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म्‍यूचुअल फंड में निवेश से करें शुरुआत

म्‍यूचुअल फंड में निवेश से करें शुरुआत
Even though most people have started investing in mutual funds, they do not know that they need to review their investments often. Note that, reviewing a portfolio is not similar to taking a look at your portfolio.

Mutual Fund में हर महीने 1500 रुपए की बचत से पाएं 50 लाख, जानिए क्या है निवेश का तरीका

म्यूचुअल फंड्स में एफडी और दूसरे स्कीम्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है, जिसके चलते निवेशक इसके प्रति आकर्षित होते हैं. म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश सुरक्षित माना जाता है.

Mutual Fund में हर महीने 1500 रुपए की बचत से पाएं 50 लाख, जानिए क्या है निवेश का तरीका

Updated on: Jul 01, 2021 | 5:50 PM

म्यूचुअल फंड में इन दिनों निवेश करने वालों की तादाद में बढ़ोत्तरी हुई है. दूसरी स्कीम्स के मुकाबले इसमें ज्यादा रिटर्न मिलने की वजह से लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. वैसे तो म्यूचुअल फंड्स कई तरीके के होते हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से एसआईपी के जरिए निवेश सबसे बेहतर माना जाता है. चूंकि इसमें इसमें कम्पाउंडिंग इंटरेस्ट का लाभ मिलता है इसलिए पैसा तेजी से बढ़ता है. अमूमन म्यूचुअल फंड्स में 10 से 12 फीसदी तक का अनुमानित रिटर्न मिलता है.

एसआईपी के जरिए इंवेस्ट किया जाए तो जोखिम कम रहता है. इसमें आप थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाकर लाखों रुपए जोड़ सकते हैं. अगर आप हर महीने महज 1500 रुपए भी निवेश करते हैं तो आप इसके जरिए 30 साल में लगभग 53 लाख तक का फंड बना सकते हैं. इसी तरह अगर आप सिर्फ 500 रुपए से निवेश करते हैं तो ऐसा 30 साल तक करते हैं तो म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर के अनुसार 17.5 लाख रुपए से ज्यादा का फंड तैयार हो जाएगा. ये एफडी या दूसरी स्कीमों के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होगा.

म्यूचुअल फंड में निवेश की प्रक्रिया

म्यूचुअल फंड कई तरह के होते हैं. मगर एसआईपी के जरिए इंवेस्टमेंट को सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. म्यूचुअल फंड लेने पर आपको लगातर निवेश करते रहना होगा, ये बंद नहीं होना चाहिए. इसके अलावा अगर आप एक से अधिक एसआईपी में निवेश करने वाले हैं तो एक ही फंड हाउस की स्कीमों में पैसा न लगाएं, बल्कि अलग-अलग फंड हाउसों में निवेश करें. इक्विटी म्यूचुअल फंड में आया हुआ पैसा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है. इसी पर रिटर्न आधारित होता है.

म्यूचुअल फंड कैसे चुनें

म्यूचुअल फंड में आप किस मकसद से निवेश करना चाहते हैं इस बात को ध्यान रखते हुए म्यूचुअल फंड का चुनाव करें. अगर आपको लॉन्ग टर्म निवेश करना है तो इक्विटी म्यूचुअल फंड फायदेमंद होते हैं. वहीं कम समय के निवेश के लिए डेट फंड या लिक्विड फंड बेहतर होते हैं.

पिछला रिकॉर्ड करें चेक

किसी भी म्यूचुअल फंड को चुनते वक्त उसके पिछले रिकॉर्ड की जानकारी होनी जरूरी. इससे आपको कंपनी की हिस्ट्री और फंड का परफॉर्मेंस रिकॉर्ड पता होता. इससे आप जान सकेंगे कि फंड ने पहले कितने प्रतिशत तक रिटर्न दिया है.म्युचुअल फंड चुनाव के लिए आप अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों की ओर से इन फंड्स को दी गई रेटिंग म्‍यूचुअल फंड में निवेश से करें शुरुआत की भी मदद ले सकते हैं.

SIP Calculator: हर महीने जमा करें 1000 रुपए, घर बैठे मिलेंगे 2 करोड से ज्यादा

छोटी छोटी बचत कर बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आप हर महीने 1000 रुपए म्यूचुअल फंड में सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) में निवेश करते है तो करोड़पति बन सकते हैं। पिछले दो दशक में म्यूचुअल फंड शानदार रिटर्न दे रहा है। कुछ फंड्स 20 फीसदी तक रिटर्न दे रहे है।

SIP Calculator

SIP Calculator: हर इंसान को भविष्य के लिए बचत करनी चाहिए। कुछ लोग छोटी बचत करते है तो कुछेक मोटा रिटर्न चाहते है। इसलिए बैंक और पोस्ट ऑफिस में हर महीने जमा करते है। अगर आप भी कम निवेश पर ज्यादा रिटर्न चाहते है तो म्‍यूचुअल फंड में एसआईपी बेहतरीन विकल्प हो सकता है। बीते कुछ सालों से म्‍यूचुअल फंड काफी पसंद आ रहा है। क्योंकि निवेशकों का निवेश किया हुआ पैसा अच्‍छा बेनिफ‍िट दे रहा है। आप हर महीने 1000 रुपए जमाकर 2 करोड़ से भी ज्यादा रिटर्न पा सकते है। हालांकि इसमें समय ज्यादा देना होता है। आइए जाते है म्‍यूचुअल फंड में एसआईपी में कितना ब्याज मिलता है और कितने समय के लिए जमा करवाना होगा।

बैंक और पोस्ट ऑफिस से ज्यादा रिटर्न
आमतौर पर लोग सुरक्षित निवेश के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस में FD करवाते है। हालांकि इसमें ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है। यदि आप किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस महीने के 1000 रुपए 20 साल तक जमा करवाते है। इस अवधि के दौरान आपके 2.40 लाख रुपए जमा होते है। इतने ही पैसे आप म्यूचुअल फंड में जमा करवाते है तो आप ज्यादा फायदा मिलता है।

हर महीने 1000 का निवेश
सुरक्षित निवेश के साथ ज्यादा मुनाफे के लिए म्यूचुअल फंड में SIP में जमा करवाना चाहिए। कम निवेश की शुरुआत कर आप बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। आज के समय में 1000 मोटी रकम नहीं है, कोई भी इतने पैसे तो बचा ही सकता है। हर महीने 1000 रुपए म्यूचुअल फंड में सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) में निवेश कर करोड़पति बन सकते हैं। कुछ फंड्स ने 20 फीसदी तक रिटर्न दिया है।

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20 साल में मिलेगा इतना रिटर्न
यदि आप 1000 रुपए महीने 20 साल तक निवेश करते हैं। इस पर 12 फीसदी रिटर्न मिलता है तो आपको 20 साल के बाद कुल 9,99,148 रुपए मिलते है। 20 साल में आपको कुल 2,40,000 रुपए जमा होगा। अगर आपको निवेश पर 15 प्रतिशत रिटर्न मिलता है तो 15 लाख से ज्यादा (15,15,995 रुपए) मिलते है। वहीं 20 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 1000 रुपए महीने के निवेश पर 20 साल के बाद आपके 31,61,479 रुपए जमा होते है।

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30 साल बाद 2.33 करोड़
आपको निवेश पर ज्यादा रिटर्न चाहिए तो 30 साल तक 1000 रुपए जमा करवाने होंगे। 1000 रुपए महीने की SIP पर 30 साल के बाद 12 फीसदी रिटर्न के अनुसार 35,29,914 रुपए मिलते है। अगर ब्याज थोड़ा ज्यादा मिलता है, 15% के हिसाब से 70 लाख रुपए मिलते है। हर महीने 1000 रुपए जमा करने पर 20 फीसदी का रिटर्न मिलता है तो फिर 30 के बाद 2,33,60,802 रुपये (2 करोड़ से ज्यादा) मिलेगा। 30 साल में आपके सिर्फ 3 लाख 60 रुपए ही जमा होंगे।

Mutual Fund Tips in Hindi: म्यूचुअल फंड में आप कैसे कर सकते हैं निवेश, A to Z हर डिटेल

Mutual Fund Investment Tips: म्यूचुअल फंड में आप कैसे कर सकते हैं निवेश

Mutual Fund Tips in Hindi: म्यूचुअल फंड में आप कैसे कर सकते हैं निवेश, A to Z हर डिटेल

Even though most people have started investing in mutual funds, they do not know that they need to review their investments often. Note that, reviewing a portfolio is not similar to taking a look at your portfolio.

Mutual Fund Tips in Hindi, How to invest in Mutual Funds: आप भी जानकारों से ऐसा सुनते होंगे कि निवेश के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) अच्छा विकल्प है, जहां रिटर्न भी अच्छा मिलता है. वहीं शेयर बाजार की तुलना में जोखिम कम रहता है. लेकिन जरूरी नहीं है कि म्यूचुअल फंड बाजार की समझ सभी को हो. इसलिए निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड को जान लेना बहुत जरूरी है. इससे आपको निवेश के फैसले लेने में मदद मिलेगी. आइए जानते हैं क्या है म्यूचुअल फंड, इसकी कितनी कटेगिरी है, कितना रिटर्न मिल सकता है. साथ ही यह भी जानिए कि म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश कर सकते हैं.

क्या है म्यूचुअल फंड?

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं. इस पैसे को वे शेयर बाजार, बांड और गवर्नमेंट सिक्युरिटीज जैसे एसेट्स में निवेश करती हैं. इसके बदले म्यूचुअल फंड निवेशकों से फीस भी लेती हैं. देश में अलग-अलग कई म्यूचुअल फंड हाउसेज हैं जो निवेश करने के लिए फंड मैनेजर नियुक्त करती है. फंड मैनेजर को मार्केट की अच्छी जानकारी होती है, जो अपनी समझ से ऐसे फंड में निवेश करते हैं जिसमें अधिकतम मुनाफा हो. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए ये कंपनियां निवेशकों से कमीशन लेकर कमाई करती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत म्‍यूचुअल फंड में निवेश से करें शुरुआत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से स्कीम चुन सकते हैं.

म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश

  • आप किसी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं.
  • अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी एडवाइजर की मदद से निवेश कर रहे हैं तो आप रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं.
  • अगर आप सीधे निवेश करना चाहते हैं तो आपको उस म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर जाना पड़ेगा. आप उसके दफ्तर में भी अपने दस्तावेज के साथ जा सकते हैं.
  • डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है.

एक मुश्त और SIP की सुविधा

जैसे शेयर मार्केट में निवेश करने वाले को शेयर होल्डर कहते हैं, उसी तरह से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को यूनिट होल्डर कहा जाता है. म्यूचुअल फंड कंपनियां फंड जमा करने के लिए ‘न्यू फंड ऑफर’ जारी करती हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को यूनिट दी जाती है. यहां डिस्काउंट या प्रीमियम पर नहीं बल्कि प्रति यूनिट की कुछ रकम तय की जाती है. आप एक बार में सारा पैसा निवेश कर सकते हैं या SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. SIP का मतलब है कि आप हर महीने या तय समय में एक तय रकम म्यूचुअल फंड में निवेश करें.

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निवेश के फायदे

म्यूचुअल फंड का फायदा यह है कि यहां आपका निवेश फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जिसे बाजार की अच्छी समझ होती है. ऐसे में वह आपका पैसा सोच समझकर निवेश करता है, जहां रिटर्न बेहतर रहने की उम्मीद हो. वहीं म्यूचुअल फंड के जरिए आपका पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई हो जाता है. क्योंकि यहां सिर्फ एक शेयर की बजाए अलग अलग शेयर में या एसेट क्लास में पैसा लगाया जाता है. इससे एक में अगर जोखिम है तो दूसरे में यह कवर हो जाता है. आपका पैसा डेट फंड्स मे भी निवेश किया जाता है, जिससे अगर मार्केट में अस्थिरता भी आती है, तब भी पैसा सुरक्षित रहता है. ईएलएसस कटेगिरी में निवेश कर आप टैक्स भी बचा सकते हैं.

म्यूचुअल फंड के प्रकार

ग्रोथ/ इक्विटी म्यूचुअल फंड: इक्विटी म्यूचुअल फंड में रकम का ज्यादा हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है. इसी वजह से इसमें रिस्क भी ज्यादा होता है. इस स्कीम में निवेशकों को दो विकल्प दिए जाते हैं, या तो वो डिविडेंड स्कीम चुनें या कैपिटल ग्रोथ. इस ऑप्शन को वो बाद में बदल भी सकते हैं. लंबे समय के लिए निवेश करने के लिए ये अच्छा ऑप्शन है. इन फंडों में 10 साल का औसत रिटर्न 12 से 15 फीसदी हो सकता है.

कटेगिरी: लॉर्जकैप फंड, मल्टीकैप फंड, लॉर्ज एंड मिडकैप फंड, मिडकैप फंड, स्मालकैप फंड, ईएलएसएस, सेकटोरल फंड

डेट/इनकम स्कीम: डेट फंड उनके लिए अच्छा विकल्प है जो ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं और एक नियमित और स्थिर आय चाहते हैं. इस स्कीम में ज्यादातर रकम बॉन्ड्स, कंपनियों के डिबेंचर और सरकारी सेक्युरिटी में निवेश किया जाता है. क्योंकि ये सब डेट की तरह होते हैं, इसलिए मार्केट की अस्थिरता का इसपर कोई असर नहीं होता. इन सभी विकल्पों से निवेशकों को एक नियमित आय मिलती है. इसमें इक्विटी के मुकाबले आय कम होती है लेकिन रिस्क भी कम होता है. इन फंडों में 10 साल का औसत रिटर्न 8 से 10 फीसदी हो सकता है.

कटेगिरी: अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, मीडियम ड्यूरेशन फंड, लांग ड्यूरेशन फंड, लिक्विड फंड

बैलेंस्ड फंड/ हाइब्रिड स्कीम: जैसा नाम से ही पता चल रहा है, ये फंड्स बैलेंस्ड होते हैं. इन फंड्स में इक्विटी और डेट्, दोनों में निवेश किया जाता है. ताकि निवेशकों की इनकम बढ़ने के साथ-साथ उन्हें नियमित आय भी मिलती रहे. ये डॉक्युमेंट में पहले ही बता दिया जाता है कि, आपका कितना पैसा किस स्कीम में निवेश किया जाएगा. ये आमतौर पर 40:60 का रेश्यो होता है. इस सेग्मेंट की बात करें तो पिछले 10 साल में औसत रिटर्न डबनल डिजिट में हो सकता है.

सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम: इस स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं. इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इन स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है.

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म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कैसे करें? [20-30 आयु वर्ग]

हमारे अधिकतर यूजर काफी नए उम्र के हैं और अक्सर उनसे एक कॉमन सवाल देखने को मिल जाता है कि मैं अभी अपने मिड 20s यानि 25 से 30 के आयु वर्ग में हूं और मेरी जॉब अभी लगी है तो मैं mutual fund investment की यात्रा की शुरुआत कैसे कर सकता हूं?

तो मैं यहां पर आप मैं लोगों से कहना चाहूंगा की आपने इतनी जल्दी ही निवेश के बारे में सोच कर के बहुत ही अच्छा निर्णय लिया है और आप देखेंगे कि लंबे समय में इस चीज का फायदा आपको बहुत अधिक मिलेगा।

तो चलिए शुरुआत करते हैं आर जानते हैं कि अगर आप एक नए निवेशक हैं तो आपको किस प्रकार से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करनी चाहिए।

म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से पहले | Before Investing in Mutual Funds

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म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना होगा।

1. आपके निवेश का नजरिया लंबा होना चाहिए अगर आपको अधिकतम फायदा लेना है तो। आमतौर पर आपका नजरिया 5 साल या फिर उससे अधिक होना चाहिए।

2. म्यूचुअल फंड में निवेश भी दो प्रकार से किए जाते हैं एक होता है म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट निवेश और दूसरा होता है किसी एजेंट के माध्यम से निवेश जिसे हम रेगुलर म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट कहते हैं।

डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड में से क्यों डायरेक्ट में निवेश करना बेहतर होता है क्योंकि उसका एक्सपेंस रेश्यो हमेशा कम रहता है।

3. अगर आप म्यूच्यूअल फंड में निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो शुरुआती दौर में ही स्मॉल, मिड कैप या फिर थीमेटिक फंड्स के चक्कर में ना पड़े।

हालांकि इन सब में रिटर्न्स तो बड़े धुआंधार होते हैं और लगता है कि हमें इन में इन्वेस्ट करना ही चाहिए, पर मेरी राय यह है कि यदि आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो फिर इन mutual funds के चक्कर में ना पड़े क्योंकि इनमें अधिक उतार चढ़ाव होता है |

4. आप अपने निवेश की शुरुआत एसआईपी (SIP) यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान मोड के तहत करें।

इसका फायदा यह है कि जैसे-जैसे मार्केट ऊपर या नीचे होगा उसी तरह से आप को प्राइस एवरेजिंग में आपको काफी फायदा मिलेगा।

5. सबसे जरुरी बात यह है कि निवेश करने से पहले अपना रिसर्च जरूर करें और ऑफर डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें।

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट की शुरुआत ऐसे करें !

म्यूचुअल फंड में निवेश

अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो आपको अपने उद्देश्य यानी purpose के बारे में जानना होगा |

आप निवेश के उद्देश्य के हिसाब से आपका इन्वेस्टमेंट भी अलग अलग होगा जिसके बारे में अब हम बात करेंगे |

1. टैक्स बचत के लिए म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट | Mutual Fund Investing for Tax saving

आपकी नई नई जॉब लगी है तो फिर आपके ऊपर टैक्स की देनदारी भी बनेगी।

अगर आप tax saving के साथ साथ बढ़िया कमाई भी करना चाहते हैं और इसके लिए म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपके लिए ईएलएसएस (ELSS) यानि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम एक बेहतरीन ऑप्शन होगा।

ईएलएसएस का एक फायदा तो यह है कि लंबे समय में इसमें आपको बढ़िया रिटर्न्स मिलते हैं क्योंकि यह मार्केट से लिंक रहता है और दूसरा फायदा यह है कि आप इस में डेढ़ लाख रुपए तक टैक्स की बचत कर सकते हैं।

अगर आप ELSS में निवेश कर रहे हैं तो आपको एक बात ध्यान देनी होगी कि जो भी पैसा आपने इसमें लगाया है वह 3 साल के लिए लॉक हो जाएगा ।

इसका मतलब यह है कि अगर आपको अपना पैसा वापस चाहिए तो आप 3 साल के बाद ही इस में से पैसा निकाल सकते हैं।

वैसे मेरी राय यह है कि अगर आपने किसी equity linked saving scheme में निवेश किया है तो फिर कम से कम 5 साल तक उसे ऐसे ही छोड़ दें और उसके बाद ही उसमें से पैसा निकालने का सोचें जिससे आपको अधिकतम फायदा हो सके।

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भी भी आप किसी भी म्यूच्यूअल फंड का चुनाव करें तो यह देखें कि उसके 5, 7 या 10 साल में सामान रिटर्न्स हैं और उनका एक्सपेंस रेश्यो कम से कम है।

ईएलएसएस म्यूच्यूअल फंड में निवेश की लिए चुनाव करते समय स्टार रेटिंग और 1 साल के रिटर्न्स पर न जाएं क्योंकि उसे आप कंफ्यूज हो सकते हैं और आप का चुनाव भी गलत हो सकता है।

2. वित्तीय लक्ष्य पाने के लिए म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट | Mutual Fund Investing for Achieving Goal

आपका दूसरा investment purpose हो सकता है कि आप अपना म्युचुअल फंड निवेश शुरू कर रहे हों अपने जरूरी फाइनेंशियल गोल्स को पूरा करने के लिए।

यह फाइनेंशियल गोल्स कुछ भी हो सकता है जैसे की कार खरीदना, मकान खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, रिटायरमेंट इत्यादि इत्यादि।

गोल प्लानिंग के ऊपर हमने एक लाइव प्रैक्टिकल एग्जांपल वाली वीडियो भी बनाई है जिसमें यह बताया गया है कि किसी भी गोल को कैसे प्लान किया जाता है और उसे पूरा करने के लिए कहां-कहां और कितना इन्वेस्टमेंट करना चाहिए |

किसी गोल को कैसे पूरा करें और उसके लिए कितने पैसे की जरूरत होगी इसके बारे में जानने के लिए आप मेरे द्वारा बनाए हुए फाइनेंसियल एक्सेल कैलकुलेटर्स का उपयोग कर सकते हैं जिससे आपको यह सब जानकारी बड़ी आसानी से मिल जाएगी।

अगर आप का गोल 5 साल या उससे अधिक की दूरी पर है तो आप अपनी म्युचुअल फंड की यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं एग्रेसिव हाइब्रिड या फिर ब्लूचिप फंड से।

जैसे जैसे आपको म्यूच्यूअल फंड में निवेश की जानकारी होती जाएगी और आपको इक्विटी म्‍यूचुअल फंड में निवेश से करें शुरुआत में निवेश की समझ आती जाएगी वैसे-वैसे करके आप बाद में एग्रेसिव से फ्लेक्सी कैप म्यूच्यूअल फंड पर भी शिफ्ट हो सकते हैं।

यहां पर जो मैंने एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स की बात की है वह 65 से 70% equities में निवेश करते हैं और बाकी का 30 से 35% debt में निवेश करते हैं।

वहीं पर जो भी ब्लूचिप म्युचुअल फंड्स होते हैं वह बड़ी-बड़ी ब्लू चिप कंपनीज में निवेश करते हैं और इन फंड्स का फायदा यह है कि इनमें उतार-चढ़ाव बहुत ही कम देखने को मिलता है और लंबे समय में ये काफी अच्छा रिटर्न्स भी देते हैं।

3. आपातकालीन फंड के लिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश | Mutual Fund Investing for Emergency fund

अगर आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो आपके लिए सबसे जरूरी होगा एक इमरजेंसी फंड का निर्माण क्योंकि किसी के भी जीवन में कोई इमरजेंसी आ जाती है तो उसके लिए यह फंड काफी सहायक रहता है।

एक इमरजेंसी फंड के लिए उसके रिटर्न से ज्यादा जरूरी है लिक्विडिटी और सेफ्टी।

तो इसके लिए आपको बताना चाहूंगा कि अगर आप एक इमरजेंसी फंड बनाने जा रहे हैं तो फिर आप लिक्विड, आर्बिट्राज या फिर अल्ट्रा शॉर्ट टर्म डेट फंड में ही निवेश करें।

यह फंड ऐसे है जिन में उतार-चढ़ाव बहुत ही कम होता है और 4 से 7% तक का संतोषजनक रिटर्न भी मिल जाता है |

यह रिटर्न लगभग एक एफडी के बराबर या उससे अधिक हो सकता है पर यह फंड अधिक टैक्स एफिशिएंट होते हैं एक FD की तुलना में।

अगर आप आर्बिट्राज फंड का चुनाव करते हैं तो उनका टैक्सेशन तो बिल्कुल इक्विटीज के जैसा ही होता है यानी की ₹100000 तक के फायदे पर आपको कोई भी टैक्स नहीं देना होगा अगर आपने उसे 1 साल से अधिक होल्ड किया है तब।

और अंत में …

नए नए निवेशक जो अभी 20 से 30 की आयु वर्ग में हैं वह अक्सर दुविधा में रहते हैं कि अपने पहले निवेश की शुरुआत कैसे करें |

यहाँ इस लेख के माध्यम से आपको यह जानकारी मिलेगी कि आप को म्यूच्यूअल फंड में निवेश की शुरुआत किस प्रकार करनी चाहिए जिससे आपके सभी गोल पूरे हो सकें |

म्यूच्यूअल फंड के भी ढेरों प्रकार होते हैं और आप ऊपर बताये गए ख़ास तरह के म्यूच्यूअल फंड से अपने निवेश स्टार्ट कर सकते हैं |

अगर आपको म्यूच्यूअल फंड निवेश से सम्बंधित कोई अन्य जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट जरूर करें और इस उपयोगी पोस्ट को शेयर करना न भूलें |

SBI ने शुरू की खास स्कीम: अमेरिका के बाजारों में पैसा लगाकर मोटी कमाई का मौका, करें 5000 रुपये से शुरुआत

SBI ने म्युचूअल फंड की नई स्कीम शुरू की है. महज 5000 रुपये लगाकर मोटी कमाई की जा सकता है. आइए जानें इसके बारे में.

SBI ने शुरू की खास स्कीम: अमेरिका के बाजारों में पैसा लगाकर मोटी कमाई का मौका, करें 5000 रुपये से शुरुआत

TV9 Hindi | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Feb 27, 2021 | 5:27 PM

SBI म्युचूअल फंड ने पहला इंटरनेशनल फंड लॉन्च किया है. इसके जरिए आम आदमी को अमेरिका के शेयर बाजार में पैसा लगाने का मौका मिलेगा. इसका नाम SBI International Access – US Equity FOF है. इस फंड में कोई भी निवेशक 5000 रुपये से शुरुआत कर सकता है. इंटरनेशनल फंड या ओवरसीज फंड फंड अंतरराष्ट्रीय इक्विटी बाजारों में निवेश करते हैं. इन फंडों का निवेश मुख्य तौर पर इक्विटी में होता है. ये डेट और अन्य एसेट क्लास में मसलन कमोडिटीज, रियल एस्टेट आदि में भी निवेश करते हैं.

क्या होते है इंटरनेशनल म्युचूअल फंड

शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी के नियमों के मुताबिक, जो म्यूचुअल फंड दूसरे देशों की इक्विटी (शेयर बाजार) या इक्विटी रिलेटेड इक्यूपमेंट में 80 फीसदी से अधिक निवेश करते हैं, वे इंटरनेशनल फंड की कटेगिरी में आते हैं.

ग्लोबल मार्केट में निवेश करने का अवसर देने के अलावा ये फंड्स लोगों को जियोग्राफिकल डाइवर्सिफिकेशन हासिल करने में भी मदद करते हैं. कई बार अगर घरेलू करंसी में गिरावट हो तो एक हेज के रूप में काम करते हैं. पिछले 5 साल की बात करें तो इंटरनेशनल म्यूचुअल फंडों ने 32 फीसदी तक रिटर्न दिया है.

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इंटरनेशनल म्यूचुअल फंडों के जरिए निवेशक भारत से कई गुना बाजार का फायदा उठा सकते हैं. इसके जरिए सीधे ग्लोबल इक्विटीज में निवेश कर सकते हैं.

इनमें निवेश से किसी भी निवेशक का पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई हो जाता है, जिससे जेखिम कम करने में मदद मिलती है.

कई बार अगर घरेलू करंसी में गिरावट हो तो एक हेज के रूप में काम करते हैं. इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश का आकर्षण बढ़ रहा है. इन फंडों में निवेश को उसी तरह से देखा जाता है जैसा किसी घरेलू फंड में निवेश करना. इन पर लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) लागू नहीं होता.

5000 से करें शुरुआत

सेबी नियमों के मुताबिक इसका एक्सपेंस रेश्यो 2.25 फीसदी सालाना है. इस फंड में 5000 रुपये के निवेश से शुरुआत कर सकते है.

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि करंसी में होने वाले मूवमेंट का इनके रिटर्न पर असर पड़ता है. अगर रुपया मजबूत होता है तो इन फंड का रिटर्न घट सकता है. वहीं रुपये के कमजोर होने से इनका रिटर्न बढ़ सकता है.

आपको बता दें कि एनएवी एक दिन बाद आता है, मुद्रा का जोखिम होता है, तीन साल से कम रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लग जाता है.

कुछ इंटरनेशनल फंड सीधे इंटरनेशनल इक्विटी में निवेश करते हैं. वहीं कुछ फंड हैं जो इंटरनेशनल इंडेक्स मसलन नैसडैक या एसएंडपी 500 में निवेश करते हैं.

कुछ ऐसे भी हैं जो फीडर फंड के रूप में काम करते हैं और इंटरनेशनल मार्केट में एक आइडेंटिफाई म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. फिर फंड ऑफ फंड्स हैं जो इंटरनेशनल फंड की यूनिट में निवेश करते हैं.

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