मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई

उन्होंने कहा, ‘‘संकट की स्थिति में व्यापार करार नहीं होते। ये तब होते हैं जब अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही होती है।’’
मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई
25 अक्टूबर (भाषा) भारतीय मूल के ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना दोनों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की वार्ता को जरूरी मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई रफ्तार देने में मदद करेगा।
इससे पहले भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए समझौते के लिए समयसीमा दीपावली तक रखी गई थी। लेकिन ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता के बीच यह समयसीमा पार हो चुकी है।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस साल अप्रैल में भारत की यात्रा के दौरान अक्टूबर तक इस समझौते के पूरा करने की समयसीमा तय की थी।
वहीं, सुनक ने एफटीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उन्होंने वित्तीय सेवाओं को द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के विशेष रूप से ‘रोमांचक’ पहलू के रूप में चिह्नित किया है और वित्तीय प्रौद्योगिकी तथा बीमा क्षेत्र में दोनों देशों के लिए भारी अवसरों की ओर इशारा किया है।
' विदेश व्यापार'
शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान ( IIFT) परिसर के उद्घाटन के दौरान पीयूष गोयल मुख्य अतिथि रहे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि एफटीए पर बातचीत चल रही है और दोनों देशों की इस समझौते में रूचि है. हम ऐसा एफटीए चाहते हैं जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो.
IIFT MBA 2023: आईआईएफटी एमबीए प्रशासन निकाय, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए), एमबीए आईआईएफटी 2023-25 आवेदन पोर्टल iift.nta.nic.in को 14 नवंबर तक खुला रखेगी.
भारत का मानना है कि वैश्विक एजेंडे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की वास्तविक आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए और मौजूदा समय में ये जरूरतें ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंताएं, खाद्य सुरक्षा चिंताएं, उर्वरक एवं स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं, कर्ज को लेकर चिंताएं और व्यापार में बाधा संबंधी चिंताएं हैं.
अब ब्रिटेन में चीन को कड़ी टक्कर देंगे 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट, भारत और UK लेने जा रहे हैं ये कदम
Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: September 14, 2021 16:11 IST
Photo:REDIFF DOT COM
अब ब्रिटेन में चीन को कड़ी टक्कर देंगे 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट, भारत और UK लेने जा रहे हैं ये कदम
लंदन। भारतीय प्रोडक्ट ब्रिटेन में काफी लोकप्रिय हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही भारत की कंपनियां यूके के बाजार में धूम मचा सकती हैं। दरअसल वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लिज ट्रस के साथ सोमवार को वचुअर्ल बैठक की। इस बैठक में मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई ब्रिटेन-भारत व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू करने के लिये अगला मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई कदम उठाये जाने पर सहमति जताई गई। ब्रिटेन की सरकार ने मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई यह कहा। ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) ने कहा कि दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत भारत- ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिये ‘‘गुंजाइश और आकांक्षा’’ पर केन्द्रित रही। इस बातचीत से पहले 31 अगस्त को ब्रिटेन ने औपचारिक विचार विमर्श की प्रक्रिया को पूरा कर लिया।
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डीआईटी द्वारा सोमवार मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई की इस बैठक पर जारी नोट में कहा गया है, ‘‘उन्होंने विचार विमर्श से सामने आई जानकारियों पर चर्चा की और मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई इस साल के अंत तक बातचीत शुरू करने की तैयारियों के लिये उठाये जाने वाले कदमों पर सहमति जताई। इसमें सितंबर से व्यापार कार्यसमूहों की श्रृंखला की शुरुआत भी शामिल है।’’ डीआईटी ने कहा, ‘‘उन्होंने नई स्थापित की गई विस्तारित व्यापार भागीदारी पर भी चर्चा की और बाजार पहुंच पैकेज के समय पर क्रियान्वयन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।’’ ब्रिटेन की सरकार मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई ने कहा कि इस तरह की नियमित मंत्री स्तरीय बातचीत से दोनों पक्षों को विभिन्न क्षेत्रों में एक दूसरे की स्थिति को समझने में मदद मिलती है।
किसी भी व्यापार समझौते में शुल्क, मानकों, बौद्धिक संपदा और डेटा नियमन सहित अलग अलग क्षेत्र होते हैं। डीआईटी ने कहा कि ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री ने एक ऐसे व्यापार समझौते को लेकर अपनी आंकांक्षा को फिर से व्यक्त किया जिससे ब्रिटेन के लोगों और डिजिटल एवं डेटा, प्रौद्योगिकी और खाद्य एवं पेय क्षेत्र सहित विभिन्न व्यवसायियों के लिये बेहतर परिणाम हों। दोनों मंत्रियों के बीच इस बात को लेकर भी सहमति थी कि आगे होने वाली बातचीत के दौरान व्यवसायिक समुदाय के साथ जुड़े रहना महत्वपूर्ण होगा।
भारत, ब्रिटेन के मंत्री व्यापार समझौते पर बातचीत शूरू करने को लेकर अगला कदम उठाने पर सहमत
लंदन, 13 सितंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई गोयल ने ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लिज ट्रस के साथ सोमवार को वचुअर्ल बैठक की। इस बैठक में ब्रिटेन-भारत व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू करने के लिये अगला कदम उठाये मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई जाने पर सहमति जताई गई। ब्रिटेन की सरकार ने यह कहा।
ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) ने कहा कि दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत भारत- ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिये ‘‘गुंजाइश और आकांक्षा’’ पर केन्द्रित रही। इस बातचीत से पहले 31 अगस्त को ब्रिटेन ने औपचारिक विचार विमर्श की प्रक्रिया को पूरा कर लिया।
डीआईटी द्वारा सोमवार की इस बैठक पर जारी नोट में कहा गया है, ‘‘उन्होंने विचार विमर्श से सामने आई जानकारियों मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई पर चर्चा की और इस साल के अंत तक बातचीत शुरू करने की तैयारियों के लिये उठाये जाने वाले कदमों पर सहमति जताई। इसमें सितंबर से व्यापार कार्यसमूहों की श्रृंखला की शुरुआत भी शामिल है।’’
India-UK Free Trade Agreement: बाधाओं को दूर करने में व्यस्त
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, बाली में होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में एफटीए को मंजूरी मिलना तय है। इसे देखते हुए दोनों देश इस समझौते की बाधाओं को दूर करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध दूर करने के लिए बातचीत चल रही है। एफटीए को सील करने की कवायद बाली में होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में शुरू हो गई है, जिसके लिए दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने गुरुवार को प्रतिबद्धता जताई।
शी जिनपिंग से फिर दूर हो सकते हैं पीएम मोदी!
हालांकि शी जिनपिंग और मोदी के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर बैठक होने की संभावना है, लेकिन सरकारी सूत्र इस तरह की बैठक की संभावना से इनकार कर रहे हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के ढीले रुख से खुश नहीं है।
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी हिंसा के बाद, भारत द्वारा जल्द ही तनाव को कम करने की उम्मीद की गई थी। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में भारत अपनी तरफ से कोई सकारात्मक संदेश नहीं देना चाहता. सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस बीच चीन अगर विवाद को सुलझाने के लिए कोई बड़ा फैसला लेता है तो भारत ही अपना रुख सकारात्मक रूप से लेगा.