फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी

म्यूचुअल फंड के अन्य वर्गों की तुलना में उन्हें थोड़ा सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है
गलत जगह कर बैठे हैं निवेश तो ये खबर आपके काम की है, क्लिक कर पढ़ें- काम की बात
By: ABP Ganga | Updated at : 04 Oct 2019 07:17 AM (IST)
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। निवेश करते वक्त क्या हम पूरी तरह से रिसर्च करते हैं। ये वो सवाल है जिसका जवाब न में ही सुनने को मिलता है। फाइनेंशियल प्रोडक्ट खरीदते हुए अक्सर लोग उन बातों को नजरअंदाज कर जाते हैं जो बेहद अहम साबित हो सकती हैं। लोग बीमा कंपनियों के एजेंट या बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर के झांसे में आ जाते हैं और वहां निवेश कर देते हैं जहां से बाद में उन्हें निराश होना पड़ता है। अगर आपको भी कोई फाइनेंशियल प्रोडक्ट गलत तरीके से बेचा गया है और आप इसे लेकर फंस गए हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको उन तरीकों के बारे में बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।
इंश्योरेंस पॉसिली इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। अक्सर एजेंट गलत जानकारी देकर ग्राहकों को पॉलिसी बेच देते हैं। लेकिन, थोड़ी सा सावधान रहकर आप आसानी से सही जानकारी हासिल कर सकते हैं। बीमा नियामक इरडा ने बीमा पॉलिसी को समझने के लिए 15 दिन की अवधि फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी रखी है। कुछ कंपनियां इसके लिए 30 दिन का समय देती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि 'फ्री लुक पीरियड' यानी पॉलिसी को देखने-समझने की अवधि आवेदन की तारीख से शुरू नहीं होती है। बजाय इसके यह अवधि तब से शुरू होती है जब से पॉलिसी दस्तावेज ग्राहक को मिलते हैं। अगर आपको पॉलिसी, मसलन यूलिप या एंडावमेंट प्लान को गलत तरीके से बेचा गया है तो फ्री लुक पीरियड के अंदर इसे लौटाया जा सकता है।
निवेश: इक्विटी बनाम डेट
जब भी निवेश करने के बारे में व्यक्ति विचार करता है, तो उसके सामने दो फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी मुख्य विकल्प आते हैं: इक्विटी और डेट से संबंधित निवेश. 2020 में आपको अपने निवेश को बहुत ध्यान से चुनना चाहिए. निवेश के लिए विकल्प को चुनते समय आपको अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखकर उसके हिसाब से फैसला लें. 2019 में इक्विटी निवेश खासकर मिडकैप, स्मॉल कैप स्टॉक और म्यूचुअल फंड का खराब प्रदर्शन जारी रहा. हालांकि, कुछ चुनिंदा लार्ज कैप निवेश ने बेहतर प्रदर्शन किया. दूसरी तरफ, कुछ डेट निवेश भी उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकामयाब रहे.फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी
इसलिए, 2020 में अपने लक्ष्यों को देखिए और अपने जोखिम लेने की क्षमता का आंकलन कीजिए. बेहद लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए (जैसे 10 से 20 साल की अवधि), आप SIP के जरिए मिड कैप फंड्स में निवेश कर सकते हैं. छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए शॉर्ट टर्म डेट फंड में निवेश करें. अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं, तो इक्विटी में ज्यादा ध्यान न दें. अगर आपने अभी अपना करियर शुरू किया है और आप 20 या 30 साल की उम्र में हैं, तो ठीक तरीके से इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. 40 या 50 साल की उम्र में हैं, तो ज्यादा संतुलित निवेश का तरीका अपनाएं.
खर्च: कैश बनाम नॉन-कैश
1 जनवरी से NEFT ट्रांजैक्शन में कोई चार्ज नहीं लग रहा है. इसका इस्तेमाल करें और इसके साथ UPI, वॉलेट, IMPS और RTGS का भी अपनी जरूरतों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. सरकार कैश के इस्तेमाल फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी को कम करके डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना चाहती है. नॉन-कैश ट्रांजैक्शन के कई फायदे हैं. आपको रिवॉर्ड प्वॉइंट्स, आकर्षक डिस्काउंट्स और ऑफर्स मिलते हैं. प्लास्टिक मनी को संभालना ज्यादा आसान होता है और यह सुरक्षित भी रहता है. तो 2020 में आप डिजिटल ट्रांजैक्शन के फायदे ले सकते हैं.
भारत में लोग अक्सर लाइफ इंश्योरेंस को छोड़ देते हैं जो लॉन्ग टर्म निवेश का जरिया है. इसकी वजह जल्दी से नकदी हासिल करना होती है. यह सही नहीं है. निवेश को इंश्योरेंस के साथ मिलाया नहीं जाना चाहिए. इससे आपके रिटर्न और कवरेज दोनों को नुकसान पहुंचता है. ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश और रिस्क कवर दोनों शामिल होते हैं. हालांकि, इसमें रिटर्न कम होता है और लिक्विडिटी की भी कमी होती है. दूसरी तरफ, टर्म पॉलिसी में केवल रिस्क कवर और कुछ बेनेफिट मिलते हैं. इसलिए इनमें प्रीमियम कम होते हैं और आपके फाइनेंस पर ज्यदा दबाव नहीं पड़ता . 2020 में अगर आप लाइफ इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं और निवेश करना चाहते हैं, तो अपनी इंश्योरेंस की जरूरतों के लिए एक टर्म पॉलिसी चुनें.
लोन: सुरक्षित बनाम असुरक्षित
सुरक्षित लोन में ब्याज दर कम होती है और इसमें कम क्रेडिट स्कोर के होने पर मदद मिलती है. यह लॉन्ग टर्म के लिए उपयोगी है. असुरक्षित लोन उन कर्जधारकों के लिए उपयुक्त हैं जिन्हें जल्दी लोन चाहिए और उनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है. जिनके पास कर्जदाता को देने के लिए कोई सिक्योरिटी नहीं है, और जो शॉर्ट टर्म में लोन का भुगतान कर सकते हैं, वे इसे चुन सकते हैं. इसमें ब्याज दर तुलना में ज्यादा है.
इसके बारे में स्पष्टता रखिए कि आप क्यों निवेश कर रहे हैं. लक्ष्य कम अवधि और ज्यादा अवधि दोनों के होते हैं. अगर आपको चीजें साफ होंगी, तो आप लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सही जगह अपने पैसे को लगाएंगे.
(By: फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी Adhil Shetty, CEO, BankBazaar.com)
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फिक्स्ड डिपॉजिट
एक सावधि जमा, जिसे समय जमा के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का उत्पाद है जो बैंकों के माध्यम से पेश किया जाता है।जब एक जमाकर्ता फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा डालता है, तो निवेश पर मिलने वाले लाभ या ब्याज की राशि तय होती है। ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव की परवाह किए बिना किसी भी समय दर में वृद्धि या कमी नहीं होगी। फिक्स्ड डिपॉजिट द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर आमतौर पर लंदन इंटर-बैंक की पेशकश की दर (LIBOR) या ट्रेजरी दर जैसे कम फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी जोखिम वाले बाजार मानकों को लागू करके निर्धारित की जाती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में एक फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी सप्ताह से लेकर पांच साल तक की परिपक्वता अवधि होसकती है ।निश्चित जमा को जल्दी भुनाया नहीं जा सकता।दूसरे शब्दों में, किसी भी कारण से पैसे नहीं निकाले जा सकते, जब तक कि जमा पर समय-अवधि समाप्त न हो जाए।यदि धनराशि जल्दी वापस ले ली जाती है, तो बैंक जल्दी निकासी दंड या शुल्क लगा सकता है।
मुख्य अंतर
डिबेंचर और फिक्स्ड डिपॉजिट में कई अहम अंतर होते हैं। डिबेंचर केवल व्यवसायों द्वारा जारी किया जा सकता है और पूंजी जुटाने के लिए उपयोग किया जाता है। डिबेंचर में निवेश करने वाला निवेशक किसी कंपनी में निवेश कर फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी रहा है और उसे उस कंपनी के विशिष्ट जोखिमों को समझना चाहिए।
एक निश्चित जमा में निवेश दोनों व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किया जा सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने से उत्पाद के प्रावधानों को समझना शामिल होता है, लेकिन आम तौर पर ऑफरिंग बैंक की गतिविधियों से जुड़े एक उच्च जोखिम को शामिल फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी नहीं किया जाता है क्योंकि फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ( FDIC ) ज्यादातर फिक्स्ड डिपॉजिट को इंश्योर करता है।
Liquid Funds vs Fixed Deposits: फंड तैयार करने के लिए क्या बेहतर, एफडी या लिक्विड फंड?
Liquid Funds vs Fixed Deposits: बहुत से लोग अपने इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) का पैसा लिक्विड फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट में रखते हैं, लेकिन अगर आपको इन दोनों में से किसी एक को चुनना हो तो आप किसे चुनेंगे और क्यों? आइये जानते है।
Liquid Funds vs Fixed Deposits: लिक्विड फंड (Liquid Fund) और फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) दोनों एक दूसरे से अलग हैं। फीचर, बेनिफिट, लिमिटेशन और मार्केट रिस्क के मामले में दोनों की प्रॉपर्टी भी अलग अलग है। निवेश करने या निवेश के लिए किसी एक को चुनने से पहले हमेशा लिक्विड फंड और FD के बीच के अंतर को समझने की सलाह दी जाती है।
FD और SIP में कौन सा विकल्प है निवेश के लिए बेस्ट? यहां दूर करिए कंफ्यूजन
जब बात निवेश की आती है, तो ज्यादातर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि निवेश कहां किया जाए? वो ये भी चाहते फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम इक्विटी हैं कि जहां भी निवेश किया जाए वो सुरक्षित हो और रिटर्न भी अच्छा मिले.
- FD और SIP में कौन सा विकल्प चुनें?
- SIP और FD निवेश में क्या अंतर है?
- कहां निवेश करने से बनेगा ज्यादा पैसा?
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