क्या ट्रेडर बनना आसान है

उसके ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर चार्टिंग सॉफ्टवेयर और ट्रेडिंग प्रक्रिया उसके लिए नई थी, लेकिन वह व्यापार करने के लिए उत्सुक और भूखा था। वह सब कुछ फाड़ के रख देना चाहता था,
Trading Kya Hoti Hai ?
हम अक्सर स्टॉक मार्केट में Trading के बारे में सुनते हैं।
कितने लोग Trading करके लाखों में प्रॉफ़िट्स कमा लेते हैं।
वहीं कितनो को लॉस भी होता है।
तो आखिर Trading होता क्या है?
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है?
ट्रेडिंग के कितने टाइप्स होते हैं?
और क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाया जा सकता है?
आज हम इस Post में इन सारे सवालों के जवाब जानेंगे।
नमस्कार दोस्तों,
स्वागत है क्या ट्रेडर बनना आसान है आपका हमारे ब्लॉग Me
जो इंवेस्टिंग पर बेस्ड है।
अगर आप इंवेस्टिंग मे इंट्रेस्टेड हैं। इंवेस्टिंग सीखना चाहते हैं
तो Bell Notification on करें।
आईये चलते हैं पहले सवाल पर।
ट्रेडिंग क्या होता है?
दोस्तों ट्रेडिंग को हिंदी में व्यापार बोलते हैं। जिसका मतलब होता है किसी चीज़ को खरीदना और फिर उसे बढ़े हुए दाम पर बेचना ताकि प्रॉफिट हो सके।
ठीक इसी तरह स्टॉक मार्केट में शेयर्स को बाय करना और जैसे ही उस शेयर की प्राइस बढ़ जाये उसे बेच कर प्रॉफिट कमाने को ही हम स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कहते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि इन्वेस्टमेंट में भी तो यही होता है। तो दोस्तों आप सही भी हैं और नही भी। आईये चलते हैं दूसरे सवाल पर ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है?
दोस्तों इन्वेस्टमेंट में हम शेयर्स को लंबे समय तक होल्ड करते हैं। जैसे 1 साल, 5 साल या 10 साल।
लेकिन ट्रेडिंग में हम शेयर्स को बहुत कम समय तक होल्ड करते हैं। जैसे 1 मिनट, 1 घंटा या कुछ महीने।
इन्वेस्टमेंट में हम ध्यान से अच्छी कंपनियों के शेयर्स को बाय करते हैं। क्योंकि हम इन्वेस्टमेंट में कंपनियों के शेयर्स को लंबे समय तक होल्ड करते हैं।
जबकि ट्रेडिंग में हम बिना कंपनी की डिटेल्स जाने बस प्राइस देख कर शेयर्स बाय करते हैं।
क्योंकि ट्रेडिंग में हमे बस प्राइस के मूवमेंट से मतलब होता है। और जैसे ही प्राइस बढ़ती है, हम शेयर को बेचकर प्रॉफिट कमा लेते हैं।
इन्वेस्टमेंट में पैसे लंबे समय मे बनते हैं। पर रिस्क कम होता है। क्योंकि हम अच्छी कंपनियों के शेयर्स को बाय करते हैं।
वहीं ट्रेडिंग में पैसे बहुत जल्दी बन जाते हैं। पर यहाँ रिस्क थोड़ा ज्यादा होता है। क्योंकि प्राइस की मूवमेंट शॉर्ट टर्म में रैंडम होती है।
दोस्तों, इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग में सबसे बड़ा फर्क नज़रिये का होता है।
अगर हमने किसी कंपनी को स्टडी करके, उसके बिज़नेस को समझकर और ये सोचकर शेयर्स बाय किया है कि कंपनी लंबे समय में बहुत ग्रो करेगी
तो हम इसे इन्वेस्टमेंट कहेंगे। और अगर हमने किसी कंपनी के शेयर्स बिना कंपनी को स्टडी किये बस प्राइस के पैटर्न्स को देखकर किया है
ताकि जैसे ही प्राइस बढ़े हम उसे बेच कर प्रॉफ़िट्स कमा लें, तो हम इसे ट्रेडिंग कहेंगे।
दोस्तों, कंपनीयों को ध्यान से स्टडी करना और उसके बिज़नेस को समझने को हम फंडामेंटल एनालिसिस कहते हैं। और हमे इन्वेस्टमेंट करने से पहले कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस ज़रूर करना चाहिए पर अगर हम
बस कंपनियों के शेयर्स के प्राइस को स्टडी करते हैं और उसके पैटर्न को प्रेडिक्ट करने की कोशिश करते हैं तो हम इसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं।
और हमे ट्रेडिंग करने से पहले शेयर्स का टेक्निकल एनालिसिस ज़रूर करना चाहिए। अगर आपको फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के बारे में पता नही है
तो हमने इनके ऊपर एक वीडियो बनाया हुआ है। आप उस वीडियो को ज़रूर देखें।
आईये अब चलते हैं तीसरे सवाल पर। ट्रेडिंग के कितने टाइप्स होते हैं?
दोस्तों, ट्रेडिंग में बेसिकली 4 टाइप्स होते हैं। पहले टाइप के ट्रेडिंग को हम स्कैल्पींग कहते हैं।
इस तरह के ट्रेडिंग में हम शेयर्स को कुछ मिनट्स के लिए बाय करते हैं। और जैसे ही प्राइस थोड़ी सी भी बढ़ती है हम उसे बेचकर प्रॉफ़िट्स कमा लेते हैं। एग्जाम्पल के लिए अगर हम एक कंपनी के 10 हज़ार शेयर्स 100 रुपये के प्राइस पर बाय करें और कुछ मिनट्स बाद जब शेयर्स की प्राइस 100 रुपये से बढ़कर 100.50 रुपये हो जाये
तो उसे बेचकर 5000 रुपये का प्रॉफिट कमा लें तो इसे हम स्कैल्पींग कहेंगे।
दूसरे टाइप के ट्रेडिंग को हम इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में हम शेयर्स को कुछ घंटों के लिए रखते हैं। और सेम डे, मार्केट क्लोज होने से पहले तक शेयर्स को सेल करके प्रॉफिट कमाते हैं। तीसरी टाइप की ट्रेडिंग को हम स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं।
इस तरह की ट्रेडिंग में हम शेयर्स को कुछ दिनों तक होल्ड करते हैं। और एक या दो वीक्स के अंदर शेयर्स को सेल करके प्रॉफ़िट्स कमाते हैं। और चौथे टाइप के ट्रेडिंग को हम पोजीशन ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह क्या ट्रेडर बनना आसान है के ट्रेडिंग में हम शेयर्स को कुछ वीक से लेकर कुछ मन्थ्स तक होल्ड करते हैं।
और फिर उनको सेल करके प्रॉफिट कमाते हैं।
दोस्तों, अब हम आ गए हैं अपने आख़िरी सवाल पर। क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाया जा सकता है?
दोस्तों, ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाना बिल्कुल पॉसिबल है। पर आसान नहीं। ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाने के लिए हमे सबसे पहले पैसो की ज़रूरत होगी। क्योंकि ट्रेडिंग में अगर हम प्राइस की छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं
तो हमे ज्यादा शेयर्स लेने पड़ेंगे। जिसके लिए हमे ज्यादा पैसो की ज़रूरत पड़ेगी। पैसो के साथ-साथ हमे टेक्निकल एनालिसिस की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए।
तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे। और सही टाइम पर शेयर्स को बाय या सेल कर पाएंगे। इसके साथ-साथ हमे लॉस को कम से कम रखने के लिए स्टॉपलॉस के यूज़ को अच्छे से समझना होगा। स्टॉपलॉस के ऊपर हमने अलग से एक वीडियो बनाया हुआ है
आप उस वीडियो को ज़रूर देखें। और दोस्तों ट्रेडिंग में सबसे इम्पॉर्टेन्ट है लगातार अपनी गलतियों से सीखना।
और हार ना मानना। क्योंकि हर सक्सेसफुल ट्रेडर सक्सेसफुल तभी होता है जब वो लगातार अपनी ट्रेडिंग को अच्छा करता जाता है। तो अगर आप भी एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं तो इन सारे पॉइंट्स को अच्छे से फॉलो करें।
तो दोस्तों, ये था हमारा आज का Post ट्रेडिंग के ऊपर।
इसमे हमने जाना कि ट्रेडिंग क्या होता है?
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है?
ट्रेडिंग के कितने टाइप्स होते हैं?
और क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाया जा सकता है?
फीचर आर्टिकल: क्रिप्टो आपके जीवन की अगली महत्वपूर्ण वस्तु हो सकती है, जानिए क्यों?
जब दुनिया पहली-पहली बार क्या ट्रेडर बनना आसान है इंटरनेट से परिचित हुई थी, तो इसको लेकर अनगिनत तर्क, भ्रम और शंकाओं का बाजार गर्म था। लेकिन आज कोई भी शक या सवाल नहीं है। लंबे समय में, इंटरनेट कोविड-19 जैसे कठिन समय में दुनिया के लिए एक तारणहार की तरह साबित हुआ है और वर्क फ्रॉम होम को निर्बाध रूप से संभव बनाया है। बल्कि, यदि आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो यह भी इंटरनेट की मदद से ही संभव हुआ है।
तो कहानी की सीख यह है कि अच्छी चीजों को फलने-फूलने में समय लगता है, लेकिन जब वे पनप जाती हैं तो उनका जश्न मनाया जाता है। यही सबक क्रिप्टो के साथ भी लागू होता है। उन्होंने विकेंद्रीकृत फाइनेंस और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफार्म जैसे वित्तीय नवाचारों को सशक्त किया है। क्रिप्टोकरेंसी के उद्भव को चौथी औद्योगिक क्रांति के एक प्रमुख आयाम के रूप में भी संदर्भित किया जाता है।
Capital in Market :
ज्यादातर लोग ट्रेड करने के लिए अपना पूरा कैपिटल एक ही ट्रेड में डाल देते है जिसकी वजह से उनकी रिस्क केपेसिटी ज्यादा हो जाती है । कभी भी किसी ट्रेड में अपना पूरा कैपिटल ना लगाए क्योंकि अगर आप पूरा कैपिटल ट्रेडिंग करने में लगाएंगे तो आपको बड़ा लॉस भी हो सकता है ।
शेयर मार्केट में आपको अगर सफल ट्रेडर बनना है तो आपको स्टॉक मार्केट में अपना कैपिटल बचाना पड़ेगा । जितना हो सके उतने कम ट्रेड ले और सटीक ले । मतलब की अगर आप ट्रेड लेने से पहले आपको विश्वास हो की आप उस ट्रेड में सफल हो सकते है या तो सफल होने के chance है तभी आप ट्रेड लीजिए ।
अगर आपका ट्रेड फेल होता है तो फिर आपको over trading से बचना है । दोस्तो ज्यादातर लोग यही पर गलती करते है । वो ज्यादा ट्रेड लेते है जिसकी वजह से लॉस होने का चांस ज्यादा हो जाता है।
Trading Habit :
दोस्तो, शेयर मार्केट में ज्यादातर लोगो को ट्रेड करने की आदत हो जाती है । मतलब की मार्केट कैसा भी हो उसकी फेवर में हो या ना हो फिर भी लोग ट्रेड करने लगते है । अगर आपको उसकी आदत हो जाती है तो फिर आपको नुकसान होने के चांस ज्यादा हो जाते है ।
जो लोग नए होते है उनको कभी ना कभी स्ट्रेटजी के नाम से फसाया जाता है । आपको बता दे की कोई भी स्ट्रेटजी स्टॉक मार्केट में १०० प्रतिशत सफल नही होती । अगर ऐसा होता तो बड़े बड़े investor तैयार बैठे होते जैसे स्ट्रेटजी को खरीदने के लिए ।
Regular Income in Stock Market:
शेयर मार्केट में लोग बड़े बड़े सपने लेकर आते है । हां, सपने सच होते भी है । किंतु हर किसी के सपने सच होना थोड़ा अटपटा होगा स्टॉक मार्केट में ।
जी हां , लोग ज्यादातर ऐसा सोचते है की स्टॉक मार्केट में रेगुलर इनकम कर सकते है । तो आपको बता दे की स्टॉक मार्केट में प्रॉफिट और लॉस दोनो होता है । अगर स्टॉक मार्केट में सिर्फ प्रॉफिट ही होता तो आज दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति नही होता जिसने स्टॉक मार्केट में पैसा कमाया ना हो ।
Profit से ज्यादा Loss :
स्टॉक मार्केट में सफल ट्रेडर बनने का गुरु मंत्र है प्रॉफिट ज्यादा करे और लॉस को कम करे । आपका प्रॉफिट आपके नुकसान से दुगना तो होना ही चाहिए तभी आप स्टॉक मार्केट में पैसा कमा सकते है ।
अगर आप कोई ट्रेड लेते है और उसमे नुकसान होता है तो फिर उस नुकसान को फिर से फायदे में बदलने का कभी wait ना करे । जल्दी से अपना नुकसान को रोक और उस ट्रेड से निकल जाए ।
ज्यादातर लोग इसी गलती के कारण अपना पूरा कैपिटल स्टॉक मार्केट में गवा देते है । आपको आपकी गलती को समझना पड़ेगा और उसको सुधारना पड़ेगा ।
न्यू ट्रेडर रिच ट्रेडर / New Trader, Rich Trader PDF Download Free Hindi Book by Steve Burns
जब नया ट्रेडर शुरुआत में मार्केट में कदम रखने की सोचता हैं तो वह अपने में हर सेकंड नया उत्साह महसूस करता हैं | वह अपने कंप्यूटर चालू करते हुए अपनी उन सारी मेहनत के बारे में सोचता हैं जो उसने आज तक पैसा कमाने के लिए की थी
जैसे अपनी पहली नौकरी पर किये गए ओवरटाइम के सभी घंटे, कुछ अतिरिक्त पैसा कमाने के लिए वीकेंड पर पिज्जा डिलीवर करना। लेकिन उसके जीवन का वह हिस्सा अब समाप्त हो चुका था जैसे ही उसने $10000 के व्यापार(Trade) करने हेतु अपना यूजरनेम और पासवर्ड टाइप किया उसके दिल की धड़कन तेज हो चली थी।
वह तैयार था। वह कैसे नहीं हो सकता? वह एक साल से अधिक समय से नकली खातों के माध्यम से व्यापार कर रहा था, वित्तीय समाचार देखता था, और क्या ट्रेडर बनना आसान है ऑनलाइन ट्रेडिंग गुरुओं का अनुसरण करता था। जिस तरह से उसने यह सब देखा, वह उसके लिए आसान था।