विदेशी मुद्रा हेजिंग रणनीति

आंतरिक व्यापार

आंतरिक व्यापार
Print This Page

औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग – का नाम बदल कर “उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग” रखा गया

औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग 1995 में स्थापित किया गया था और वर्ष 2000 में औद्योगिक विकास विभाग के विलय के साथ इसका पुनर्गठन किया गया है। इससे पहले स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एंड एग्रो एंड रूरल इंडस्ट्रीज (SSI & A & RI) और हेवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक एंटरप्राइजेज (HI & PE) के लिए अलग-अलग मंत्रालय अक्टूबर, 1999 में बनाए गए थे। जुलाई 1991 में शुरू किए गये भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के साथ इस विभाग की भूमिका और कार्यों में एक सुसंगत बदलाव किया गया फलस्वरूप औद्योगिक क्षेत्र के विनियमन और प्रशासन से संबंधित इस विभाग की भूमिका निवेश और प्रौद्योगिकी प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और उदारीकृत वातावरण में औद्योगिक विकास की निगरानी करने में बदल गई।

आंतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार एक तुलना - A comparison of internal and international trade

आंतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार एक तुलना - A comparison of internal and international trade

(i) विशिष्टीकरण आंतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार का आधार विशिष्टीकरण है जो श्रम विभाजन का परिणाम है एक देश में जब एक राज्य किसी वस्तु के उत्पादन में विशिष्टीकरण पा जाता है तो देश में अन्य राज्य उस वस्तु का उत्पादन न करके उसी राज्य से उस वस्तु को खरीद लेते हैं। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र तथा गुजरात ने कपड़े तथा चीनी में और पंजाब ने होजरी में विशिष्टीकरण प्राप्त कर लिया है। इन प्रदेशों से कपड़ा चीनी. तथा होजरी अन्य प्रदेशों में जाती है। इसी प्रकार विभिन्न देश जब किसी वस्तु के उत्पादन में विशिष्टीकरण प्राप्त कर लेते हैं तो वहाँ से वह वस्तु अन्य देशा में जाने लगती है। उदाहरण के लिए, बांग्लादेश ने पटसन की वस्तुओं में तथा अमेरिका में मशीनों में विशिष्टीकरण प्राप्त कर लिया है। इसलिए अमेरिका मशीनों का तथा बांग्लादेश पटसन की वस्तुओं का निर्यात करता है।

(ii) लागत आतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार दोनों का उद्देश्य कम लागत पर वस्तुओं का उत्पादन करना है। एक देश में जिस स्थान पर कुछ वस्तुओं की उत्पादन लागत कम होती है वहाँ से वे वस्तुएँ दूसरे स्थान पर जाती है। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में चावल और मछली की उत्पादन लागत तुलनात्मक रूप से कम है। इसलिए आन्ध्र प्रदेश आंतरिक व्यापार इन दोनों वस्तुओं का उत्पादन करता है और देश के अन्य भागों में भेजता है। इसी प्रकार अंतरराष्ट्रीय व्यापार में जिस देश में वस्तु की उत्पादन लागत कम होती है अन्य देश वहां से उस वस्तु का आयात करते हैं। इस प्रकार आंतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार दोनों का ही उद्देश्य कम मूल्य पर अधिकतम उत्पादन करना है।

(iii) विनिमय दोनों प्रकार के व्यापारों का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का परस्पर लेन-देन का विनिमय करना है। विनिमय का उद्देश्य उन वस्तुओं के बदले में जो किसी स्थान पर अधिक मात्रा में पाई जाती है

उन वस्तुओं को प्राप्त करना है, जो उस स्थान पर कम मात्रा में होती है या बिल्कुल नही होती। इसलिए यह कहा जाता है कि आंतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार दोनों का ही उद्देश्य विनिमय है।

(iv) लाभ आंतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार दोनों में ही उत्पादक का उद्देश्य लाभ कमाना होता है आंतरिक व्यापार में एक उत्पादक अपनी वस्तुओं को 2 वहां बेचना चाहता है जहा से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। इसी प्रकार अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी एक देश का उत्पादक उन देशों में अपनी वस्तु का निर्यात करेगा जहां पर वस्तुए अधिक महंगी हो जिससे उसे अधिक लाभ प्राप्त हो सके।

(v) पारस्परिक सहयोग आंतरिक व्यापार में व्यापारियों का एक राज्य से दूसरे राज्य में आना-जाना होता रहता है,

इस प्रकार उनमें घनिष्ठ संबंध स्थापित हो जाते हैं जिससे सहयोग की भावना उत्पन्न हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी आर्थिक संबंध स्थापित होने के पश्चात् विभिन्न देशों में सामाजिक तथा राजनीतिक क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ जाता है।

(vi) ऐच्छिक सौदे: दोनों प्रकार के व्यापार में होने वाले सौदे लोगों की इच्छा पर निर्भर करते हैं। किसी देश की सरकार आंतरिक या अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में देश के लोगों को किसी वस्तु विशेष को खरीदने या बेचने के लिए बाध्य नहीं कर सकती।

(vii) उपभोक्ता की प्रमुत्ता आतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार दोनों में ही उत्पादक, उपभोक्ताओं की पसंद को ध्यान में रखते हुए वस्तुओं का निर्माण करते हैं। उपभोक्ता जिन वस्तुओं को अधिक पसन्द करते हैं उन्हीं वस्तुओं में आंतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार अधिक होता है। उपर्युक्त समानता के बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए हम कह सकते है कि आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कोई मौलिक अंतर नहीं है। इसलिए ओहलिन के अनुसार, "अंतरराष्ट्रीय व्यापार का एक विशिष्ट रूप मात्र है।"

भारत-ब्रिटेन व्यापार करार के लिए वार्ता का अगला दौर आगामी महीनों में पूरा होने की उम्मीद

भारत और ब्रिटेन ने जनवरी में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत शुरू की थी। इसे दिवाली यानी 24 अक्टूबर तक अंजाम तक पहुंचाने का लक्ष्य था। लेकिन ब्रिटेन में राजनीतिक घटनाक्रम के कारण समयसीमा पर समझौता नहीं हो पाया। समझौते में 26 अध्याय आंतरिक व्यापार हैं, जिसमें वस्तु, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने अब आंतरिक स्तर पर व्यापार समझौते पर बातचीत अगले साल मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

समझौते के तहत सीमा शुल्क को कम करने या समाप्त करने से कपड़ा, चमड़ा और रत्न और आभूषण जैसे देश के आंतरिक व्यापार श्रम प्रधान क्षेत्रों को ब्रिटेन के बाजार में निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। वहीं ब्रिटेन स्कॉच व्हिस्की और वाहन जैसे क्षेत्रों में शुल्क में छूट की मांग कर रहा है।

मंत्रालय के अनुसार, जुलाई तक दोनों देशों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है।

केरल इस साल एक लाख उदृामियों को इन्क्यूबेट करेगा: वित्त मंत्री

Print This Page

केरल इस साल एक लाख उदृामियों को इन्क्यूबेट करेगा: वित्त मंत्री

नईं दिल्ली । केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने सोमवार को कहा कि राज्य एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनने और देश में बढ़ते आंतरिक व्यापार और सेवाओं को भुनाने के अपने प्रयास के तहत नए उदृामिता को आक्रामक रूप से बढ़ावा दे रहा है। नईं दिल्ली में 41वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में केरल पवेलियन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य केरल स्वाद के अधिक उत्पादों का उत्पादन करने के लिए इस साल 1 लाख नए उदृामी बनाने की योजना बना रहा है।
मंत्री ने कहा कि केरल में पर्यंटन, खेल और स्थानीय कारीगरों पर आधारित अद्वितीय बिक्री वाले उत्पाद हैं और राज्य उनका राष्ट्रीय स्तर पर विपणन करने पर ध्यान वेंद्रित कर रहा है। हम इस साल 6 मिलियन नए एसएमईं और 1 लाख नए उदृाम शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इस तरह की प्रदर्शनियां राज्य के एसएमईं के लिए आंतरिक व्यापार फायदेमंद हैं। हम हर गांव में ज्यादा से ज्यादा उदृामी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उनकी वकालत कर रहे हैं, बाल गोपाल नेकहा।

करेंट अफेयर्स – 11 नवंबर 2022

हाल ही में केरल राज्य सरकार ने केरल स्टार्टअप मिशन (KSUM) के माध्यम से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण योजना शुरू की है। यह योजना देश में सरकारी अनुसंधान संस्थानों से अपने उत्पादों के व्यावसायीकरण और पैमाने के लिए प्रौद्योगिकी लाइसेंस प्राप्त करते समय नए स्टार्टअप उद्यमों द्वारा किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति करेगा। इसके तहत उन स्टार्टअप्स को अधिकतम 10 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी जो सरकारी शोध संस्थानों से तकनीक खरीदते हैं या उन पर काम कर रहे उत्पाद विकसित करते हैं। प्रौद्योगिकी लाइसेंस प्रदान करने वाले अनुसंधान संस्थानों को राज्य सरकार स्टार्टअप के द्वारा 90 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति करेगी। केरल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर स्कीम का मुख्य और अंतिम लक्ष्य आंतरिक व्यापार लागत को कम करके स्टार्टअप को अपने विचारों को नया करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु:

  • वे स्टार्टअप इस योजना के लिए योग्य है, जिनका केरल स्टार्टअप मिशन (KSUM) के साथ सक्रिय पंजीकरण है।
  • वह स्टार्टअप केरल में राज्य में लिमिटेड LLP या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में एक पंजीकृत कंपनी होना चाहिए।
  • इस स्टार्टअप का पंजीकरण एक कंपनी के रूप में केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DIPP) में होना चाहिए।
  • किसी भी सरकारी एजेंसी, KSUM आदि के पास स्टार्टअप का बकाया नहीं होना चाहिए।

शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस

प्रतिवर्ष 10 नवम्बर को शांति और विकास आंतरिक व्यापार के लिए विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नागरिकों को विज्ञान के विकास के बारे में अच्छी तरह से सूचित करना है। इस दिवस को मनाने की घोषणा 2001 में की गई थी, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2002 से हर साल मनाया जा रहा है।

शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस मनाने का प्रयोजन:

  • शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस मनाने का प्रयोजन:
  • विज्ञान की भूमिका को सतत और शांतिपूर्ण समाज हेतु मजबूत करना।
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकता को बढ़ावा देना।
  • विज्ञान के सामने आने वाले नए सवालों पर ध्यान आकर्षित करना।

18वाँ अंतरराष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सम्मेलन

18वें अंतरराष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सम्मेलन का आयोजन दिनांक 10 से 12 नवंबर तक केरल के कोच्चि शहर में किया जा रहा है। यह स्वास्थ्य पेशेवरों, प्रदाताओं, स्वास्थ्य बीमा प्रदाताओं, ऑनलाइन फार्मेसी श्रृंखलाओं, उद्योगपतियों, आंतरिक व्यापार अकादमिक वैज्ञानिकों, शोध विद्वानों और वैज्ञानिकों के लिए एक वार्षिक वैश्विक सम्मेलन है। टीएसआई के केरल प्रकोष्ठ के सहयोग से टेलीमेडिसिन सोसाइटी ऑफ इंडिया (TSI) द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय में देश-विदेश के 200 से अधिक वैज्ञानिकों और अकादमिक विद्वान हिस्सा ले रहे हैं। अमृता अस्पताल, कोच्चि में इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भाग लिया। सम्मेलन में चर्चा का मुख्य केंद्र “भारत में नवीनतम तकनीकों से टेलीमेडिसिन सुविधाओं में सुधार कैसे होगा” रहा। इसमें केरल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति मोहानन कुन्नुमल और केरल के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. रेथन केलकर ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।

देश का पहला प्राइवेट रॉकेट किया जाएगा लॉन्च

भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से लॉन्च किया जाएगा। यह लॉन्च 12-16 नवंबर के बीच किया जाएगा। स्पेस स्टार्टअप कंपनी स्काइरूट एयरोस्पेस ने विक्रम-एस नामक रॉकेट के तैयार होने की पुष्टि की। इस रॉकेट का नाम मशहूर वैज्ञानिक डाक्टर विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है, जिसने इसरो (ISRO) की स्थापना की थी। इसरो ने स्काईरूट एयरोस्पेस को इसे लॉन्च करने के लिए 12 नवंबर से 16 नवंबर तक का समय दिया है। यह रॉकेट एक सिंगल स्टेज सब-आर्बिटल लांच व्हीकल है, जो तीन ग्राहक पेलोड ले जाएगा। स्काईरूट एयरोस्पेस ने इस मिशन का नाम ‘मिशन प्रारंभ’ रखा गया है।

कंपनी के CEO और को-फाउंडर पवन कुमार चांदना ने बताया की ISRO और INSPACe के सहयोग के कारण ही रॉकेट को इतने कम समय में तैयार किया जा सका है।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 की मेजबानी

खेलो इंडिया नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स 2023-2024 की मेजबानी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी। इसका आयोजन राज्य के चार शहरों लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी और नोएडा में किया जाएगा।

रेटिंग: 4.48
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 799
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *