर्डर खोलें। उसी समय, Stochastic संकेतक ओवरसोल्ड ज़ोन (20 लाइन से नीचे) में है।

2 ईएमए के साथ ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग करके यूपी ऑर्डर खोलें

2 ईएमए के साथ ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग करके डाउन ऑर्डर खोलें

इस ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग करते समय नोट्स

किसी भी अन्य ट्रेडिंग रणनीति की तरह, आपको नुकसान से बचने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

  • समाचार जारी होने के समय से पहले और बाद में आदेश न खोलें
  • जब बाजार ने अपना रुझान खो दिया हो तो प्रवेश न करें।
  • 2 ईएमए के बाद एक नई प्रवृत्ति (एक दूसरे को पार करें) बनाते हैं, उस प्रवृत्ति में केवल एक ऑर्डर खोलें। जब 2 ईएमए क्रॉस करेंगे तभी नए ऑर्डर तैयार होंगे।

सबसे पहले, आइए इस ट्रेडिंग रणनीति के बारे में सर्वोत्तम अनुभव प्राप्त करने के लिए एक डेमो अकाउंट पर ट्रेड करें। अनावश्यक जोखिम से बचने के लिए निवेश में अधीर न हों। मुझे उम्मीद है कि आपको वह रणनीति मिल गई है जो आपके लिए काम करती है।

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