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महंगाई से बचाव

महंगाई से बचाव
किन सेक्टर्स में कम हुई महंगाई
महंगाई के आंकड़ों में कई सेगमेट में गिरावट देखी गई है और ये कम हुई है. मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट की महंगाई दर घटकर 4.42 फीसदी पर आ गई है जो कि इससे पिछले महीने में 6.34 फीसदी पर रही थी. इसके अलावा फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की महंगाई दर भी घटकर 23.17 फीसदी पर आ गई है जिसके पिछली बार का आंकड़ा 32.61 फीसदी पर रहा था.

WPI Inflation: महंगाई से राहत, अक्टूबर में थोक महंगाई दर घटकर 8.39 फीसदी पर आई; खाने-पीने की चीजें हुई सस्ती

By: ABP Live | Updated at : 14 Nov 2022 12:32 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

थोक महंगाई दर में राहत

Wholesale Price Index inflation:महंगाई से बचाव अक्टूबर के थोक महंगाई दर (WPI Inflation) के आंकड़े आ गए महंगाई से बचाव हैं और ये सितंबर के मुकाबले कम हो गई है. अक्टूबर में थोक महंगाई दर 8.39 फीसदी पर आई है. महीने दर महीने आधार पर देखें तो इसमें गिरावट देखी गई है और इससे लोगों को लगातार बढ़ती महंगाई से राहत मिली है.

19 महीने के निचले स्तर पर आई थोक महंगाई दर
लगातार 18 महीने से थोक महंगाई दर दहाई अंकों में आ रही थी और इस बार ये आंकड़ा 10 फीसदी से कम आया है जिसके चलते ये 19 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. इससे पहले मार्च 2021 में इससे कम महंगाई दर देखी गई थी.

बढ़ती महंगाई के बचाव में वित्त मंत्री निर्मला के संसद में तर्क

केंद्र सरकार ने बढ़ती महंगाई के बचाव में संसद में पुराने तर्क ही पेश किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्लोबल एजेंसियों ने भारत को तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया है। हमारा देश मंदी का शिकार नहीं होगा। कांग्रेस ने इन तर्कों को स्वीकार नहीं किया।

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश में की संसद में बढ़ती महंगाई के बचाव में कई तर्क दिए। भारतीय अर्थव्यवस्था के संबंध में विदेशी एजेंसियों की रिपोर्टों को खारिज करने वाली सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्लूमबर्ग के हवाले से कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत स्थिति में है। उधर, तृणमूल कांग्रेस की सदस्य ने सदन में बैंगन खाकर बढ़ती महंगाई पर अपनी बात कहती रहीं लेकिन उनकी बात सुनने के लिए किसी के पास वक्त नहीं था।

सोना कितना सोणा?: महंगाई बढ़ने पर सोना भी महंगा होता रहा है, पर इस बार ऐसे आसार नहीं

बीते कुछ महीनों से सोने की चाल हैरत में डाल रही है। दुनियाभर महंगाई से बचाव में महंगाई तेजी से बढ़ने के बावजूद सोने की कीमतों में उछाल नहीं आ रहा। यह 51 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब बना हुआ है। परंपरागत रूप से महंगाई बढ़ने पर सोने की कीमत बढ़ती है। इससे महंगाई के चलते हुए नुकसान की भरपाई हो जाती महंगाई से बचाव है। इसीलिए दुनियाभर में सोने को महंगाई से बचाव का साधन (हेजिंग टूल) माना जाता है। इस बार, हालांकि, यह ट्रेंड नहीं है।

2020 में वैश्विक महंगाई दर 3.18% थी, जो 2022 में दो गुना से भी ज्यादा 7% से पार हो गई है। अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन में महंगाई दर 40 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर है। फिर भी सोने की कीमत न केवल स्थिर है, बल्कि 2020 के पीक से 10 फीसदी नीचे है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस साल सोना 1,850 डॉलर प्रति औंस (1.44 लाख रु./28.35 ग्राम) से ऊपर नहीं जाएगा। मतलब सोने में 3.17% तेजी की ही संभावना है। अप्रैल में भारत में महंगाई दर 8 साल के ऊंचे स्तर 7.79% पर पहुंच गई, जो अप्रैल 2021 में 4.23% थी। दूसरी ओर, सोने की कीमत सिर्फ 5% बढ़ी।

इनकम घटने से बढ़ती है टेंशन

जब लोगों की इनकम घटती है, तो उनके तनाव का लेवल बढ़ जाता है. धीरे-धीरे यह एंजाइटी और डिप्रेशन का कारण बन जाता है. हेल्थ और इनकम का सीधा कनेक्शन होता है, जो अधिकतर लोगों को बुरी तरह प्रभावित करता है. इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि इस तरह के तनाव से बचा जा सके. अगर समस्या गंभीर होती जा रही है तो एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए. लापरवाही महंगी पड़ सकती है.

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दुनियाभर में महंगाई बन रही 'जान की दुश्मन', जानें इनकम और मेंटल महंगाई से बचाव हेल्थ का कनेक्शन

इनकम घटने से लोगों की हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है.

इनकम घटने से लोगों की हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि महंगाई की वजह से लोगों की मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो रही है. इसका खुलासा एक हालिया पोल में हुआ है. आखिर महंगाई और हेल्थ का क्या कनेक्शन है? इस बारे में जान लेते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 25, 2022, 11:04 IST

हाइलाइट्स

लोग कोविड को लेकर जितना तनाव में हैं, उससे ज्यादा तनाव महंगाई की वजह से है.
लोगों की इनकम का सीधा महंगाई से बचाव असर उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ता है.

Inflation Related Anxiety: कोविड-19 की वजह से दुनियाभर के करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गईं और उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. इसके बाद तेजी से महंगाई बढ़ गई. लगातार बढ़ती महंगाई लोगों की मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो रही है. एक हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ महंगाई से बचाव है कि अमेरिका के 90 फीसदी लोग महंगाई की वजह से एंजाइटी का शिकार हो गए हैं. बढ़ती महंगाई और घटती इनकम मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है. इनकम का मेंटल हेल्थ पर सीधा असर होता है. पैसों की किल्लत आपके तनाव की वजह बन जाती है. आज आपको इससे जुड़ी चौंकाने वाली बातें बताएंगे.

महंगाई बन रही एंजाइटी और तनाव का कारण

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी तादाद में लोग महंगाई की वजह से तनाव और एंजाइटी से जूझ रहे हैं. इसका खुलासा अमेरिकन साइकाइट्रिक एसोसिएशन (APA) के सर्वेक्षण में हुआ है. चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका में लोग कोविड-19 को लेकर जितना तनाव में हैं, उससे कहीं ज्यादा तनाव महंगाई की वजह से हो रहा है. यूएस में 90% लोग महंगाई से संबंधित एंजाइटी से जूझ रहे हैं. कोरोना की वजह से लोगों की इनकम काफी हद तक घट गई है, जो स्ट्रेस का कारण बन रही है.

अब तक कई स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि लोगों की इनकम का सीधा असर उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. कई महंगाई से बचाव सामाजिक कारण भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं. लंबे समय तक स्ट्रेस और एंजाइटी होने से शारीरिक और मानसिक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. जब लोग अपनी जिंदगी में महत्वपूर्ण चीजों पर कंट्रोल खोने का अनुभव करते हैं, तो यह मनोवैज्ञानिक संकट का कारण बनता है. इसके अलावा शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलता है. आर्थिक तंगी निराशा का कारण बनती है.

इनकम घटने से बढ़ती है टेंशन

जब लोगों की इनकम घटती है, तो उनके तनाव का महंगाई से बचाव लेवल बढ़ जाता है. धीरे-धीरे यह एंजाइटी और डिप्रेशन का कारण बन जाता है. हेल्थ और इनकम का सीधा कनेक्शन होता है, जो अधिकतर लोगों को बुरी तरह प्रभावित करता है. इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि इस तरह के तनाव से बचा जा सके. अगर समस्या गंभीर होती महंगाई से बचाव जा रही है तो एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए. लापरवाही महंगी पड़ सकती है.

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