शेयरों का तकनीकी विश्लेषण

निवेश करने दो प्रमुख तरीके

निवेश करने दो प्रमुख तरीके

Mutual Funds vs Shares: आपके लिए क्या है निवेश का बेहतर तरीका? जानिए पूरी डिटेल

Mutual Funds vs Shares: अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं तो सीधा स्टॉक खरीद सकते हैं जिसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड की मदद से भी बाजार में पैसा निवेश किया जा सकता है. दोनों में कौन बेहतर है, यह आपके लक्ष्य और रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है.

Mutual Funds vs Shares: शेयर बाजार में निवेश का दो प्रमुख तरीका है. पहला तरीका है कि आप सीधा डीमैट अकाउंट से शेयर खरीदें और लंबी अवधि के निवेशक बनें. दूसरा तरीका है कि आप म्यूचुअल फंड की मदद से बाजार में SIP करें और लंबी अवधि में आपको मोटा रिटर्न मिलेगा. निवेश का दोनों तरीका बेहद पॉप्युलर है. आपके लिए इसमें कौन तरीका ज्यादा सुटेबल है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आफकी बाजार को लेकर समझ कितनी है. अगर समझदारी से निवेश का फैसला नहीं किया तो आपका पैसा डूब भी सकता है.

कब करें सीधा शेयर बाजार में निवेश?

अगर आप शेयर बाजार में दिलचस्पी रखते हैं और बाजार के उठापटक को समझते हैं तो सीधा स्टॉक में निवेश किया जा सकता है. स्टॉक में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट की मदद से स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं. आपको कहां निवेश करना, किस सेक्टर में निवेश करना है और किस कंपनी का स्टॉक खरीदना है, यह आपका निजी फैसला होगा. हालांकि, बाजार के जानकारों की राय लेना जरूरी होता है. आप सीधा स्टॉक में निवेश करेंगे तो संभव है कि आपक रिटर्न ज्यादा मिले. दूसरी तरफ स्टॉक के गिरने पर नुकसान भी मोटा होगा.

ट्रेडर हैं या निवेशक?

बाजार में निवेश से पहले रिसर्च करना जरूरी होता है. स्टॉक के निवेशक दो तरह के होते हैं. पहला ट्रेडर होते हैं, जिनका यहा पेशा होता है. दूसरा आप धीरे-धीरे स्टॉक में निवेश करें और लंबी अवधि के निवेशक बनें. इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि स्टॉक के प्रदर्शन से आपके पोर्टफोलिय पर डायरेक्ट असर होता है, ऐसे में यह आपके लिए इमोशनल जर्नी होती है.

किनके लिए है म्यूचुअल फंड?

जो निवेशक शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसके बारे में कम जानकारी है या फिर वे रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प है. म्यूचुअल फंड में आपका पैसा फंड मैनेजर निवेश करता है जिसके पास निवेश और बाजार का लंबा अनुभव होता है. म्यूचुअल फंड का एक और फायदा ये है कि आपका पैसे अलग-अलग असेट्स, अलग-अलग सेक्टर और अलग-अलग स्टॉक में निवेश किया जाता है. डायवर्सिफिकेशन के कारण आपका पोर्टफोलियो बैलेंस्ड रहता है.

कैसे पता करें आपके लिए कौन बेहतर?

आपके लिए दोनों में कौन बेहतर विकल्प है? यह एक कठिन प्रश्न है. हालांकि, यह पूरी तरह आपके लक्ष्य और रिस्क पर निर्भर करता है. अगर निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प माना जाता है. म्यूचुअल फंड में भी इक्विटी फंड का रिस्क ज्यादा होता है, जबकि डेट फंड में रिस्क कम होता है. अगर आप नए हैं और कम रिस्क उठाना चाहते हैं तो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी निवेश का शानदार विकल्प है. दोनों में कई समानताएं भी हैं.

Investment Tips: अगर SIP करते हैं तो इन 3 बातों का रखें विशेष ध्यान, केवल 5000 के निवेश से बनेगा 2 करोड़ का फंड

SIP benefits: एसआईपी निवेश का सबसे शानदार और सही तरीका है. अमाउंट छोटा ही सही, लेकिन लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं तो रिटर्न शानदार मिलेगा. अगर हर साल SIP को 10-15 फीसदी से टॉप-अप कर देंगे तो रिटर्न और कई गुना ज्यादा मिलेगा.

Investment Tips: SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को निवेश का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है. इसे महीनवारी, तिमाही या छमाही आधार पर किया जा सकता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि छोटी-छोटी रकम होने के कारण निवेशकों पर बोझ कम रहता है. खासकर लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो SIP सबसे कारगर तरीका है. लंबी अवधि के कारण कम्पाउंडिंग बेनिफिट मिलता है और रिटर्न कई गुना हो जाता है. अगर आप भी SIP की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो तीन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

हर हाल में SIP जारी रखें

आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट के डिप्टी CEO फिरोज अजीज ने जी बिजनेस के कार्यक्रम मनी गुरु में कहा कि SIP को जारी रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. बाजार में उठापटक चलते रहता है. इसके कारण आपका पोर्टफोलियो कभी फायदे में रहेगा तो कभी नुकसान में रहेगा, लेकिन हर परिस्थिति में इसे जारी रखना है. SIP में यह बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता निवेश करने दो प्रमुख तरीके है कि हर महीने आप कितना जमा करते हैं. अगर रकम छोटा है, लेकिन कंटीन्यूटी कायम है तो जितनी लंबी अवधि के लिए टिके रहेंगे, रिटर्न उतना ज्यादा मिलेगा.

बीच-बीच में एकमुश्त जमा करें

एक्सपर्ट ने कहा कि SIP के अलावा बीच-बीच में एकमुश्त पैसा भी जमा करते रहें. अगर आपको कहीं से एडिशनल इनकम हो रही है तो उस पैसे से एक्स्ट्रा यूनिट खरीदना फायदेमंद होगा. अगर बाजार में गिरावट आती है और म्यूचुअल फंड के NAV (नेट असेट वैल्यु) की कीमत घटती है तो उसे मौके का फायदा उठाएं और एकमुश्त रकम निवेश करें.

SIP को टॉप-अप करें

चूंकि महंगाई बढ़ रही है, ऐसे में आने वाले समय में आपको जरूरत पूरा करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होगी. हर साल आपकी कमाई भी बढ़ती है. अगर नौकरी करते हैं तो हर साल इंक्रीमेंट का लाभ मिलता है. इसी तर्ज पर हर साल SIP को टॉप-अप करें. आसान शब्दों में कहें तो हर साल SIP अमाउंट को बढ़ाना और ज्यादा फायदेमंद होगा. SIP टॉप-अप करने का कितना फायदा होता है, इसे उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं.

5000 की एसआईपी शुरू करता है

मान लीजिए कि 'A' की उम्र 35 साल है और उसने रिटायरमेंट के लिहाज से SIP की शुरुआत की. अगर उसने हर महीने 5000 रुपए की एसआईपी 35 साल की उम्र में शुरू की और रेट ऑफ रिटर्न 12 फीसदी उम्मीद करता है तो 60 साल की उम्र में उसे कुल 95 लाख रुपए मिलेंगे. इन 25 सालों में 'A'का टोटल इन्वेस्टमेंट 15 लाख रुपए होगा. रिटर्न 80 लाख के करीब होगा और नेट रिटर्न 95 लाख रुपए होंगे.

स्टेप-अप से नेट रिटर्न दो गुना हुआ

स्टेप-अप की बात करें तो मान लीजिए कि 'A' ने हर साल 10 फीसदी की दर से SIP बढ़ाने का फैसला किया. 2022 में अगर हर महीना 5000 रुपए का निवेश करता है तो 2023 में वह हर महीना 5500 रुपए जमा करेगा. इस परिस्थिति में उसे 60 साल की उम्र पूरा होने पर कुल 2 करोड़ रुपए मिलेंगे. स्टेप-अप के कारण उसका कुल निवेश 59 लाख के करीब होगा. रिटर्न 1.42 करोड़ होगा और नेट रिटर्न 2 करोड़ से कुछ ज्यादा होगा.

सीधे शेयरों में लगाए पैसा या म्यूचुअल फंड निवेश करने दो प्रमुख तरीके का रास्ता अपनाएं?

यदि आप टैक्स बचाना और निवेश लाभ दोनों, चाहते हैं तो सीधे तौर पर शेयरें में निवेश की तुलना में म्यूचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है

सीधे शेयरों में लगाए पैसा या म्यूचुअल फंड का रास्ता अपनाएं?

बाजार की समझ होनी चाहिए
साथ ही शेयर बाजार को प्रभावित करने वाली खबरों की जानकारी भी रखनी चाहिए. कई बार शेयर बाजार आपकी उम्मीद के मुताबिक रिटर्न्स नहीं दे पाता है. इसलिए सही रिटर्न पाने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है. यदि आप सीधे शेयरों में निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो बाजार की समझ और बहुत ज्यादा धैर्य होना बहुत जरूरी है.

फंड मैनेजर पर जिम्मेदारी
म्यूचुअल फंड के मुकाबले शेयर बाजार में निवेश करना आसान होता है क्योंकि आपके निवेश की नब्ज आपके फंड मैनेजर के पास रहती है. आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से जो पैसा निवेश करते हैं उसका प्रबंधन फंड मैनेजर्स करते है. फंड मैनेजर को बाजार के उतार-चढ़ाव की अच्छी समझ होती है. फंड मैनेजर, पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने के लिए आपके पैसे को अलग-अलग जगह निवेश करके आपके पैसे का ख्याल रखते हैं. आपको बस निर्धारित समय सीमा के अनुसार उम्मीद के मुताबिक रिटर्न पाने के लिए सही म्यूचुअल फंड स्कीम का चयन करना होता है.

mf new

म्यूचुअल फंड में कई विकल्प
म्यूचुअल फंड में आपको अपनी जोखिम क्षमता, रिटर्न, निवेश समय सीमा आदि के अनुसार निवेश करने के लिए ढेर सारे विकल्प मिलते हैं. वेल्थविशर फाइनेंशियल एडवाइज के चीफ प्लानर मधुपम कृष्ण के मुताबिक, ज्यादा रिटर्न पाने के लिए म्यूचुअल फंड आपके पैसे कई शेयरों में निवेश करते हैं. इस तरह से आपका निवेश डायवर्सिफाइड हो जाता है. उनका कहना है कि म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर को ये अधिकार रहता है कि वह आपके पोर्टफोलियों के शेयरों की बिक्री औऱ खरीद कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड का रास्ता उन निवेशकों के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल है जोकि अपने निवेश को लगातार मॉनीटर नहीं कर सकते.

जरूरत के हिसाब से निवेश
ब्रोकरेज फर्म मनीलिसियस के डायरेक्टर जय प्रकाश गुप्ता के मुताबिक यदि आप अपने शेयर पोर्टफोलियो का ख्याल रखने के लिए पर्याप्त समय देने के लिए तैयार हैं, तो आप थोड़ा सा पैसा सीधे शेयर में डाल सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको समझ होनी भी जरूरी है. इक्विटी म्यूचुअल फंड, आपको अपने उद्देश्य के मुताबिक निवेश करने का विकल्प देता है. आप अपने वित्तीय उद्देश्यों के मुताबिक इक्विटी म्यूचुअल स्कीमों में निवेश कर सकते हैं. उनका कहना है कि यदि आप टैक्स बचाना और निवेश लाभ दोनों, चाहते हैं तो सीधे तौर पर शेयरें में निवेश की तुलना में म्यूचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है. इसमें टैक्स की स्कीम होती है. निवेश की लागत की दृष्टि से, म्यूचुअल फंड, शेयरों के लेनदेन की तुलना में बहुत कम चार्ज लेता है.

क्या हैं म्यूचुअल फंड्स

निवेशकों की एक बड़ी संख्या के द्वारा जमा पैसा राशी को म्यूचुअल फंड कहते हैं जिसे एक फंड में डाल दिया जाता है. फंड मेनेजर इस पैसे को विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिए अपने निवेश प्रबंधन कौशल का उपयोग करता है. म्यूचुअल फंड कई तरह से निवेश करता है जिससे उसका रिस्क और रिटर्न निर्धारित होता है.

mf


क्या हैं स्टॉक या डायरेक्ट इक्विटी

यदि आपके पास किसी कंपनी के शेयर है तो आप उस कंपनी के उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं जितने शेयर आपके पास हैं. शेयर को हिंदी में अंश कहते हैं और जिसके पास शेयर होते हैं वह शेयर होल्डर कहलाता है.

म्यूचुअल फंड और शेयरों में निवेश से पहले जान लें ये 10 बातें

1-म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार के मुकाबले जोखिम कम होता है.

2-छोटे निवेशक भी निवेश कर सकते हैं

3-काफी पेशेवर तरीके से प्रबंधन होता है. फंड मैनेजर होते हैं

4-डायवर्सिफाइड होने से काफी कम उतार-चढ़ाव होता है

5-शेयर बाजार में म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है

6-शेयर को निवेशकों को खुद मैनेज करना होता है और लगातार उनकी मॉनिटियरिंग करनी होती है

7- म्यूचुअल फंड की तुलनात्मक रूप से ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है

8- म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर शेयरों से कम चार्ज लगते हैं.

9-म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी का विकल्प मिलता है जबकि शेयरों में एकमुश्त निवेश करना पड़ता है

10- यदि आप टैक्स बचाना और निवेश लाभ दोनों, चाहते हैं तो शेयर निवेश की तुलना में म्यूचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है. इसमें टैक्स की अलग से स्कीम होती है.

Mutual Fund में कैसे करें निवेश, कौन से इनवेस्टमेंट में होगा फायदेमंद, जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी

म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश, कौन से इनवेस्टमेंट होगा फायदेमंद, जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी

भिलाई. म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट (mutual fund investment) को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां रहती है। जानकारी के अभाव में लोग सही जगह इनवेस्ट भी नहीं कर पाते। इसलिए आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आएं हैं। अगार आप भी अपने सवालों से परेशान है तो इस खबर को जरूर पढि़ए म्यूचुअल फंड से जुड़ी हर जानकारी आपको मिलेगी। आपने कई लोगों से सुना होगा निवेश के लिए म्यूचुअल फंड अच्छा विकल्प है, जहां रिटर्न भी अच्छा मिलता है। वहीं शेयर बाजार की तुलना में जोखिम कम रहता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि म्यूचुअल फंड बाजार की समझ सभी को हो। इसलिए निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड को जान लेना बहुत जरूरी है। इससे आपको निवेश के फैसले लेने में मदद मिलेगी। आइए जानते हैं क्या है म्यूचुअल फंड, इसकी कितनी निवेश करने दो प्रमुख तरीके कटेगिरी है, कितना रिटर्न मिल सकता है. साथ ही यह भी जानिए कि म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश कर सकते हैं.

रेटिंग: 4.59
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 800
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *