शेयरों का तकनीकी विश्लेषण

ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम

ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम

गोल्डमैन सैक्स ने क्रिप्टो मार्केट के लिए अगली बड़ी चीज का नाम दिया

गोल्डमैन सैक्स के क्रिप्टोकरेंसी डिवीजन के निदेशक एंड्री काज़ंतसेव ने भविष्यवाणी की है कि जैसे-जैसे अधिक पारंपरिक वित्तीय संस्थान क्रिप्टोकरेंसी में डब करना शुरू करेंगे, अधिक तरल विकल्प बाजार उभरेंगे। कज़ंतसेव के साथ एक पैनल चर्चा के हिस्से के रूप में, कॉइनडेस्क ने अपने पूर्वानुमानों पर चर्चा की।

डेरिवेटिव के माध्यम से जोखिम बीमा की मांग में भारी वृद्धि - विकल्प, उनके अनुसार - अब कंपनी द्वारा देखी जा रही है। वर्तमान में, बाजार डेटा एकत्र करने वाली एक कॉइनबेस सहायक कंपनी Skew का मानना ​​​​है कि इसमें लगभग $ 12 बिलियन का ओपन इंटरेस्ट है। किसी भी समय बिटकॉइन विकल्प। 2020 की पहली छमाही के दौरान, बाजार का मूल्य शायद ही कभी कुल मूल्य में $ 2 बिलियन से अधिक हो।

अपने मौजूदा जोखिमों को हेज करने के लिए या अधिक कीमत वाले लेनदेन के बदले में अधिक बाजार जोखिम लेने के लिए, निवेशकों द्वारा बिटकॉइन विकल्प नियोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, निवेश बैंक को लगता है कि अधिक तरल डिजिटल संपत्ति विकल्पों की शुरूआत अधिक संस्थागत को प्रोत्साहित करेगी- डिजिटल एसेट ट्रेडिंग के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए स्तर के प्रतिभागी।

"निगम नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो को रीसेट करने के बजाय लंबी अवधि में बचाव करना चाहेंगे, और वे इस तरह की कार्रवाई से जुड़े खतरों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। लेखकों के अनुसार, बचाव के लिए अधिक लचीले दृष्टिकोण हैं अकेले फ्यूचर्स के मुकाबले विकल्पों का उपयोग करने वाले कुछ जोखिम" - काज़ंतसेव ने और अधिक कहकर जारी रखा।

ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और दिवाली में इक्विटी और डेट कारोबार शुरू करने जा रहे उसके प्रतिद्वंद्वी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज-स्टॉक एक्सचेंज (एमसीएक्स-एसएक्स)के बीच तगड़ी प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद है। एमसीएक्स-एसएक्स ने सदस्यता के लिए आक्रामक अभियान की शुरुआत की है, इसके लिए उसने शुल्क, जमा और हैसियत संबंधी मानकों के लिए अनुकूल शर्तों की शुरुआत की है। इसमें पेशेवरों और गैर शहरी क्षेत्रों के सदस्यों के लिए छूट की व्यवस्था भी है। एनएसई ने इसका मुकाबला करने के लिए नए अल्फा सदस्यता वर्ग की शुरुआत की है। उसने अपने जमा और शुद्घ संपत्ति के मानक को घटाकर आधा कर दिया है और साथ ही शुरुआती सदस्यता शुल्क को समाप्त करने के अलावा मौजूदा सदस्यों को अल्फा में स्थानांतरित होने का अवसर भी दिया है। हालांकि एनएसई के जमा और हैसियत संबंधी मानक अभी भी एमसीएक्स-एसएक्स के प्रस्तावित ढांचे से अधिक हैं लेकिन कुछ एनएसई सदस्यों के लिए लेनदेन की लागत तकरीबन शून्य हो जाएगी। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का जमा ढांचा सबसे कम है और उम्मीद है ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम कि वह भी ऐसा ही करेगा क्योंकि वह भला पीछे क्यों रहना चाहेगा? उसके बाद दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज है जो लंदन स्टॉक एक्सचेंज के तकनीकी सहयोग से एक उत्कृष्ट ट्रेडिंग प्लेटफार्म की शुरुआत करने जा रहा है। एक्सचेंजों के बीच प्रतिस्पर्धा खासतौर पर हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (एचएफटी) को बढ़ावा दे सकती है। इससे उन सदस्यों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो एक्सचेंजों के अलग-अलग टर्मिनलों से सीधे जुड़े हुए हैं। अभी शेयर बाजारों में जो कारोबार हो रहा है उसमें 20 फीसदी हिस्सा हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग का है और यह और बढ़ सकता है। इस समय नकद कारोबार में एनएसई की हिस्सेदारी 80 फीसदी जबकि बीएसई की 19 फीसदी है। शेयरों के वायदा एवं विकल्प कारोबार में दोनों के बीच इतना अंतर नहीं है। इंडेक्स के विकल्प कारोबार में बीएसई की ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम अच्छी हिस्सेदारी है जबकि वायदा कारोबार में एनएसई को बढ़त हासिल है। एमसीएक्स-एसएक्स के आने से बाजार ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम का दायरा और बढ़ेगा। इसकी शुरुआत भी मौके से हो रही है: हाल में उठाए गए नीतिगत सुधार संबंधी कदमों से कारोबारियों का उत्साह बढ़ा है और संस्थागत विदेशी निवेश (एफआईआई) में भी इजाफा हुआ है। प्रतिस्पर्धा से कारोबार में कुशलता भी बढ़ेगी, लेनदेन की लागत बहुत कम हो जाने से शेयरों के भाव भी यथार्थ के निकट रहेंगे। हाई फ्रीक्वेंसी के सौदे मौजूद रहने से इस बात की गारंटी रहती है कि कीमतों में मामूली अंतर से भी फायदा उठाया जा सकता है। ऐसे में कारोबारी बढिय़ा सौदे की खरीद करेंगे क्योंकि एक्सचेंज मामूली से अंतर के साथ उसी तरह के सौदे के लिए काफी कुछ पेश करेंगे। मसलन एमसीएक्स-एसएक्स की सेंसेक्स और निफ्टी से होड़ के लिए अपना निजी सूचकांक लाने की योजना है। हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग से अचानक तेज उतारचढ़ाव हो सकता है। बजट या चुनाव के दिनों, जंग,प्राकतिक आपदा अथवा आतंकी हमले जैसी स्थिति में कीमतों में भारी बढ़त और गिरावट हमेशा देखने को मिलती है। ऐसे में मार्जिन प्रणाली की विश्वसनीयता अहम हो जाती है। भारतीय शेयर बाजार इसके लिए मानक तरीका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे भी मौके रहे हैं जब अप्रत्याशित घटनाओं का असर तो पड़ा लेकिन बाजार की प्रणाली दुरुस्त बनी रही। अगर जमा और हैसियत का आधार घटाया जाता है तो बड़ी घटनाओं के वक्त डिफाल्ट होने का जोखिम बढ़ जाएगा। ऐसे में बाजार नियामक को मार्जिन प्रणाली पर चौकस नजर रखनी होगी और नियमों का पालन हर हाल में कराना होगा।

जोखिम अस्वीकरण

विदेशी मुद्राओं में व्यापार करते समय काफी मात्रा में जोखिम अंतर्निहित होता है, जिसे तत्काल भुगतान निपटान, आगे का भाव तय करके, दिन के व्यापार और विकल्पों के आधार पर किया जाता है। राशि जमा करने और LexaTrade सर्वर पर ट्रेड शुरू करने से पहले, आपको पहले अपनी वित्तीय स्थिति को आँकना चाहिए। केवल उसी पूंजी से ट्रेड करें, जो आपके जीवन और भली-भाँति रहने के लिए आवश्यक नहीं है । यह इस तथ्य के कारण है कि विदेशी मुद्रा में किसी ट्रेड के कार्य में आंशिक या कुल नुकसान हो सकता है।

आपको LexaTrade वेबसाइट पर विदेशी मुद्रा व्यापार से उत्पन्न होने वाले किसी संभावित जोखिम से जुड़ी पूरी जानकारी से खुद को अवगत कराना चाहिए।

आपको समीक्षा करते समय पूर्वानुमान और विनिमय दरों के बारे में LexaTrade वेबसाइट पर पोस्ट की गई जानकारी पर पूरी तरह से भरोसा नहीं करना चाहिए। प्रदान की गई जानकारी के आधार पर की गई कार्रवाइयों के लिए LexaTrade ज़िम्मेदार नहीं है। वेबसाइट पर दी गई जानकारी व्यापारिक जोखिमों को कम नहीं करती, उसे केवल सूचित करने के लिए दिया गया है।

महत्वपूर्ण: संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, तुर्की और जापान के नागरिकों के लिए ट्रेड सेवा का उपयोग निषिद्ध है।

ग्राहक इस बात से सहमत है कि ग्राहक और कंपनी के बीच सभी संबंध समझौते द्वारा तय किए जाएँगे। यदि आवश्यक हो, तो पार्टियाँ आपसी अधिकारों और दायित्वों के पूरक अतिरिक्त समझौतों पर हस्ताक्षर करने की हकदार हैं।

समझौता ग्राहक के हस्ताक्षर और कंपनी के प्रतिनिधि की उपस्थिति में मान्य है, जिसे कंपनी की मुहर द्वारा स्वीकृत किया गया हो। अयोग्य व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित या कंपनी की मुहर के बिना कोई समझौता अमान्य है, और कंपनी उस समझौते के लिए उत्तरदायी नहीं है।

इस समझौते से, ग्राहक संभावित जोखिमों से परिचित होने तथा स्वीकृति की पुष्टि करता है और यह कि वह कंपनी की सेवा पर ट्रेडिंग ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम का काम करने में अपनी ज़िम्मेदारी से अवगत है।

Mutual Funds में लगाने जा रहे हैं पैसे! निवेश पर रिटर्न तो मिल सकता है तगड़ा, रिस्क पर गौर किया क्या? यहां समझ लें

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Mutual Funds investment Risk: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेश का एक शानदार जरिया है. इसमें परंपरागत निवेश विकल्पों के मुकाबले रिटर्न भी ज्यादा मिलता है. आप एकमुश्त भी इसमें निवेश कर सकते हैं और चाहें तो एसआईपी के जरिये हर महीने एक तय छोटी रकम के साथ भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. लेकिन लोग म्यूचुअल फंड में निवेश पर रिटर्न की तो बात करते हैं, ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम लेकिन रिस्क (Mutual Funds Risk) किस तरह के हैं, इस पर ज्यादा गौर नहीं करते. हालांकि जानकारों का कहना है कि म्यूचुअल फंड में निवेश में शेयर मार्केट के मुकाबले कम है, लेकिन है जरूर.

हाउस आंत्रप्रेन्योर: हाउस वाइफ शेयर ट्रेडिंग को बना सकती हैं अपनी कमाई का जरिया, इसकी ट्रेनिंग लेकर पा सकती हैं कामयाबी

गृहिणियों के पास फुल टाइम जॉब करने वालों की तुलना में सीखने के लिए ज्यादा समय होता है। अगर इस फ्री-टाइम में महिलाएं शेयर ट्रेडिंग सीखें तो अपने लिए पैसे कमाने का अवसर पैदा कर सकती हैं। एडिटर इंडिया, फोर्ब्स एडवाइजर आशिका जैन बता रही हैं हाउस वाइफ को इस काम में कैसे मिल सकती है सफलता :

1. शेयर ट्रेडिंग को अकसर ब्रोकरेज हाउसेज की विशेषज्ञता के तौर पर देखा जाता है। निजी स्तर पर शेयर बाजार ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम में ट्रेडिंग को काफी कठिन माना जाता है। लेकिन, जिनकी गणित में रुचि है और जिन्हें नंबर के साथ प्रयोग करना पसंद है, उनके लिए शेयर ट्रेडिंग गेम चेंजर साबित हो सकती है।

2. माना ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम जाता है कि महिलाओं का भावनात्मक पक्ष पुरुषों से बेहतर होता है। अगर इस मजबूत पक्ष को बुद्धिमता से जोड़ा जाए तो स्टॉक ट्रेडिंग में अच्छी सफलता हासिल की जा सकती है। कई ऐसे एप मौजूद हैं जिनकी मदद से महिलाएं ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकती हैं।

3. किसी भी ब्रोकरेज हाउस के एप के जरिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए ट्रेडिंग का काम किया जा सकता है। हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण होगा कि स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग का मतलब सिर्फ फायदा नहीं होता है। अगर आपका दांव उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा तो पूरी संभावना है कि ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम नुकसान हो जाए।

4. ट्रेडिंग शुरू करने से पहले शेयर मार्केट से जुड़े जोखिम को समझना होगा। तब क्या इस पर समय और ऊर्जा खर्च करना फायदेमंद है? इसका उत्तर है हां। अगर आपके पास विश्लेषण करने लायक दिमाग है और आप यह समझ सकती हैं कि कोई समाचार दुनियाभर के देशों और अर्थव्यवस्थाओं पर कैसे असर डालतl है तो स्टॉक ट्रेडिंग के जरिए निश्चित रूप से पैसे कमाए जा सकते हैं।

5. इस काम की सबसे रोचक बात यह है कि आप सिर्फ कंपनियों के स्टॉक में ट्रेड करने तक सीमित नहीं रहेंगी। आप तेल, गोल्ड जैसी कमोडिटी में भी ट्रेडिंग विकल्पों से जुड़े जोखिम ट्रेडिंग कर सकती हैं। इसके अलावा फ्यूचर ट्रेडिंग का विकल्प भी खुला है।

6. अगर आप ट्रेडिंग करना चाहती हैं तो ट्रेनिंग लेना बेहतर हाेगा। कई एकेडमी इसका फॉर्मल कोर्स ऑफर करती हैं। वहीं, कई संस्थान ऑनलाइन लर्निंग की सुविधा देते हैं। बीएसई-एनएसई के कोर्स भी किए जा सकते हैं। अगर आप पैसे खर्च नहीं करना चाहती हैं तो यूट्यूब पर भी इससे जुड़ी जानकारी जुटा सकती हैं।

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