बिजनेस में सफलता के टिप्स

आपने, अपने बिजनेस को शुरू करने के लिए जो भी जगह सलेक्ट कर रखी हैं, वहाँ पर आप सभी जरूरतमंद मशीनें लगवाएं | काम करने के लिए मजदूरों को एकत्रित करें | कच्चे माल को मंगाकर रखे | यदि आप इस तरह की चीजें पहले से ही वहन व्यवस्थित कर लेने तो आपको इसकी शुरुआत करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी |
बिज़नेस वास्तु टिप्स की पूरी जानकारी
यदि आप किसी बिजनेस की स्थापना कर रहे हैं तो उसके वास्तु के बारे में पता लगायें। इसके बाद Vastu Dosha को दूर करने का उपाय करें। Adhyogik Vastu Shastra के अनुसार यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके उस Business में काफी बाधा उत्पन्न होगी। Business में सफलता पाने के लिए कुछ बिज़नेस वास्तु टिप्स दी जा रही है, उसे पढ़े और फिर अपने उद्योग (कम्पनी), कंपनी या फिर factory के वास्तुदोष को दूर करें।
किसी उद्योग (Company) को लगाकर उसे सही तरह से चलाना बहुत ही कठिन काम है। कई Karkhano Ke Nirman में Vastu Niyam का पालन न करने से वह बंद हो गए हैं। कारखानें के निर्माण में वास्तुदोष होने की स्थिति में कई बाधाएं उत्पन्न हो सकती है। औद्योगिक इकाइयों के लिए भी सामान्य वास्तु सिद्धांत (औद्योगिक वास्तुशास्त्र) वही है जो किसी व्यावसायिक Makan में प्रयोग किये जाते हैं।
उद्योग (कारखाने) के लिए वास्तुनिर्देश और बिज़नेस वास्तु टिप्स-
- उद्योग की भूमि के चारों ओर दीवार रखनी चाहिए। पूर्व व उत्तर दिशा की चार-दीवारी दक्षिण व पश्चिम दिशा की अपेक्षा नीची होनी चाहिए। साथ ही दक्षिण तथा पश्चिम की चारदीवारी पूर्व व उत्तर की चारदीवार से मोटी भी होनी चाहिए।
- भूमि का आकार चारो ओर से बराबर होना अच्छा होता है। जमीन की ईशान दिशा (Ishan Kon) कटी हुई नहीं होनी चाहिए नहीं तो खतरनाक संकट उत्पन्न हो सकते हैं। ईशान दिशा में न भारी सामान रखें और न भारी निर्माण करें। वायव्य भाग बंद न करें। हमेशा नैऋत्य दिशा 90 डिग्री की ही रखना सही होता है।
- तैयार माल को रखने की अधिक सही जगह वायव्य दिशा होती है। यहां माल रखने से वह जल्द ही बिक जाता है। इसके अलावा निर्मित माल को पूर्व, उत्तर या आग्नेय दिशा में भी रखते हैं। ईशान दिशा (Ishan Kon Disha), नैऋत्य दिशा व केंद्रीय भाग में तैयार माल कभी नहीं रखना चाहिए।
- KarKhana में पानी ईशान दिशा में रखना चाहिए। वैसे इसे उत्तर या पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं लेकिन वहां कुआ जरूर होना चाहिए। यदि Over had Tank बनाना हो तो ईशान दिशा में न बनाएं। उसे नैऋत्य दिशा में बनाना चाहिए। भूमिगत टैंक दक्षिण, पश्चिम या वायव्य दिशा में नहीं बनाना चाहिए। इस बिज़नेस वास्तु टिप्स को अपनाएं। आपको बिजनेस में अवश्य ही लाभ मिलेगा।
- कारखानों में मशीनों की स्थापना दक्षिणी भाग में बिजनेस में सफलता के टिप्स ही करनी चाहिए। हल्की मशीने उत्तरी भाग में भी रखी जा सकती है। भूमिगत मशीनें पूर्वी या उत्तरी भाग में स्थापित करें। कोई भी मशीन Ishan Kon में कभी नहीं रखनी चाहिए।
- बड़ी गाड़ियों के आने-जाने के लिए दो जगहों पर द्वार बनाने चाहिए। निकलने के लिए द्वार उत्तर या पश्चिम में सही होता है।
- गाड़ियों के लिए Parking की जगह उत्तरी या पूर्वी दिशा में करनी चाहिए लेकिन पार्किंग की व्यवस्था Compund Wall से लगाकर न करें।
- कच्चेमाल का भंडारण उत्तरी दिशा बिजनेस में सफलता के टिप्स में अच्छा होता है। इसे ईशान दिशा, केंद्र व वायव्य दिशा में नहीं रखना चाहिए।
- कारखाने में कारीगरों को इस तरह खड़ा करना चाहिए कि उनका मुंह उत्तर या पूर्व की ओर रहे। बीम के नीचे कारीगरों को कभी खड़ा न करें। इनके रहने की जगह आग्नेय या ईशान दिशा में होनी चाहिए। इसे मकान की दीवार से हटाकर बनवाना चाहिए।
- यदि प्रशासनिक कार्यालय को पूर्व या उत्तर दिशा में बनवा पाना संभव न हो तो नैऋत्य में भी रखा जा सकता है। इसमें बैठने वाले अधिकारी को भी उत्तर व पूर्व दिशा में मुख करके बैठना चाहिए।
- ट्रांसफार्मर, बायलर, जैनेरेटर, बिजली का खम्भा आदि पूर्वी आग्नेय दिशा में स्थापित करना चाहिए।
- हमेशा सामान्य वास्तु सिद्धांतों (औद्योगिक वास्तुशास्त्र) के अनुरूप उत्तरी व पूर्वी भाग ज्यादा खाली रखें तथा दक्षिणी व पश्चिमी भाग में खाली जगह कम रखनी चाहिए।
- अगर ईशान दिशा में गेट हो तो दक्षिण भाग में और उत्तरी दिशा में हो तो पश्चिमी भाग में चौकीदार का कमरा बनवाना चाहिए।
- नैऋत्य दिशा में फर्श जमीन से ज्यादा ऊंचा तथा उत्तर, पूर्व व ईशान दिशा में अपेक्षाकृत नीचे होना चाहिए।
- कारखाने का प्रशासनिक कार्यालय पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
- कारखाने का Mukhya Dwar नैऋत्य दिशा में कभी नहीं होना चाहिए।
- कारखाने या जनरल स्टोर का प्रवेशद्वार पूर्व, उत्तर व ईशान दिशा में रखना चाहिए।
- तोलने वाली भारी मशीन पश्चिमी या दक्षिणी दीवार के पास रखनी चाहिए।
- शौचालय वायव्य या आग्नेय दिशा में बनाना चाहिए। इसे कंपाउंड वाल से लगाकर न बनवाएं।
- कच्चेमाल का उत्पादन दक्षिण-पश्चिम दिशा से शुरू करके उत्तर-पूर्व की ओर से उसे निकाले।
- पूर्व या उत्तर में लॉन या छोटे पौधे लगाने चाहिए।
- जमीन के दक्षिणी-पश्चिमी भाग को ऊंचा रखना चाहिए।
- भूमि के दक्षिणी व पश्चिमी भाग में बड़े-बड़े पेड़ लगाने चाहिए।
- कोई भी उद्योग अनेक मजदूरों की रोजी रोटी का साधन होता है।
Golden Rules to Success in Business/Startup
- असफलता के डर से मत डरो, जोखिम उठाओ (Take Risk)| जो लोग जोखिम उठाते है, किस्मत उनके साथ चलती है|
“जोखिम उठाने वालों की कभी हार नहीं होती| उन्हें या तो जीत मिलती है या सीख”
Rule #2 : Failures
- असफलताओं (Failures) और मुसीबतों के लिए हमेशा तैयार रहें| जोखिम व्यवसाय का पहला कदम है और असफलता दूसरा| कोई भी व्यक्ति मुसीबतों और असफलताओं के बिना सफल नहीं हो सकता| असफलता आपको सफलता को स्वीकार करने योग्य बनाती है| असफलता से मिलने वाली सीख के दम पर ही आप सफलता की ओर आगे का रास्ता तय कर पाएंगे|
- असफलताओं को एक सीख (Learn from Failures) के रूप में लीजिये| जल्दी सीखिए और आगे बढ़िए|
Rule #4 : Out of Box Thinking
- नए नए बिज़नेस आईडिया (Innovative Business Ideas) सोचिये| भीड़चाल में न चलकर, अलग तरीके से सोचिए (Out of Box Thinking) और नए प्रयोग कीजिए| अपने बिज़नेस आईडिया में विश्वास रखिए| सकता है शुरू में दुनिया आपको पागल समझे, लोग आपको सनकी कहें| लेकिन कुछ बड़ा करने के लिए आपको यह जोखिम उठानी होगी|
- कोई भी नया बिज़नेस आईडिया बहुत कम समय में तेजी से बिजनेस में सफलता के टिप्स सफल हो सकता है, अगर उस आईडिया से लोगों का जीवन आसान बनता है या लोगों की समस्याएँ दूर होती हैं| इसलिए अपने आस पास की समस्याओं का विश्लेषण कीजिए और यह सोचिये कि कैसे आपका व्यवसाय या बिज़नेस आइडिया उन समस्याओं का समाधान कर सकता है|
Rule #6 : Leadership
- नेतृत्व कीजिए (Be a Leader) और स्वंय को जिम्मेदार बनाइए| एक टीम के कप्तान की तरह अपनी टीम का नेतृत्व कीजिए|
- अच्छे लोगों की टीम बनाइए (Build a Good Team)| व्यवसाय में पैसों से ज्यादा लोगों को महत्त्व दीजिए| आपके व्यवसाय में काम करने वाले लोगों को कर्मचारी न मानकर एक साझेदार के रूप में देखिए| अपने लोगों पर भरोसा रखिए और उन्हें मौका दीजिए|
Business को कैसे बढाए, बिजनेसमेन, कौन होता हैं,कैसे करे,लाभ कैसे कमाए
व्यापार के बारे में आप कुछ तो जानते होंगे व्यापार का अर्थ होता है। किसी भी वस्तु का क्रय – विक्रय क्योंकि जब तक वस्तु का क्रय विक्रय नहीं होगा तब तक व्यापार का संभव हो ना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है।
पैमाने का अर्थ होता है किसी वस्तु इकाई को नापने का साधन यह एक निश्चित एवं स्थिर रूप में होता है जिसके अनुसार आप किसी की योग्यता श्रेष्ठता अथवा गुण का पता लगा सकते हैं।
उदाहरण छड़, डंडा, सूत, डोरी, बर्तन आदि व्यापार में पैमाने का एक बड़ा ही योगदान है। जिसे व्यापार पैमाना नाम दिया गया जो बिजनेस प्रोसेस में हमारी बड़ी ही मदद करता है।
स्पीड का बढ़ना प्रोसेस को बनाने से आपको यह भी फायदा होता है कि आपके कार्य करने की गति बढ़ जाती हैं। क्योंकि बिजनेस में कार्य की गति बहुत ही ज्यादा मायने रखती हैं। जिस गति से काम होता है, उस गति से ही बिजनेस बढ़ता है एवं तरक्की होती चली जाती है।
गलती ना होना बिजनेस को स्टार्ट करने के पहले
यदि आप सही नियम व कानून बना लेते हैं, और आप सही व सुनिश्चित ढंग से नियम का पालन करते हैं। तो दोस्तों यकीन मानिए कि आप कभी भी किसी भी तरह गलती नहीं करोगे एवं गलती करने के चांस कम हो जाते हैं यह गलती बिजनेस के लिए बहुत मायने रखती हैं। यही नियम आपको गलती करने से रोकेगा एवं बिजनेस की सफलता की ओर कदम बढ़ाए।
परफॉर्मेंस का एक जैसा होना यदि आप किसी भी कार्य को करने के लिए एक प्रोसेस को तैयार करते हैं। तो यकीन कर लीजिए आपका परफॉर्मेंस हर बार आपका एक जैसा ही परिणाम प्रदान करेगा। यह परिणाम आपके कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है, एवं आपके बिजनेस को बढ़ावा देता है।
दोस्तों अब हम बात कर लेते हैं की बिजनेस को आगे बढ़ाने के फार्मूले की
जिससे कि आपके Business को आगे सफलता मिले और बढ़ाने में भी सहायता मिलती जाए।
जिस किसी भी कंपनी ने अपने नियम व फार्मूले का उपयोग किया है। उनको यह पता होता है, उनके प्रोडक्ट में बहुत काबिलियत है।
उस कंपनी को अपनी काबिलियत पर गर्व भी होता है,और इसी कारण से आप बिजनेस मैं सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
लेकिन क्या आपको पता है बिजनेस को बढ़ा लेने से ही सब कुछ नहीं होता है,
बल्कि Business में पैसे की आवक भी बहुत मायने रखती है।
बिजनेस को बढा लेेने से यह नहीं कहा जा सकता है, कि आप पैसों की आवक को भी लोगे।
आपके प्रोडक्ट को अच्छा बना लेने से आपकी पैसों की आवक अच्छी नहीं हो सकती है।
बिजनेस में आपको एक अच्छे प्रोसेस मैनेजमेंट सिस्टम की आवश्यकता होती है। जो आपके
लेकिन आपको इसके पहले आपके लाभ की ओर ध्यान आकर्षित करना पड़ेगा।
कि आपको आपके Business में एक निश्चित रूप से फायदा हो रहा है या नहीं
जिसे हम आम तौर पर sustainability कह सकते हैं।
क्योंकि कभी-कभी लोग टेनेबिलिटी की ओर ध्यान नहीं दे पाते हैं।
स्केलेबिलिटी की ओर आगे बढ़ने की विचारधारा बना लेते हैं।
जिससे बिजनेस एक सही रूप से विकसित नहीं हो पाता है।
लाभ भी नहीं मिल पाता एवं Business तरक्की की ओर बढ़ने से पहले ही
नुकसान की ओर चला जाता है।
दोस्तों अब आपको सबसे पहले आपके टेनेबिलिटी की ओर ध्यान देना पड़ेगा।
बिजनेस में एक निश्चित रूप से लाभ मिलने के लिए एक प्रॉफिट के नियम को बनाइए।
क्योंकि यदि आप बिजनेस में पैसों की आवक के लिए आगे बढ़ रहे हैं तो
आप बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए निम्न कार्य कर सकते हैं
Success Mantra: जीवन में सफल होने के 8 बेहतरीन टिप्स, जिसे हर व्यक्ति को होने चाहिए पता
हर व्यक्ति जीवन में सफलता हासिल करना चाहता है। कई बार खूब मेहनत करने के बावजूद भी व्यक्ति सफल नहीं हो पाता है। बार-बार मेहनत करने पर भी सफलता हाथ न लगने पर लोग निराशा की भंवर में फंसते जाते हैं। अगर आप भी जीवन में सफल होना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कुछ बेहतरीन टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप भी अपनी लाइफ बदल सकते हैं।
जीवन में सफलता पाने के टिप्स-
1. कुछ लोग अपना गोल (लक्ष्य) छोटा सेट करते हैं और उसे हासिल करके खुश हो जाते हैं। जबकि कुछ लोग अपना गोल बड़ा सेट करते हैं, लेकिन उसे हासिल नहीं कर पाते हैं। ऐसे में व्यक्ति को हमेशा सोच-समझकर अपना लक्ष्य चुनना चाहिए।
बिजनेसमैन बनने का तरीका
बिजनेस करने की योजना पहले से बनाये
आप किसी भी बिजनेस की शुरुआत करने से पहले आप उसके लिए बिजनेस में सफलता के टिप्स पूरी योजना पहले से ही बनाकर रख लें क्योंकि यदि आप पहले से ही बिजनेस के लिए पूरी योजना बना लेते हैं तो आपको बजेनेस शुरू करने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी, क्योंकि आपको हर चीज की जानकारी पहले से ही होगी | आप तय कर लें कि, आपके बिजनेस का उद्देश्य क्या होगा ? आपको इसकी शुरुआत कैसी करनी हैं? इस तरह की योजनाएं आपके बिजनेस के लिये बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है |
बिजनेस के लिए जगह तय कर लें
आप किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले अच्छे से देख लें कि, जिस जगह पर आप अपना बिजनेस शुरू करने जा रहे है वह जगह आपके बिजनेस के लिए अच्छी हैं की नहीं क्योंकि यदि आप किसी प्रोडक्ट का उत्पादन करने जा रहें है तो बहुत सी जगह ऐसी होती हैं जहाँ पर आपका उत्पादन अच्छे से नहीं हो पाता है और आपको बिजनेस में बहुत नुकसान होता चला जाता है जिसकी भारपाई आपको अपने जेब से करनी पड़ जाती है | इसलिए बिजेनस करने के लिए आपको अच्छी जगह तय करनी होती है, जिससे आपका बिजनेस अच्छा चल सके |