दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर

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दुनिया की सबसे महंगी Currency कौन सी है, क्या आपको पता है?
डीएनए हिंदी: वर्तमान समय में मुद्राएं हमारे लिए कितनी जरूरी ये तो हम सभी जानते हैं. किसी भी प्रकार की चीज या सुख सुविधा को खरीदने के लिए हमें दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर करेंसी की जरुरत होती है. यानी हम यह समझ सकते हैं कि वर्तमान समय में मुद्राओं के बिना जिंदगी जीना असंभव है. पहले के समय में यह संभव था लेकिन तब वस्तु विनिमय प्रणाली यानी आपस में सामान का अदला-बदली नियम लागू था. वस्तु विनिमय प्रणाली के अन्तर्गत हम एक वस्तु को दूसरे वस्तु से बदल सकते थे. मतलब हम चावल देने के बदले किसी व्यक्ति से कोई और अनाज या कोई और वस्तु ले सकते थे.
मुद्रा का इस्तेमाल
Dollar Vs Rupee: डॉलर हुआ सबसे मजबूत, जानें किन-किन करेंसी को गिराया नीचे
इस साल डॉलर ने अपनी मजबूती में बाकी देशों की करेंसी को नीचे गिरा दिया है.
हमारे देश में जितनी भारतीय रुपए की ताकत है, उतनी ही इसे बाहर के देशों में कम समझा जाता है. देखा जाए, तो इस समय भारतीय रुपया अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल यानी साल 2022 की शुरुआत से लेकर अब तक डॉलर ने ना सिर्फ भारतीय रुपए को गिराया, बल्कि यूरोप से लेकर अमेरिकी महाद्वीप की अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं को भी रुलाया है. मुद्रा की इस दौड़ ब्रिटिश पौंड व जापानी येन भी डालर का मुकाबला नहीं कर पाई है.
कितना का हुआ एक डॉलर (how much is a dollar)
वर्तमान समय में एक डॉलर 79.74 रुपए का है. वहीं यह पिछले साल दिसंबर में 74.50 रुपए तक था. बताया जा रहा है कि इस साल रुपए का यह सबसे निचला स्तर माना जा रहा दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर है.
कई लोग यह सोच रहे होंगे कि डॉलर की यह मजबूती सिर्फ भारतीय रुपए के आगे हैं. तो आप गलत हैं. आपको बता दें कि इस साल 2022 में डॉलर ने बाकी दुनिया की करेंसी को भी नीचे गिरा दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, यूरोपीय देशों की दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर मुद्रा Euro, ब्रिटेन की पौंड, जापानी की येन, स्विट्जरलैंड की फ्रैक, कनाडा के डॉलर और स्वीडन की क्रोना पर भी डॉलर ने अपना दबदबा बनाया है. इस सब पर डॉलर ने लगभग 13 प्रतिशत तक अपनी मजबूती को हासिल किया है.
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आपको बता दें कि इस बार डॉलर को इतनी मजबूती इसलिए मिली है, क्योंकि पिछले कुछ समय से निवेशकों के ज्यादा जोखिम लेने के कारण डॉलर मजबूत हुआ है. इसके अलावा साल 2021 में दूसरी छमाही से विकसित देशों में महंगाई बढ़ी. इसी के बीच अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने भी महंगाई पर नियंत्रण रखने के लिए कई तरह के प्रयास किए हैं, जिसके चलते ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं.
एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ी दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर कीमतों के कारण भी डॉलर इतना मजबूत हुआ है, क्योंकि युद्ध के दौरान तेल बेहद महंगा हुआ. इसी कारण से इंपोर्ट बिल बढ़ने लगे, जिसका असर सीधे देश की करेंसी पर देखने को मिला.
रिकॉर्ड लेवल तक फिसली भारतीय मुद्रा, डॉलर के मुकाबले 82.70 के करीब पहुंचा रुपया
नई दिल्ली। रुपये में गिरावट (rupee depreciation) का सिलसिला लगातार जारी है। भारतीय मुद्रा (Indian currency) डॉलर के मुकाबले (against dollar) कमजोरी का दिन प्रति दिन नया रिकॉर्ड बना रही है। इस कारोबारी सप्ताह के पहले दिन ही आज एक बार फिर भारतीय मुद्रा ने गिरने का नया रिकॉर्ड (new record) बनाया। रुपये ने आज रिकॉर्ड कमजोरी के साथ कारोबार की शुरुआत की और अभी भी सबसे निचले स्तर के करीब ही कारोबार कर रहा है।
इंटर बैंक फॉरेन सिक्योरिटी एक्सचेंज में भारतीय मुद्रा ने आज 82.67 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। हालांकि बाजार खुलने के बाद शुरुआती कारोबार में मुद्रा बाजार में डॉलर का प्रवाह बढ़ता नजर आया, जिसकी वजह से एक बार भारतीय मुद्रा मजबूत होकर 82.32 रुपया प्रति डॉलर के स्तर तक भी पहुंची। उसके बाद डॉलर की मांग में तेजी आने के आशंका से रुपया एक बार फिर फिसल कर निचले स्तर पर पहुंच गया। शुरुआती 2 घंटे के कारोबार के बाद भारतीय मुद्रा 82.69 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रही थी।
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मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से सख्त मौद्रिक नीतियों का अनुपालन करने की आशंका बनी हुई दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर है, जिसकी वजह से दुनिया भर के बाजारों में दबाव बना हुआ है। इसके साथ ही 10 साल की अवधि वाले बॉन्ड यील्ड पिछले 8 सत्रों में 7 बार बढ़े हैं और फिलहाल ये 7.483 प्रतिशत दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर के स्तर पर पहुंच कर कारोबार कर रहे हैं। बॉन्ड यील्ड के दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर स्तर में बढ़ोतरी होने की वजह से भी रुपया समेत दुनिया भर की तमाम मुद्राएं डॉलर के मुकाबले दबाव में काम कर रही हैं।
मयंक मोहन का मानना है कि अमेरिका में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना जारी रख सकता है। खुद फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वॉलर ने भी पिछले सप्ताह इस बात के संकेत दिए थे कि महंगाई दर पर काबू पाने के लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक के सामने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के अलावा अभी कोई और विकल्प नहीं है।
एक ही देश की मुद्रा से तुलना स्थिति का सही चित्रण नहीं
डॉलर के मुकाबले रुपए की वर्तमान गिरावट में घरेलू की बजाय वैश्विक परिस्थितियां ज्यादा कारक रही हैं, जैसे - रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय परिस्थितियां, यूएस फेडरल बैंक की ब्याज दरों में वृद्धि। यही कारण है कि इस दौर में ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन व यूरो में गिरावट रुपए से भी ज्यादा रही है। यह रुपए की मजबूती भी दर्शाता है। साथ ही यह भी दर्शाता है कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया वैश्विक दबावों का सामना करने में ज्यादा सक्षम है। रुपया इन महीनों मे जहां डॉलर के मुकाबले 4.32 प्रतिशत गिरा है, वहीं येन, पाउंड व यूरो के मुकाबले 6.21 प्रतिशत बढ़ा है। यहां तक कि चाइनीज युआन के मुकाबले भी 0.68 प्रतिशत बढ़ा है। अत: रुपया भले ही डॉलर के मुकाबले गिरा है पर विश्व की अन्य मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है।
दुनिया की सबसे ताकतवर करेंसी जानकर हैरान रह जाएंगे आप
कुवैती दिनार (Twitter)
जब भी मजबूत करेंसी की बात होती है, हमारे दिमाग में अमेरिकन डॉलर का ख्याल आता है पर दुनिया के सबसे मजबूत करेंसी में डॉलर बहुत ही नीचे हैं. 1 अमेरिकन डॉलर 64 रुपए 83 पैसे होती है. अभी के समय के वर्चुअल (आभासी) करेंसी बिटकॉइन ने तहलका मचा रखा है. बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. बिटकॉइन की कीमत किसी भी देश की करेंसी से बहुत ज्यादा है. चूंकि बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है तो इसे पहचाना नहीं जा सकता है. बिटकॉइन को अभी भी कई देशों ने लीगल नहीं किया है. भारत की बात करें तो रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने बिटकॉइन को अभी तक लीगल नहीं माना है. आज की तारीख में 1 बिटकॉइन की कीमत 534019.20 रुपए हैं. हम बात करते हैं दुनिया के देशों की ताकतवर करेंसी की.